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  • $75-90 के दायरे में रह सकता है कच्चा तेल, चीन की तरफ से मांग कम होने से कीमतों में गिरावट: – नरेंद्र तनेजा

    $75-90 के दायरे में रह सकता है कच्चा तेल, चीन की तरफ से मांग कम होने से कीमतों में गिरावट: – नरेंद्र तनेजा

    Commodity Market: 1 दिन में कच्चे तेल का दाम 2% से ज्यादा गिरा है। ब्रेंट का भाव 78 डॉलर के नीचे फिसला जबकि WTI में $74 के नीचे कारोबार हो रहा है। इधर एमसीएक्स पर कच्चा तेल 6200 रुपये के नीचे फिसला है। चीन में डिमांड घटने की आशंका और गाजा सीजफायर वार्ता से कच्चे तेल में गिरावट देखने को मिल रही है। ब्रेंट 2 परसेंट फिसलकर 78 डॉलर के नीचे आय। उधर रिकॉर्ड रैली के बाद गोल्ड में भी नरमी देखने को मिल रही है।

    दरअसल अमेरिका ने कहा है कि इजरायल संघर्ष विराम के लिए तैयार है। इजरायल अमेरिका समर्थित प्रस्ताव को माना है। एंटनी ब्लिंकन ने बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की है। बता दें कि एंटनी ब्लिंकन अमेरिका के विदेश मंत्री हैं। यूएस का कहना है कि हमास संघर्ष विराम करे और बंधकों को छोड़े। इस बीच ब्लिंकन मिस्र, इजरायल की 3 दिनों की यात्रा पर निकलें है। वहीं चीन की कमजोर मांग ने भी कच्चे तेल पर दबाव बनाया है।

    भारत में तेल की खपत बढ़ी

    कच्चे तेल में आई गिरावट पर बात करते हुए एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतें कम होने के आसार पहले से ही थे। रूस-यूक्रेन, ईजरायल-गाजा युद्ध में मध्यस्थता बन सकती है। चीन की तरफ से मांग कम होने से कीमतों में गिरावट देखने को मिल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि चीन में भारी आर्थिक संकट की स्थिति बनी हुई है। भारत में तेल की खपत बढ़ रही है। आगे क्रूड 75-90 डॉलर के दायरे में रह सकता है।

    (डिस्क्लेमर: The News Air पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

  • राहुल गांधी ने लोकसभा में उठाया वायनाड भूस्खलन का मुद्दा,

    राहुल गांधी ने लोकसभा में उठाया वायनाड भूस्खलन का मुद्दा,

    लोकसभा में एक संबोधन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से वायनाड में विनाशकारी भूस्खलन के पीड़ितों के लिए मुआवजा बढ़ाने का आह्वान किया। गांधी ने कहा कि मैंने कुछ दिन पहले अपनी बहन के साथ वायनाड का दौरा किया और इस त्रासदी से उत्पन्न दर्द और पीड़ा को प्रत्यक्ष रूप से देखा। 200 से अधिक लोगों की जान चली गई है और कई अभी भी लापता हैं। आपदा के पैमाने पर जोर देते हुए, गांधी ने केंद्र सरकार से वायनाड के लिए एक व्यापक पुनर्वास पैकेज लागू करने का आग्रह किया, जिसमें आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे और सामुदायिक सहायता पर ध्यान केंद्रित किया जाए। 

    राहुल गांधी ने वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की भी मांग की। उन्होंने अपने बयान में कहा कि यह बहुत बड़ी त्रासदी है। मैं केंद्र सरकार से वायनाड के लिए एक व्यापक पुनर्वास पैकेज का समर्थन करने का आग्रह करूंगा जिसमें आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे का निर्माण और समुदायों की मदद करना शामिल है। मैं सरकार से वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का भी आग्रह करना चाहूंगा। इसके अलावा, राहुल गांधी ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, नौसेना, तटरक्षक बल, अग्निशमन विभाग और कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे पड़ोसी राज्यों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों की सराहना की।

    इससे पहले, वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एंटनी ने गांधी की भावनाओं को दोहराया। मुख्यमंत्री राहत कोष में 50,000 रुपये का योगदान देने के बाद, एके एंटनी ने केंद्र सरकार से भूस्खलन से प्रभावित लोगों को पर्याप्त वित्तीय और अन्य प्रकार की सहायता देने का आग्रह किया। एंटनी ने एकता और समर्थन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “यह झगड़ने का समय नहीं है।” इस बीच, केरल के सामान्य शिक्षा और श्रम मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने घोषणा की कि वायनाड के भूस्खलन प्रभावित इलाकों के स्कूल, जो वर्तमान में राहत शिविरों के रूप में काम कर रहे हैं, जल्द ही कक्षाएं फिर से शुरू करेंगे।

