Tag: गणेश चतुर्थी पूजा विधि

  • गणेश चतुर्थी के दिन क्यों नहीं देखना चाहिए चांद?

    गणेश चतुर्थी के दिन क्यों नहीं देखना चाहिए चांद?

    नई दिल्ली, 31 अगस्त (The News Air): गणेश चतुर्थी का त्योहार आ रहा है. ये त्योहार देशभर में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है. इस बार 7 सितंबर 2024 को गणेश चतुर्थी का त्योहार पड़ रहा है. इस दिन लोग गणपति बप्पा की आराधना करते हैं और कई लोग तो बप्पा की मूर्ती की स्थापना भी अपने घरों में करते हैं. इस दिन को लेकर एक मान्यता भी है. ये मान्यता चांद को लेकर है. कहा जाता है कि अगर आपने गणेश चतुर्थी के दिन चांद को देख लिया तो ये बहुत अशुभ माना जाता है और ऐसा नहीं करना चाहिए. लेकिन अगर अंजाने में आपने ऐसा किया तो इसका उपाय भी है.

    चतुर्थी पर क्यों नहीं देखना चाहिए चांद?

    गणेश चतुर्थी के दिन चांद देखना अशुभ होता है. ऐसा करने पर मिथ्या दोष लग जाता है. मिथ्या दोष से बचने के लिए इस दिन चांद को देखना वर्जित है. अगर आपने ऐसा किया तो इससे जीवन में कई सारी दिक्कतें आती हैं. ये एक अनचाहा दोष है और इससे व्यक्ति गलत और झूठे आरोपों में फंस सकता है.

    क्या है इसके पीछे की मान्यता

    इस दोष के पीछे एक पौकाणिक कहानी भी है जो गणेश जी और उनकी सवारी चूहे से जुड़ी हुई है. दरअसल एक बार भगवान गणेश चूहे की सवारी करते हुए अपने घर से निकले. मगर वे अपने भारी वजन के कारण लड़खड़ा गए. उन्हें लड़खड़ाते हुए देखकर चंद्रमा हंसने लग गए. इससे गणेश भगवान को क्रोध आ गया. इस दौरान ही भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दे दिया कि जो भाद्रपद माह की शुक्ल चतुर्थी की बेला में अगर रात में चांद को देख लेगा तो उसे समाज में तिरस्कार और अपमान झेलना पड़ेगा. इसके अलावा ऐसे लोगों पर गलत दोष और झूठा आरोप लग सकता है और मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

    भगवान कृष्ण भी हो चुके हैं शिकार

    एक बार की बात है. भगवान कृष्ण पर एक बार स्यमंतक नामक मणि चुराने का आरोप लगा था. उन्होंने गणेश चतुर्थी के मौके पर चांद को देख लिया था और वे भी गणेश भगवान के श्राप से मुक्त नहीं हो सके थे. उन्हें भी झूठे आरोपों का सामना करना पड़ा था. तब नारद जी ने उन्हें ये कथा सुनाई थी.

    दिख जाए तो अपनाएं ये उपाय

    लेकिन हर चीज का एक उपाय भी है. अगर आपने चतुर्थी पर चांद देख लिया है तो कुछ उपाय को अपना कर आप इससे मुक्ति पा सकते हैं. आप गणेश भगवान का व्रत रखकर इस दोष से मुक्त हो सकते हैं. इसके अलावा आप एक मंत्र का जाप कर के भी इस दोष से मुक्त हो सकते हैं.

    सिंहः प्रसेनमवधीतसिंहो जाम्बवता हतः। सुकुमारक मरोदिस्तव ह्येषा स्यामंतकः॥

    अगर आप सच्चे मन से इस मंत्र का जाप करें तो आपको इससे बहुत फायदा मिलेगा और इस दोष से आपको मुक्ति भी मिल जाएगी.

  • किस ओर सूंड वाली गणेश प्रतिमा घर में करें स्थापित?

    किस ओर सूंड वाली गणेश प्रतिमा घर में करें स्थापित?

    चंडीगढ़, 30 अगस्त (The News Air): शास्त्रों में श्रीगणेश के जिस रूप का वर्णन मिलता है, उसी से मिलती-जुलती प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए। गणेश प्रतिमा के हाथों में पाश, लड्डू, अंकुश होना चाहिए। एक हाथ वरमुद्रा में हो।

  • गणेश चतुर्थी : गणेश जी से जुड़े रोचक 10 तथ्य

    गणेश चतुर्थी : गणेश जी से जुड़े रोचक 10 तथ्य

     

    चंडीगढ़, 30 अगस्त (The News Air): पौराणिक मान्यता के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था। वे भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं और भगवान गणेश के बारे में पुराणों में कई रहस्यों का उल्लेख भी मिलता है, खास कर उनकी उत्पत्ति और सिर को लेकर गहरी और अद्भुत जानकारी पढ़ने को मिलती है। लेकिन हम यहां आपको बता रहे हैं भगवान श्री गणेश के संबंध में 10 ऐसी विशेष बातें जो आपने अब तक नहीं सुनी होगी।

    जानें विनायक/ गणेश/ गणपति के बारे में 10 अनसुनी रोचक बातें

     

    1. श्री गणेश का असली नाम विनायक है। गणों के मुखिया होने के कारण उन्हें गणेश या गणपति कहते हैं।

     

    2. गणेश जी के प्रत्येक अवतार का रंग अलग-अलग है परंतु मान्यतानुसार शरीर का मुख्य रंग लाल तथा हरा है।

     

    3. पुराणों में गणेश जी के 64 अवतारों का वर्णन मिलता है। 

     

    4. गणेश जी के भाई कार्तिकेय के अलावा अन्य भाइयों के नाम ये हैं- सुकेश, जलंधर, अयप्पा, भूमा, अंधक और खुजा।

     

    5. श्री गणेश जी की बहन का नाम अशोक सुंदरी है। इसके अलावा मां ज्वालामुखी और मनसादेवी भी उनकी बहनें हैं।

     

    6. भगवान श्री गणेश के 12 प्रमुख नाम हैं- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लम्बोदर, विकट, विघ्ननाशक, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचन्द्र और गजानन हैं।

     

    7. गणेश जी सतयुग में सिंह, त्रेता में मयूर, द्वापर में मूषक और कलिकाल में घोड़े पर सवार बताए जाते हैं।

     

    8. गणेश जी की पत्नियां रिद्धि और सिद्धि हैं। उनके पुत्र लाभ और शुभ तथा पोते आमोद और प्रमोद हैं। पुत्री का नाम मां संतोषी हैं।

     

    9. गणेश जी को पौराणिक पत्रकार या लेखक भी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने ही ‘महाभारत’ का लेखन किया था। 
     

    10. रामभक्त हनुमान जी की तरह ही गणेश जी को सभी देवताओं की शक्तियां प्राप्त हैं।

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