लुधियाना, 13 जनवरी (The News Air) लुधियाना (Ludhiana) की राजनीति में एक बार फिर खलबली मच गई है। 14 जनवरी को होने वाले पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह को अचानक स्थगित कर दिया गया। आम आदमी पार्टी (AAP) पहले से ही बहुमत बनाए रखने के लिए जोड़-तोड़ में लगी थी, लेकिन विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी (Gurpreet Bassi Gogi) के निधन के बाद यह चुनौती और बढ़ गई है। इस बीच, कांग्रेस (Congress) पार्षदों की ‘घर वापसी’ के लिए पूरी ताकत झोंक रही है।
शपथ ग्रहण क्यों टला? : पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह 14 जनवरी को आयोजित होना था। लेकिन विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी की असमय मौत के बाद राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। अब नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी।
कांग्रेस ने शुरू की जोड़-तोड़ की रणनीति : गोगी की मौत के बाद कांग्रेस ने उन पार्षदों को वापस लाने की कवायद शुरू कर दी है, जो AAP में शामिल हो गए थे।
- रतनजीत कौर (Ratanjit Kaur): वार्ड नंबर 1 से निर्दलीय जीतकर AAP में शामिल हुईं। कांग्रेस अब उनके पति रणधीर सिंह सिबिया (Randhir Singh Sibia) के माध्यम से उन्हें वापस लाने का प्रयास कर रही है।
- अमृतवर्षा रामपाल (Amritvarsha Rampal): वार्ड नंबर 55 से पांचवीं बार पार्षद बनीं। कांग्रेस अब उन्हें अपने खेमे में लाने की कोशिश कर रही है।
- परमजीत कौर (Paramjit Kaur) और जगमीत नौनी (Jagmeet Nauni): वार्ड नंबर 45 और 42 से जीतने वाली ये पार्षद भी कांग्रेस के निशाने पर हैं।
उपचुनाव से पहले हलचल तेज : गोगी के निधन के कारण पश्चिम हलके में उपचुनाव होने हैं। कांग्रेस इस मौके का फायदा उठाने के लिए मैदान में उतर चुकी है। सूत्रों के अनुसार, पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु (Bharat Bhushan Ashu) उपचुनाव में पार्टी का चेहरा हो सकते हैं।
आप के लिए बढ़ी चुनौती : AAP को नगर निगम चुनाव (Municipal Corporation Elections) में बहुमत नहीं मिला। 95 सीटों वाले सदन में बहुमत का आंकड़ा 51 है, लेकिन AAP के पास सिर्फ 46 पार्षद हैं।
- बहुमत जुटाने की रणनीति:
- शिअद (SAD) और कांग्रेस के पार्षदों को शामिल किया गया।
- भाजपा (BJP) और निर्दलीय पार्षदों को जोड़कर बहुमत हासिल किया।
गोगी की मौत ने इस बहुमत को फिर से खतरे में डाल दिया है। अब पार्टी अपने खेमे के पार्षदों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
राजनीतिक दांव-पेंच और मेयर चुनाव : गोगी की मौत से पहले AAP ने जोड़-तोड़ कर बहुमत जुटा लिया था और मेयर पद के लिए मजबूत स्थिति में थी। लेकिन अब कांग्रेस और भाजपा की चालें AAP के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं।
लुधियाना में पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह भले ही स्थगित हो गया हो, लेकिन राजनीतिक दांव-पेंच और जोड़-तोड़ की रणनीतियां जोरों पर हैं। AAP के लिए बहुमत बनाए रखना और कांग्रेस के दांव को नाकाम करना एक बड़ी चुनौती है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी पार्टी बाजी मारती है।