  • तिहाड़ जेल के बाहर बीजेपी का हल्लाबोल, सीएम केजरीवाल से मांगा इस्तीफा

    तिहाड़ जेल के बाहर बीजेपी का हल्लाबोल, सीएम केजरीवाल से मांगा इस्तीफा

    Arvind Kejriwal News: भाजपा ने मंगलवार को तिहाड़ जेल के बाहर प्रदर्शन कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की। उच्च न्यायालय ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा है।हाथों में तख्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने तिहाड़ जेल के बाहर नारे लगाए, जहां केजरीवाल बंद हैं।

    तिहाड़ में बंद हैं सीएम केजरीवाल

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कथित आबकारी घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को बरकरार रखा।उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका का निपटारा कर दिया तथा उन्हें राहत के लिए निचली अदालत में जाने की स्वतंत्रता प्रदान की।यह दावा करते हुए कि शासन और प्रशासन पंगु हो गया है, भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आदेश के बाद केजरीवाल को जेल से सरकार चलाने पर जोर देने के बजाय तुरंत पद छोड़ देना चाहिए।

    कोई भी मंत्री जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं

    उन्होंने आरोप लगाया, “आप सरकार का कोई भी मंत्री किसी भी मुद्दे की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है और वे अधिकारियों पर दोष मढ़ने में व्यस्त हैं। भ्रष्टाचार नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है और दिल्ली के लोग इस गंदी स्थिति में पिस रहे हैं।”केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धन शोधन के एक मामले में न्यायिक हिरासत में बंद थे।मुख्यमंत्री को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। धन शोधन मामले में उन्हें 20 जून को निचली अदालत से जमानत मिल गई थी। हालांकि, उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी।12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत भी दे दी थी।

  • Infosys को 32,403 करोड़ रुपये की जीएसटी मांग को लेकर नोटिस

    Infosys को 32,403 करोड़ रुपये की जीएसटी मांग को लेकर नोटिस

    देश की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी इन्फोसिस को लगभग 32,403 करोड़ रुपये कथित जीएसटी चोरी को लेकर नोटिस मिला है।

    कंपनी ने बीएसई को दी सूचना में कहा कि कर्नाटक राज्य जीएसटी प्राधिकरण ने लगभग 32,403 करोड़ रुपये जीएसटी (माल एवं सेवा कर) भुगतान को लेकर नोटिस दिया है।

    यह मामला जुलाई, 2017 से मार्च, 2022 के बीच का है। यह इन्फोसिस लि. के विदेशों में स्थित शाखा कार्यालयों के खर्चों से संबंधित है।
    कंपनी ने कहा कि उसने नोटिस का जवाब दे दिया है।

    इन्फोसिस के अनुसार, ‘‘…कंपनी को इसी मामले पर जीएसटी आसूचना के महानिदेशक से भी कारण बताओ नोटिस मिला है और कंपनी इसका जवाब देने की प्रक्रिया में है।’’

    कंपनी का मानना ​​है कि नियमों के मुताबिक ऐसे खर्चों पर जीएसटी लागू नहीं होता है।
    इन्फोसिस ने कहा, ‘‘इसके अलावा, जीएसटी परिषद की सिफारिशों पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के एक हाल के परिपत्र के अनुसार विदेशी शाखाओं द्वारा भारतीय इकाई को प्रदान की जाने वाली सेवाएं जीएसटी के अंतर्गत नहीं आती हैं।’’ कंपनी ने कहा, ‘‘इन्फोसिस ने अपने सभी जीएसटी बकाया का भुगतान कर दिया है और इस मामले पर केंद्र और राज्य के नियमों का पूरी तरह से अनुपालन कर रही है।

  • लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के घट सकते हैं प्रीमियम, नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री से GST हटाने की मांग की

    लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के घट सकते हैं प्रीमियम, नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री से GST हटाने की मांग की

    देश के लाखों इंश्योरेंस प्रॉपर्टी लेने वालों को आने वाले दिनों में राहत मिल सकती है। दरअसल, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, नितिन गडरकी ने इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को खत्म करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है। अगर, इस पत्र की मांग को मांगते हुए वित्त मंत्री बीमा प्रीमियम पर से जीएसटी खत्म करती है तो इससे लाखों लोगों को राहत ​मिलेगा क्योंकि प्रीमियम कम हो जाएगी। गडकरी ने अपने पत्र में कहा कि वे नागपुर मंडल जीवन बीमा निगम कर्मचारी संघ के ज्ञापन के बाद यह पत्र वित्त मंत्री को लिखा है। मंत्री ने पत्र में लिखा है कि संघ द्वारा उठाया गया मुख्य मुद्दा जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर जीएसटी वापस लेने से संबंधित है।

