• About
  • Privacy & Policy
  • Contact
  • Disclaimer & DMCA Policy
🔆 बुधवार, 10 दिसम्बर 2025 🌙✨
The News Air
No Result
View All Result
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • पंजाब
  • राज्य
    • हरियाणा
    • चंडीगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
  • अंतरराष्ट्रीय
  • सियासत
  • नौकरी
  • LIVE
  • बिज़नेस
  • काम की बातें
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
    • हेल्थ
    • धर्म
  • स्पेशल स्टोरी
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • पंजाब
  • राज्य
    • हरियाणा
    • चंडीगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
  • अंतरराष्ट्रीय
  • सियासत
  • नौकरी
  • LIVE
  • बिज़नेस
  • काम की बातें
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
    • हेल्थ
    • धर्म
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
The News Air
No Result
View All Result
Home Breaking News

Supreme Court Controversy: रोहिंग्या पर ‘रेड कारपेट’ वाली टिप्पणी, 44 जज समर्थन में उतरे

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की टिप्पणी पर मचे बवाल के बीच 44 पूर्व जजों ने जारी किया कड़ा बयान, आलोचकों को दिया जवाब।

The News Air by The News Air
बुधवार, 10 दिसम्बर 2025
A A
0
Supreme Court Controversy
104
SHARES
694
VIEWS
ShareShareShareShareShare
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now

Supreme Court Hearing: देश की सर्वोच्च अदालत में रोहिंग्या मामले की सुनवाई के दौरान की गई एक Comment ने अब एक बड़े वैचारिक युद्ध का रूप ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट में घुसपैठियों के “रेड कारपेट वेलकम” वाले सवाल पर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा था, लेकिन अब इस मामले में एक नया और बड़ा मोड़ आ गया है। आलोचनाओं से घिरे जस्टिस सूर्यकांत के समर्थन में देश के 44 पूर्व Judges ढाल बनकर खड़े हो गए हैं।

44 जजों ने आलोचना को बताया ‘प्रेरित अभियान’

रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर मचे घमासान के बीच, 44 रिटायर्ड Judges ने एक साझा बयान जारी किया है। इन जजों ने जस्टिस सूर्यकांत और Supreme Court के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि यह आलोचना स्वीकार करने योग्य नहीं है।

पूर्व जजों ने अपने पत्र में साफ शब्दों में कहा है कि किसी भी न्यायिक कार्यवाही की तर्कसंगत आलोचना तो हो सकती है, लेकिन जिस तरह से जस्टिस सूर्यकांत को निशाना बनाया जा रहा है, वह एक “प्रेरित अभियान” (Motivated Campaign) जैसा लगता है। जजों के मुताबिक, यह न्यायपालिका को बदनाम करने की एक कोशिश है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।

यह भी पढे़ं 👇

Numerology Hindi

Numerology 2026 Predictions: आपकी जन्म तारीख में छिपा है भविष्य का राज, जानिए अपना असली ‘मूलांक’

बुधवार, 10 दिसम्बर 2025
PM Modi Government Schemes

अगर ये रिपोर्ट सच है… तो बदल जाएगा देश का भविष्य! क्या है मोदी का ‘सबसे बड़ा फ्रॉड’?

बुधवार, 10 दिसम्बर 2025
Rahul Gandhi Amit Shah Debate

क्या सच में ‘वोट चोरी’ हुई? संसद में उठा सबसे बड़ा सवाल, शाह को घेरने उतरे राहुल गांधी।

बुधवार, 10 दिसम्बर 2025
11 December 2025 Horoscope

11 December 2025 Horoscope: इन 5 राशियों पर शनि का साया, जानें किसे मिलेगी बड़ी खुशखबरी

बुधवार, 10 दिसम्बर 2025
‘घुसपैठियों का रेड कारपेट वेलकम क्यों?’

