Punjab Police Anti-Drug Drive – पंजाब की जवानी को नशे के दलदल से बाहर निकालने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा छेड़ा गया ‘धर्मयुद्ध’ अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। ‘रंगला पंजाब’ के सपने को साकार करने के लिए पंजाब पुलिस ने नशा तस्करों की नाक में दम कर रखा है। इसी कड़ी में, नशा विरोधी मुहिम के 301वें दिन पुलिस ने राज्य भर में एक साथ 391 ठिकानों पर छापेमारी कर नशा तस्करों के नेटवर्क को बड़ा झटका दिया है।
391 ठिकानों पर रेड, हेरोइन और कैश बरामद
आज की कार्रवाई किसी फिल्मी सीन से कम नहीं थी। 77 राजपत्रित अधिकारियों (Gazetted Officers) की निगरानी में 1,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की फौज ने एक साथ सैकड़ों ठिकानों पर धावा बोला। इस दौरान पुलिस ने 148 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ 103 नई एफआईआर दर्ज कीं। तलाशी के दौरान तस्करों के पास से 5.5 किलोग्राम हेरोइन, 5 किलोग्राम भुक्की और 3,414 नशीली गोलियां बरामद हुईं। इतना ही नहीं, पुलिस ने नशा बेचकर कमाई गई 1.57 लाख रुपये की ड्रग मनी भी जब्त की है।
42 हजार तस्कर सलाखों के पीछे
यह आंकड़ा बताता है कि पंजाब पुलिस की यह कार्रवाई केवल एक दिन का दिखावा नहीं है। पिछले 301 दिनों में पुलिस ने रिकॉर्ड तोड़ कार्रवाई करते हुए कुल 42,029 नशा तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। यह संख्या यह साबित करने के लिए काफी है कि सरकार नशे के खात्मे के लिए कितनी गंभीर है। हर दिन औसतन सैकड़ों तस्कर पकड़े जा रहे हैं, जिससे सप्लाई चेन पर गहरा असर पड़ा है।
विश्लेषण: ‘EDP’ फॉर्मूला बना नशा तस्करों का काल (Analysis)
पंजाब सरकार की इस मुहिम की सफलता का राज ‘EDP’ (Enforcement, De-addiction, Prevention) रणनीति में छिपा है। आमतौर पर पुलिस केवल पकड़ने (Enforcement) पर ध्यान देती है, लेकिन इस बार सरकार ‘नशा छुड़ाने’ (De-addiction) और ‘रोकथाम’ (Prevention) पर भी बराबर जोर दे रही है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अगुवाई वाली कैबिनेट सब-कमेटी की निगरानी ने इस अभियान में राजनीतिक इच्छाशक्ति का संचार किया है। यह एक ऐसा मॉडल है जो सिर्फ अपराधी को नहीं पकड़ रहा, बल्कि अपराध की जड़ (नशे की लत) पर प्रहार कर रहा है।
आम आदमी पर असर (Human Impact)
जब एक नशा तस्कर पकड़ा जाता है, तो कई घरों के चिराग बुझने से बच जाते हैं। 5.5 किलो हेरोइन की बरामदगी का मतलब है कि हजारों खुराकों को युवाओं तक पहुंचने से रोक दिया गया। इससे न केवल अपराध कम होगा, बल्कि पंजाब के परिवारों में सुरक्षा की भावना भी लौटेगी।
सिर्फ डंडा नहीं, इलाज भी प्राथमिकता
पुलिस का मानवीय चेहरा भी इस अभियान में देखने को मिल रहा है। आज की कार्रवाई के दौरान पुलिस ने सिर्फ गिरफ्तारियां नहीं कीं, बल्कि 32 ऐसे लोगों की पहचान की जो नशे की गिरफ्त में थे और उन्हें इलाज के लिए राजी किया। इन लोगों को अब नशा मुक्ति केंद्रों में भेजा जाएगा, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में लौट सकें।
जानें पूरा मामला (Background)
पंजाब में नशा एक गंभीर सामाजिक समस्या बन चुका था। सत्ता में आने के बाद सीएम भगवंत मान ने इसे खत्म करने का संकल्प लिया और ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ अभियान की शुरुआत की। इस अभियान की निगरानी सीधे सरकार के शीर्ष स्तर से की जा रही है, जिसमें पुलिस आयुक्तों और एसएसपी को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी कीमत पर नशा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्य बातें (Key Points)
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Punjab Police ने अभियान के 301वें दिन 148 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया।
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राज्य भर में 391 Locations पर एक साथ छापेमारी की गई।
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पुलिस ने 5.5 Kg Heroin और 1.57 लाख रुपये की ड्रग मनी जब्त की।
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अब तक कुल 42,029 Smugglers को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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‘डी-एडिक्शन’ मुहिम के तहत 32 लोगों को Rehab के लिए भेजा गया।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न