    18 प्रतिशत की दर से लगता है जीएसटी 

    जीवन बीमा और हेल्थ इंश्योरेंस दोनों के प्रीमियम पर अभी 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है। पत्र में लिखा गया है कि जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने के समान है। उन्होंने कहा, “संघ का मानना ​​है कि जो व्यक्ति परिवार को कुछ सुरक्षा देने के लिए जीवन की अनिश्चितताओं के जोखिम को कवर करता है, उससे इस जोखिम के लिए कवर खरीदने के प्रीमियम पर कर नहीं लगाया जाना चाहिए। इसी तरह, चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर 18% जीएसटी इस व्यवसाय के विकास के लिए बाधक साबित हो रहा है, जो सामाजिक रूप से आवश्यक है। इसलिए, उन्होंने बीमा प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को वापस लेने का आग्रह किया है।”

    जीएसटी खत्म करने पर जल्द विचार करें 

    गडकरी ने कहा कि उनसे मिलने वाले यूनियन ने जीवन बीमा के माध्यम से बचत के लिए अलग-अलग व्यवहार, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए आईटी कटौती की पुनः शुरूआत और सार्वजनिक और क्षेत्रीय सामान्य बीमा कंपनियों के एकीकरण से संबंधित मुद्दे भी उठाए। पूर्व भाजपा प्रमुख ने पत्र में कहा है, “उपर्युक्त के मद्देनजर, आपसे अनुरोध है कि जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को वापस लेने के सुझाव पर प्राथमिकता के आधार पर विचार करें क्योंकि यह नियमों के अनुसार वरिष्ठ नागरिकों के लिए बोझिल हो जाता है, साथ ही अन्य प्रासंगिक बिंदुओं पर उचित सत्यापन भी किया जाना चाहिए।”

  • ऑपरेशन चक्र के तहत CBI ने गुरुग्राम से 43 लोगों को अरेस्ट किया, तीन की मांगी कस्टडी

    ऑपरेशन चक्र के तहत CBI ने गुरुग्राम से 43 लोगों को अरेस्ट किया, तीन की मांगी कस्टडी

    केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने चल रहे ‘ऑपरेशन चक्र-III’ के हिस्से के रूप में 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर दुनिया के कई देशों के खिलाफ संचालित एक परिष्कृत साइबर सक्षम वित्तीय अपराध नेटवर्क में शामिल पाए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि अपराध नेटवर्क इनोनेट टेक्नोलॉजीज (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के तहत चलाया जा रहा था और इसे 2022 से कई देशों में संचालित किया जा रहा था। अधिकारियों ने कहा कि ऑपरेशन चक्र-III को एफबीआई (यूएसए) और इंटरपोल सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग से अंजाम दिया गया था।

    सीबीआई के अंतर्राष्ट्रीय संचालन प्रभाग ने 22 जुलाई, 2024 को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध के लिए मामला दर्ज किया था, जिसमें धारा 420, 467, 468 और 471 के साथ पढ़ी जाने वाली धारा 120 बी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 डी शामिल थी। अधिकारी ने कहा कि दिल्ली, गुड़गांव और नोएडा में सात स्थानों पर तलाशी ली गई और यह पता चला कि इस नेटवर्क में अंतरराष्ट्रीय साइबर-सक्षम वित्तीय अपराधों को वितरित केंद्रों में समन्वित किया जा रहा था, जो मुख्य रूप से डीएलएफ साइबर सिटी, गुरुग्राम से संचालित होने वाले कॉल सेंटर से निर्देशित थे।

    अधिकारी ने कहा कि सीबीआई द्वारा गुरुवार और शुक्रवार को की गई तलाशी के दौरान, लाइव साइबर आपराधिक अभियानों को रोका गया और पर्याप्त सबूत जुटाए गए हैं।

    अधिकारियों ने यह भी कहा कि सीबीआई की जांच टीमों ने अब तक 130 कंप्यूटर हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, आपत्तिजनक दस्तावेज, वित्तीय लेनदेन विवरण, कॉल रिकॉर्डिंग, पीड़ित विवरण और पीड़ितों को लक्षित करने के लिए इस्तेमाल की गई प्रतिलिपियां बरामद की हैं।

  • Nestle India Q1 Result: मैगी कंपनी की जून तिमाही ने किया निराश,

    Nestle India Q1 Result: मैगी कंपनी की जून तिमाही ने किया निराश,

    Nestle India Q1 Result: मैगी-किटकैट बनाने वाली नेस्ले इंडिया के लिए चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही कुछ खास नहीं रही। इसकी घरेलू सेल्स महज 1 फीसदी बढ़ी। यह सीएनबीसी-टीवी18 के पोल से काफी कम रही। पोल में 4-6 फीदी की ग्रोथ का अनुमान लगाया गया था। इस कमजोर नतीजे पर इसके शेयर 3 फीसदी से अधिक टूट गए। दिन के आखिरी में BSE पर यह 2.63 फीसदी की गिरावट के साथ 2477 रुपये के भाव पर बंद हुए हैं। इंट्रा-डे में यह कमजोर नतीजे के चलते 3.29 फीसदी फिसलकर 2460.00 रुपये के भाव (Nestle Share Price) तक आ गया था।

