न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह (Justice Ahsanuddin Amanullah) की पीठ ने कहा कि जिला अदालत के स्तर पर एक अलग शिकायत निवारण समितियों का गठन किया जाए, जहां वकील मामलों को दर्ज करने या सूचीबद्ध करने या निचली न्यायपालिका के सदस्य के दुर्व्यवहार से संबंधित अपनी वास्तविक शिकायतों के निवारण के लिए जा सकें।
पीठ ने कहा, ‘‘ हम एक बार फिर दोहराते हैं कि ‘बार’ का कोई भी सदस्य हड़ताल पर नहीं जा सकता… इस अदालत ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि अधिवक्ताओं के हड़ताल पर जाने या काम बंद करने से न्यायिक कार्य बाधित होते हैं।” शीर्ष अदालत ने सभी उच्च न्यायालयों को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में राज्य स्तर पर शिकायत निवारण समिति गठित करने का निर्देश दिया, जहां वकील अपनी ‘‘वास्तविक समस्याओं” के निवारण के लिए अभ्यावेदन कर सकें।
अदालत ने ‘डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ऑफ देहरादून’ द्वारा उनकी शिकायतों के निवारण के लिए एक उपयुक्त मंच की मांग करने वाली याचिका का निस्तारण किया और रजिस्ट्री को आदेश के अनुसार कदम उठाने के लिए सभी उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल को इस आदेश की प्रति भेजने का निर्देश दिया। (एजेंसी)