Supreme Court on Indigo Flights Crisis के बीच बड़ी खबर सामने आई है। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में चल रहे संकट का मामला अब देश की सबसे बड़ी अदालत की चौखट तक पहुंच गया है। यात्रियों को हो रही भारी परेशानियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है और तत्काल सुनवाई की संभावना जताई जा रही है।
CJI के घर पहुंचे याचिकाकर्ता
इंडिगो की उड़ानों के रद्द होने से देशभर में अफरा-तफरी का माहौल है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल की गई है। याचिकाकर्ताओं ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की और इसके लिए वे सीधे भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत के घर पहुंच गए।
CJI सूर्यकांत ने मामले की नजाकत को समझते हुए याचिकाकर्ता के वकील को अपने आवास पर बुलाया है। माना जा रहा है कि आज ही इस मामले पर सुनवाई के लिए एक विशेष बेंच का गठन किया जा सकता है।
यात्रियों के अधिकारों का हनन
याचिका में दावा किया गया है कि इंडिगो संकट के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और यह एक तरह का ‘मानवीय संकट’ पैदा हो गया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह स्थिति यात्रियों के संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) के तहत मिले अधिकारों का उल्लंघन है।
याचिका में मांग की गई है कि प्रभावित यात्रियों के लिए तुरंत वैकल्पिक यात्रा की व्यवस्था की जाए और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।
संकट का कारण और DGCA का एक्शन
याचिका के अनुसार, उड़ानों के रद्द होने का मुख्य कारण पायलटों के लिए ‘फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन’ (FDTL) नियमों की गलत योजना है। विमानन नियामक डीजीसीए (DGCA) ने संकटग्रस्त इंडिगो को परिचालन सामान्य करने के लिए कई छूट भी दी हैं, लेकिन इसके बावजूद लगातार पांचवें दिन भी एयरलाइन का कामकाज बाधित है।
इंडिगो ने हाल ही में 1000 से ज्यादा उड़ानें रद्द की हैं, जिससे हजारों यात्री फंस गए हैं। इस स्थिति का फायदा उठाते हुए अन्य विमान कंपनियों ने अपना किराया बढ़ा दिया है, और ट्रेनों में भी भीड़ बढ़ गई है।
DGCA ने उड़ानों के रद्द होने के कारणों की व्यापक समीक्षा के लिए चार सदस्यीय एक समिति का गठन किया है, जिसमें संयुक्त महानिदेशक संजय के ब्रह्मा, उप महानिदेशक अमित गुप्ता, और कैप्टन कपिल मांगलिक व कैप्टन रामपाल शामिल हैं।
सरकार और अन्य एजेंसियों के कदम
नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने इंडिगो पर सख्त कार्रवाई की बात कही है। मंत्रालय 24 घंटे कंट्रोल रूम के जरिए फ्लाइट ऑपरेशन और किराए पर नजर रख रहा है।
संकट से राहत देने के लिए स्पाइसजेट (SpiceJet) ने 100 अतिरिक्त उड़ानें शुरू करने का ऐलान किया है। वहीं, रेलवे ने भी यात्रियों की सुविधा के लिए कई स्पेशल ट्रेनें चलाने और 37 ट्रेनों में 116 अतिरिक्त कोच लगाने की घोषणा की है।
मुख्य बातें (Key Points)
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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला: इंडिगो संकट पर जनहित याचिका दाखिल, CJI के घर तत्काल सुनवाई की मांग।
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यात्रियों की परेशानी: हजारों उड़ानें रद्द होने से ‘मानवीय संकट’, मुआवजे और वैकल्पिक व्यवस्था की मांग।
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DGCA का एक्शन: संकट की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित।
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सरकार सख्त: नागरिक उड्डयन मंत्री ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी, मंत्रालय रख रहा है नजर।
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राहत के उपाय: स्पाइसजेट ने 100 अतिरिक्त उड़ानें और रेलवे ने स्पेशल ट्रेनें चलाने का किया ऐलान।