    Nestle India Q1 रिजल्ट की खास बातें

    नेस्ले इंडिया को जून तुमाही में सालाना आधार पर 6.9 फीसदी अधिक यानी 746.6 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हासिल हुआ। सीएनबीसी-टीवी18 के पोल में 815 करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे का अनुमान लगाया गया था। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू 3.3 फीसदी उछलकर ₹4,814 करोड़ रुपये पर तो पहुंचा लेकिन अनुमान 5075 करोड़ रुपये का लगाया गया था। EBITDA की बात करें तो 1205 करोड़ रुपये के अनुमान के मुकाबले वास्तव में यह 1,103 करोड़ रुपये ही रहा। सालाना आधार पर इसमें 4.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। EBITDA मार्जिन 0.20 फीसदी उछलकर 22.9 फीसदी पर पहुंच गया लेकिन अनुमान 23.7 फीसदी का था। कंपनी के चेयरमैन और एमडी सुरेश नारायणन का कहना गै कि खपत की कम ग्रोथ, फूड इनफ्लेशन से जुड़ी चिंता और कमोडिटी की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद सेल्स ग्रोथ अच्छी रही। जून तिमाही में नेस्ले के टॉप-12 ब्रांड्स में से पांच की ग्रोथ दोहरे अंकों में रही।

    एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल

    नेस्ले के शेयर पिछले साल 18 अगस्त 2023 को एक साल के निचले स्तर 2,145.28 रुपये पर था। इस निचले स्तर से करीब 5 महीने में यह 29 फीसदी से अधिक उछलकर 2 जनवरी 2024 को 2,770.75 रुपये पर पहुंच गया। यह इसके शेयरों के लिए रिकॉर्ड हाई है। हालांकि शेयरों की यह तेजी यहीं थम गई और इस हाई से फिलहाल यह करीब 11 फीसदी डाउनसाइड है।

  • बजट पर विपक्ष का घमासान जारी, कांग्रेस ने रखी पांच मांगे

    बजट पर विपक्ष का घमासान जारी, कांग्रेस ने रखी पांच मांगे

    नई दिल्ली, 25 जुलाई (The News Air): मोदी सरकार के बजट 2024 से जहां सत्ता पक्ष खुश दिखी तो वहीं विपक्ष इससे निराश दिखा। कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने यूपी को फिर धोखा दिया है। बजट में बेरोजगारी, महंगाई, किसान, महिला, युवा का मुद्दा नौ दो ग्यारह हो गया है। सरकार महंगाई नहीं कम करना चाहती है। यह बजट भी नाउम्मीदगी का पुलिंदा है। आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि यूपी के किसानों के लिए इस बजट में कुछ नहीं है। कुछ पूंजीपतियों को छोड़कर यह बजट देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों और वंचितों के सपनों पर पानी फेरने वाला है। राहुल गांधी ने कहा कि “कुर्सी बचाओ” बजट,सहयोगियों को खुश करना दूसरे राज्यों के हितों को नुकसान पहुंचाकर अपने सहयोगी दलों को खुश करने के लिए खोखले वादे। आम भारतीयों को कोई राहत नहीं, सिर्फ उन्हीं को फायदा पहुंचाना जिनसे सरकार को फायदा होता है। पिछले बजट और कांग्रेस के घोषणा पत्रों को ही कॉपी करके नया बजट बनाना।

  • IAS पूजा खेडकर के माता-पिता की वैवाहिक स्थिति क्या है? केंद्र ने पुणे पुलिस से मांगा ब्यौरा

    IAS पूजा खेडकर के माता-पिता की वैवाहिक स्थिति क्या है? केंद्र ने पुणे पुलिस से मांगा ब्यौरा

    यूपीएससी परीक्षा में धोखाधड़ी से ओबीसी गैर-क्रीमी लेयर का लाभ उठाने के आरोपों के बीच केंद्र ने पुणे पुलिस को विवादास्पद आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर के माता-पिता की वैवाहिक स्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया है। यह दावा करके कि वे अलग हो गए हैं। खेडकर पर हाल ही में महाराष्ट्र में पुणे जिला कलेक्टरेट में अपने प्रशिक्षण के दौरान उन लाभों और सुविधाओं की मांग करके शक्ति और विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का आरोप है जिनकी वह हकदार नहीं थीं।

    उन पर हर किसी को धमकाने और उनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक निजी ऑडी कार के ऊपर लाल-नीली बत्ती लगाने का भी आरोप लगाया गया था, जिस पर उनके कार्यकाल के दौरान ‘महाराष्ट्र सरकार’ भी लिखा हुआ था। उनके खिलाफ पिछले हफ्ते दिल्ली में गलत बयानी और गलत तथ्य पेश करने के लिए एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। संघ लोक सेवा आयोग ने 2022 परीक्षा के लिए उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के संबंध में एक कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से प्रतिबंधित करने पर विचार कर रहा है।

