Shambhu Border: शंभु बॉर्डर (Shambhu Border) तुरंत खोलने का आदेश देने से Supreme Court ने मना किया है। कोर्ट ने अपनी तरफ़ से गठित कमिटी से किसानों से बात करने को कहा है। कोर्ट ने कमिटी से किसानों को समझाने को कहा कि उनकी मांगों पर विचार हो रहा है। इसलिए या तो वह आंदोलन स्थगित करें या अपने धरने की जगह थोड़ी-सी बदल लें जिससे हाईवे खुल सके. कोर्ट ने मंगलवार (17 दिसम्बर) को सुबह 10.30 बजे अगली सुनवाई की बात कही है।
Supreme Court के जस्टिस सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा है कि किसान जिन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं उनका हल निकालना भी ज़रूरी है। इसलिए उसने एक कमिटी बनाई है। ध्यान रहे कि 2 सितंबर को Supreme Court ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस नवाब सिंह के नेतृत्व में 5 सदस्यीय हाई पावर्ड कमिटी बनाई थी। कमिटी को एमएसपी और दूसरे मुद्दों पर किसानों से बात करने को कहा गया था।
Supreme Court ने कहा किसानों की मांगों का समाधान निकालना ज़रूरी
कोर्ट ने कमिटी से बैरिकेडिंग हटाने के लिए किसानों से बातचीत करने को भी कहा था। हालांकि अभी तक इस दिशा में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। कोर्ट ने कमिटी की रिपोर्ट को देखने के बाद कहा कि वह सही दिशा में काम कर रही है। उम्मीद है कि कमिटी मामले का स्थायी हल निकालने के लिए कारगर सुझाव देगी।
पंजाब के एडवोकेट जनरल और एक याचिकाकर्ता ने सड़क बंद होने से हो रहे नुक़सान का उल्लेख किया। इस पर कोर्ट ने कहा कि किसानों को समझाने की ज़रूरत है कि वह कुछ समय के लिए आंदोलन स्थगित कर दें। कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकार को आगाह करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण तरीक़े से चल रहे इस आंदोलन में वह कोई बल प्रयोग न करें।
Supreme Court ने जगजीत डल्लेवाल को मेडिकल सहायता देने का आदेश दिया
Supreme Court में किसान नेता जगजीत डल्लेवाल के आमरण अनशन का मसला भी उठा। इस पर कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार उनके स्वास्थ्य पर नज़र रखें। भूख हड़ताल तोड़ने के लिए बल प्रयोग न हो, लेकिन उनका जीवन महत्त्वपूर्ण है। इसलिए उनकी जान बचाने के लिए जब ज़रूरी हो तब क़दम उठाए जाएँ।
सुनवाई के दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल ने आग्रह किया कि अभी कोर्ट डल्लेवाल को हॉस्पिटल शिफ़्ट करने का आदेश न दें। इससे स्थिति बिगड़ सकती है। इस पर कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल को ज़रूरत के मुताबिक़ मेडिकल सहायता दी जाए. उनसे बात कर अनशन तोड़ने के लिए आश्वस्त किया जाए. कोर्ट ने मंगलवार (17 दिसम्बर) को होने वाली सुनवाई में हाई पावर्ड कमिटी से इस पहलू पर भी रिपोर्ट देने को कहा है।