    पुणे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि केंद्र सरकार ने उन्हें यह बताने के लिए कहा है कि क्या पूजा खेडकर के माता-पिता – मां मनोरमा और पिता दिलीप – तलाकशुदा थे। अधिकारी ने कहा कि हमें यह पता लगाने और केंद्र सरकार को सूचित करने के लिए कहा गया है कि क्या पूजा खेडकर के माता-पिता का तलाक हुआ था। इसने हमसे उनकी शादी/तलाक की वास्तविक स्थिति को सत्यापित करने के लिए कहा है। यूपीएससी ने पिछले हफ्ते फर्जी पहचान दिखाकर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने के आरोप में पूजा खेडकर के खिलाफ पुलिस मामला दर्ज करने सहित कई कार्रवाई कीं।

  • बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर क्यों लगी है आग?

    बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर क्यों लगी है आग?

    बांग्लादेश,18 जुलाई (The News Air): सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर बांग्लादेश के तमाम शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं। हालात किस कदर बेकाबू हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में मंगलवार को 3 विद्यार्थियों सहित कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा अन्य लोग घायल हो गए। अधिकारियों को मंगलवार को 4 प्रमुख शहरों में अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के जवानों को बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा। इससे पूर्व सैकड़ों पुलिसकर्मी रात भर देश भर के सार्वजनिक विश्वविद्यालय परिसरों में तैनात रहे।

    अगले आदेश तक देश में स्कूल-कॉलेज बंद

    बता दें कि पुलिस और मीडिया ने राजधानी ढाका और उत्तरपूर्वी बंदरगाह शहर चट्टोग्राम में 2 और लोगों की मौत होने की सूचना दी है, जबकि इससे पहले राजधानी ढाका, चट्टोग्राम और उत्तर पश्चिमी रंगपुर में 4 लोग की मौत हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृतकों में कम से कम तीन छात्र हैं। इन सबके बीच सरकार ने बढ़ती हिंसा के मद्देनजर अगले आदेश तक स्कूल और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है। शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी हाई स्कूल, कॉलेज, मदरसे और ‘पॉलिटेक्निक’ संस्थान अगले आदेश तक बंद रहेंगे।’

    आंदोलन में सबसे आगे ढाका यूनिवर्सिटी के छात्र

    प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मौजूदा आरक्षण व्यवस्था सरकारी सेवाओं में मेधावी छात्रों के नामांकन को काफी हद तक रोक रही है। ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों ने फर्स्ट और सेकंड क्लास की सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए चल रहे विरोध प्रदर्शन में अग्रणी भूमिका निभाई है। छात्रों की मांग है कि मौजूदा आरक्षण प्रणाली में सुधार करते हुए प्रतिभा के आधार पर सीटें भरी जाएं। हालांकि देखा जाए तो छात्र जिस आरक्षण व्यवस्था को खत्म करने की मांग कर रहे हैं वह मौजूदा समय में है ही नहीं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के बच्चों और पौत्र-पौत्रियों के लिए  30 फीसदी आरक्षण लागू करने के हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई हुई है।

    सियासी दलों की एंट्री से बिगड़ गए हालात

    शुरुआत में छात्रों का प्रदर्शन काफी शांतिपूर्ण था लेकिन बाद में इसमें विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी समेत कई विपक्षी दलों की भी एंट्री हो गई। बाद में विपक्ष के छात्र संगठनों और सत्ता पक्ष के छात्र संगठनों में हुई झड़पों के बाद प्रदर्शन हिंसक होते चले गए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे सोमवार को ढाका और उसके बाहरी इलाकों में 2 सरकारी यूनिवर्सिटियों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, तभी उन पर सत्तारूढ़ पार्टी के छात्र कार्यकर्ताओं ने लाठी, पत्थर व चाकू आदि से हमला कर दिया। हालांकि सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष पर छात्रों को भड़काने और प्रदर्शन की आड़ में अपने सियासी हित साधने के आरोप लगाए हैं।Bangladesh news, Bangladesh students news, Bangladesh students protestsबांग्लादेश में आरक्षण व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर प्रदर्शन में कम से कम 6 लोगों की मौत हो चुकी है।

    कैसी रही है बांग्लादेश की आरक्षण व्यवस्था?

    बता दें कि बांग्लादेश में 30 फीसदी नौकरियां 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के बच्चों और पौत्र-पौत्रियों के लिए, प्रशासनिक जिलों के लिए 10 प्रतिशत, महिलाओं के लिए 10 प्रतिशत, जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए 5 प्रतिशत और शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए 1 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित रही हैं। आरक्षण व्यवस्था के तहत महिलाओं, दिव्यांगों और जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान है। इस रिजर्वेशन सिस्टम को 2018 में निलंबित कर दिया गया था, जिससे उस समय इसी तरह के विरोध प्रदर्शन रुक गए थे।

    क्यों शुरू हुआ आरक्षण को लेकर ताजा बवाल?

    बता दें कि पिछले महीने बांग्लादेश के हाई कोर्ट ने स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले नायकों के परिवार के सदस्यों के लिए 30 प्रतिशत कोटा बहाल करने का आदेश दिया। 2018 से बंद व्यवस्था के फिर से शुरू होने के बाद नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रदर्शनकारी दिव्यांग लोगों और जातीय समूहों के लिए 6 प्रतिशत कोटे का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन वे स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के वंशजों को आरक्षण के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि आंदोलन के नायकों की तीसरी पीढ़ी को आरक्षण क्यों दिया जाए। उनका कहना है कि इस व्यवस्था से मेरिट वाले छात्रों को नुकसान होता है और इसे खत्म किया जाना चाहिए।

    सुप्रीम कोर्ट ने लगाई हाई कोर्ट के आदेश पर रोक

    बता दें कि पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर 4 हफ्ते के लिए रोक लगा दी थी और चीफ जस्टिस ने प्रदर्शनकारियों से कहा था कि वे विरोध-प्रदर्शन समाप्त कर अपनी कक्षाओं में वापस लौट जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह 4 हफ्ते के बाद इस मुद्दे पर फैसला करेगा। इसके बावजूद छात्रों के विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी है। बता दें कि छात्रों ने गुरुवार को पूरे बांग्लादेश में इस मुद्दे पर बंद का आवाह्न किया है। आंदोलन के एक प्रमुख समन्वयक आसिफ महमूद ने कहा कि इस दौरान देश में अस्पताल और आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे और केवल एम्बुलेंस सेवाओं को ही संचालित करने की अनुमति होगी। Bangladesh news, Bangladesh students news, Bangladesh students protestsप्रधानमंत्री शेख हसीना ने छात्रों से सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा रखने को कहा है।

    प्रधानमंत्री शेख हसीना ने राष्ट्र को किया संबोधित

    बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बुधवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में लोगों के मारे जाने पर गहरा खेद जताया और कहा कि इस मामले में एक न्यायिक जांच समिति गठित की जाएगी। हसीना ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे देश सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा बनाए रखें क्योंकि यह मुद्दा उसके पास लंबित है। उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि हमारे छात्रों को न्याय मिलेगा। वे निराश नहीं होंगे। मैं हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों की हर संभव सहायता करूंगी। मैं ऐलान करती हूं कि यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की जाएगी कि हत्या, लूटपाट और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वालों को उचित सजा मिले। चाहे वे कोई भी हों।

  • Captain Anshuman Singh के माता-पिता ने की Next of Kin Policy में बदलाव की मांग,

    Captain Anshuman Singh के माता-पिता ने की Next of Kin Policy में बदलाव की मांग,

    नई दिल्ली, 13 जुलाई (The News Air): पिछले साल जुलाई में आग लगने से जान बचाने के दौरान शहीद हुए कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता ने भारतीय सेना की ‘निकटतम परिजन’ नीति में बदलाव की मांग की है, जिसके तहत सेना के किसी जवान की मृत्यु के बाद उसके परिवार के सदस्यों या निकटतम रिश्तेदारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। बदलाव की मांग कैप्टन सिंह को राष्ट्रपति भवन में मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किए जाने के कुछ दिनों बाद की गई है। उनकी पत्नी स्मृति ने समारोह में पुरस्कार स्वीकार किया और अपने पति के साथ अपने जीवन के बारे में बात की, जिसका वीडियो इंटरनेट पर व्यापक रूप से साझा किया गया।

    माता-पिता ने बहू पर लगाए आरोप

    हालांकि, इसके कुछ दिनों बाद ही शहीद सैनिक के माता-पिता मीडिया के सामने आए और NOK नीति में बदलाव की मांग की। यह मांग उनके आरोपों से उपजी है कि स्मृति ने उनसे सभी संबंध तोड़ लिए हैं और उनके बेटे के मरणोपरांत सम्मान के साथ घर छोड़ दिया है। वीर जवान के पिता रवि प्रताप सिंह ने यह भी दावा किया कि 5 जुलाई को राष्ट्रपति द्वारा उनके बेटे को प्रदान किया गया कीर्ति चक्र भी वे नहीं उठा पाए, क्योंकि पुरस्कार समारोह के बाद उनकी बहू ने इसे वापस ले लिया।

    एनओके कानून में बदलाव की मांग करते हुए पिता ने दिवंगत सैनिक के माता-पिता और पत्नी को सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि और अन्य सुविधाओं में समायोजन को शामिल करने की भी मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को सैनिक के माता-पिता और पत्नी को सैन्य सम्मान की एक प्रति प्रदान करनी चाहिए, ताकि पत्नी के चले जाने की स्थिति में वे अपने बेटे की यादों को संजो सकें।

    भारतीय सेना के एनओके नियम क्या हैं?

    भारतीय सेना के नियमों के अनुसार, यदि सेवा में किसी भी कर्मी के साथ कुछ होता है, तो अनुग्रह राशि उसके निकटतम रिश्तेदार को दी जाती है। जब कोई व्यक्ति भारतीय सेना में सैनिक बन जाता है, तो उसके माता-पिता या अभिभावक मृत्यु के बाद मिलने वाली धनराशि के लाभार्थी बन जाते हैं या उनका नाम उसके निकटतम रिश्तेदार के रूप में दर्ज किया जाता है। हालाँकि, यदि कैडेट या अधिकारी विवाहित हो जाता है, तो NOK रिकॉर्ड में उसके माता-पिता का स्थान उसके पति या पत्नी को मिल जाता है।

     

  • Gujarat की बिजली मांग को पूरा करने के लिए डीवीसी ने जीयूवीएनएल के साथ किया समझौता

    Gujarat की बिजली मांग को पूरा करने के लिए डीवीसी ने जीयूवीएनएल के साथ किया समझौता

    दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) ने पश्चिम बंगाल में अपने आगामी रघुनाथपुर संयंत्र (दूसरा चरण) से 600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति के लिए गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

    डीवीसी सदस्य (वित्त) अरूप सरकार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि केंद्र ने बिजली खरीद समझौते (पीपीए) को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य पश्चिमी राज्य में बढ़ती बिजली मांग को पूरा करना है।

    उन्होंने कहा, ‘‘ डीवीसी पहली बार गुजरात को बिजली निर्यात करेगी। हम अभी दक्षिणी तथा उत्तरी राज्यों और बांग्लादेश को निर्यात करते हैं।’’
    समझौते के अनुसार, डीवीसी रघुनाथपुर परियोजना के दूसरे चरण में अपनी आगामी 1320 मेगावाट बेहद आवश्यक इकाइयों से बिजली उपलब्ध कराएगी।

    अधिकारी ने बताया कि परियोजना के 2027-28 तक व्यावसायिक रूप से चालू होने पर आपूर्ति शुरू हो जाएगी।
    इस समझौते पर जीयूवीएनएल के वडोदरा स्थित कॉर्पोरेट कार्यालय में उसके प्रबंध निदेशक जय प्रकाश शिवहरे सरकार और डीवीसी के कार्यकारी निदेशक (वाणिज्यिक) संजीव श्रीवास्तव की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

  • संजय सिंह ने हरियाणा से दिल्ली के हिस्से का पानी लेने के लिए ‘इंडिया’ से समर्थन मांगा

    संजय सिंह ने हरियाणा से दिल्ली के हिस्से का पानी लेने के लिए ‘इंडिया’ से समर्थन मांगा

    नई दिल्ली, 20 जून (The News Air) आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने बृहस्पतिवार को हरियाणा से दिल्ली के हिस्से का पानी लेने की लड़ाई में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का समर्थन मांगा। संजय सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिल्ली में गहराए जल सकंट के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ”वे प्रदर्शन करते हैं और नाटकबाजी करते हैं। अगर वे वास्तव में चाहते हैं कि दिल्ली को पानी मिले तो उन्हें हरियाणा भवन के बाहर प्रदर्शन करना चाहिए।”

    सिंह ने बताया कि दिल्ली सरकार की जल मंत्री आतिशी भाजपा शासित राज्य हरियाणा से दिल्ली के हिस्से का पानी लेने के लिए 21 जून से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करेंगी। उन्होंने कहा, ”मैं ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों से अपील करता हूं कि वे इस लड़ाई में हमारा साथ दें। हम हरियाणा से अपने हिस्से का पानी मांग रहे हैं।”

    भाजपा की दिल्ली ईकाई ने बुधवार को आतिशी पर पानी की कथित चोरी और कालाबाजारी से ध्यान भटकाने के लिए ‘नाटक’ करने का आरोप लगाया था। साथ ही उन्होंने इस मामले में आप सरकार को उसकी ‘निष्क्रियता’ के लिए बर्खास्त किए जाने की मांग भी की थी।

    (Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

  • Constitution Pocket: लोकसभा चुनाव के बाद बढ़ी संविधान के पॉकेट एडिशन की मांग,

    Constitution Pocket: लोकसभा चुनाव के बाद बढ़ी संविधान के पॉकेट एडिशन की मांग,

    नई दिल्ली, 16 जून (The News Air) लोकसभा चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दलों ने एक दूसरे के ऊपर जमकर कटाक्ष किए थे। इस दौरान कांग्रेस सांसद राहुल के गांधी के लाल रंग की एक किताब देखी जा रही थी। यह पॉकेट डायरी की तरह एक किताब थी। हर जगह उत्सुकता बढ़ गई कि आखिर इस किताब में क्या है। सोशल मीडिया में कहा गया था कि राहुल गांधी चीन का संविधान लेकर घूम रहे हैं। हालांकि इस किताब की हकीकत सामने आ चुकी है। लोकसभा चुनाव भी हो गए हैं। ये किताब छपना भी बंद हो गई है। लेकिन इस किताब की डिमांड इतनी ज्यादा बढ़ गई है, कि लोग पढ़ने के लिए तरस रहे हैं। आखिर यह किताब क्या है, आइये विस्तार से जानते हैं।

    लाल कवर वाली इस किताब में संविधा के बारे में जिक्र किया गया है। इसे पॉकेट डायरी के तौर पर बनाया गया है। संविधान का यह पॉकेट एडिशन लखनऊ स्थित ईस्टर्न बुक कंपनी (Eastern Book Company -EBC) ने प्रकाशित किया है। चुनाव के दौरान इसकी 5,000 से ज्यादा कॉपियां बिक चुकी हैं। अब यह एडिशन छपना बंद हो गया है। ईबीसी देश में संविधान के पॉकेट एडिशन का एकमात्र प्रकाशक है।

    संविधान के इस पॉकेट एडिशन की क्या है खासियत

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय संविधान के पॉकेट एडिशन का विचार सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन (Gopal Sankaranarayanan) का था। उन्होंने सुझाव दिया था कि हमें ऐसा एडिशन प्रकाशित करना चाहिए। जिसका इस्तेमाल करना आसान हो और वकील इसे अदालत में पेश कर सके। साल 2009 में करीब 700 से 800 कॉपी बिकी। पिछले कुछ सालों औसत बिक्री करीब 5,000-6,000 कॉपी रही। लेकिन जब मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी जैसे कांग्रेस नेताओं ने चुनावी रैलियों और प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस एडिशन को प्रमुखता से दिखाया गया, तो पॉकेट एडिशन की मांग में अचानक इजाफा देखने को मिला। शंकरनारायणन का कहना है कि यह किताब बेहद अहम है। हर किसी के जेब में यह होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मुझे खुशी है कि इस बार के चुनाव में इसे प्रमुखता से दिखाया गया है।

    वकीलों और लॉ कॉलेजों में पॉकेट एडिशन की बढ़ी मांग

    EBC के डायरेक्टर सुमित मलिक (Sumeet Malik) का कहना है कि इस साल इस किताब का यह 16वां एडिशन है। फरवरी से मई के बीच 5,000 से ज़्यादा प्रतियां बिक चुकी हैं। पहले, छपाई कम होती थी और किताब की सालाना 3,000 से 4,000 प्रतियां बिकती थीं। मौजूदा समय में ज्यादातर वकीलों और लॉ कॉलेजों के बीच इस किताब की डिमांड बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि साल साल 2024 में कांग्रेस कार्यालय ने भी थोक में ऑर्डर दिया है।

  • जारी रहेगी NEET-UG काउंसलिंग, हाईकोर्ट का रोक लगाने से इनकार,

    जारी रहेगी NEET-UG काउंसलिंग, हाईकोर्ट का रोक लगाने से इनकार,

    नई दिल्ली, 12 जून (The News Air) : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) स्नातक (यूजी) परीक्षा 2024 में कथित पेपर लीक और अनियमितताओं को लेकर मेडिकल कॉलेजों में छात्रों के प्रवेश के लिए काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को भी अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया है और मामले को 5 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। आज की सुनवाई के दौरान, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले के सभी मामलों को विभिन्न उच्च न्यायालयों से उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरित करने का अनुरोध करने के लिए परीक्षण एजेंसी द्वारा एक स्थानांतरण याचिका दायर की जा रही है। 

    उन्होंने कहा, इस कदम का उद्देश्य छात्रों के बीच भ्रम और परस्पर विरोधी आदेशों से बचने के लिए सुनवाई को समेकित करना है। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि एनटीए जल्द ही मामलों के हस्तांतरण की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक स्थानांतरण याचिका दायर करेगी और इसलिए मामले को सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया जाएगा। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें चिकित्सा विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 2022 में आयोजित नीट-पीजी परीक्षा में विसंगतियों का आरोप लगाया गया था और उत्तर कुंजी तथा उत्तर पुस्तिकाओं को सार्वजनिक किए जाने का अनुरोध किया गया था।

    न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाशकालीन पीठ ने 2022 में प्रीतिश कुमार नामक एक अभ्यर्थी और अन्य द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा, समय बीत जाने के कारण ये याचिकाएं निरर्थक हो गई हैं। कुमार और अन्य के वकील ने कहा कि याचिका निरर्थक नहीं हुई है, क्योंकि छह याचिकाकर्ताओं में से दो इस साल 23 जून को राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) में शामिल होंगे। राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड चिकित्सा विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट-पीजी का आयोजन करता है। वकील ने कहा, परेशानी यह है कि वे (परीक्षा बोर्ड) हमें उत्तर कुंजी, उत्तर पुस्तिकाओं, प्रश्न पत्रों (नीट-पीजी 2022) तक पहुंच की अनुमति नहीं दे रहे हैं।