इस पूरे विवाद की जड़ वह सवाल है जो सुनवाई के दौरान पूछा गया था। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट मशहूर लेखिका और मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. रीता मनचंदा की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसमें आरोप था कि भारत में कई रोहिंग्या शरणार्थियों को हिरासत में लेकर गायब कर दिया गया है।

इसी सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने एक अहम सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि रोहिंग्याओं को शरणार्थी (Refugee) का दर्जा किसने दिया? उन्होंने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि लोग पहले सुरंग खोदकर या बाड़ पार करके अवैध रूप से देश में घुसते हैं, और फिर यहां आकर बुनियादी सुविधाओं और पढ़ाई के हक की मांग करते हैं। जस्टिस ने सवाल किया, “क्या घुसपैठियों का Red Carpet Welcome करना चाहिए?”

आलोचकों और समर्थकों में बंटा विमर्श

जस्टिस सूर्यकांत की इस टिप्पणी के बाद कुछ बुद्धिजीवियों, पूर्व जजों और सीनियर वकीलों ने इसे अमानवीय और असंवैधानिक बताया था। उन्होंने Chief Justice को खुला पत्र लिखकर कहा था कि यह टिप्पणी संविधान के Article 21 (जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार) के खिलाफ है और नरसंहार से भाग रहे लोगों को अपमानित करती है।

लेकिन अब 44 पूर्व जजों ने इसके जवाब में मोर्चा संभाल लिया है। उनका तर्क है कि न्यायपालिका ने हमेशा संविधान के दायरे में रहकर मानव गरिमा और राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) के बीच संतुलन बनाए रखा है। ऐसे में कोर्ट पर अमानवीयता का आरोप लगाना अनुचित है और यह न्यायिक स्वतंत्रता के लिए खतरा पैदा करता है।

अवैध दस्तावेजों पर जताई गंभीर चिंता

अपने साझा बयान में इन 44 जजों ने एक और बेहद गंभीर मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि भारत ने UN Refugee Convention 1951 और 1967 प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, इसलिए भारत की जिम्मेदारियां घरेलू कानूनों से तय होती हैं।

जजों ने सवाल उठाया कि जो लोग अवैध रूप से सीमा पार करके आए हैं, उनके पास आधार कार्ड (Aadhaar Card) और राशन कार्ड जैसे सरकारी दस्तावेज कैसे मौजूद हैं? यह देश की पहचान प्रणाली की अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाला मामला है।

SIT जांच की उठी मांग

समर्थन में आए जजों ने मांग की है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट की निगरानी में एक SIT (विशेष जांच दल) का गठन होना चाहिए। इस SIT को यह जांच करनी चाहिए कि आखिर अवैध प्रवासियों को ये दस्तावेज कैसे मिले, इसमें कौन लोग शामिल हैं और कौन इन्हें पनाह देकर आगे बढ़ा रहा है। जजों ने यह भी स्पष्ट किया कि रोहिंग्या का म्यांमार में भी कानूनी दर्जा विवादित है, इसलिए भारतीय अदालतों को स्पष्ट कानूनी श्रेणियों पर काम करना चाहिए।

जानें पूरा मामला

यह पूरा मामला तब सुर्खियों में आया जब सुप्रीम कोर्ट में रोहिंग्या शरणार्थियों की हिरासत और स्थिति को लेकर सुनवाई चल रही थी। याचिकाकर्ता पक्ष का कहना था कि शरणार्थियों के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है। वहीं, कोर्ट का रुख यह था कि अवैध घुसपैठ और शरणार्थी होने में फर्क है। जस्टिस सूर्यकांत की टिप्पणी ने इस बहस को जन्म दिया कि क्या देश के संसाधनों पर पहला हक अपने नागरिकों का है या अवैध रूप से आए लोगों का भी उतना ही अधिकार है। अब 44 जजों के समर्थन के बाद यह बहस और भी व्यापक हो गई है।

मुख्य बातें (Key Points)
  • Controversy: जस्टिस सूर्यकांत की “रेड कारपेट वेलकम” वाली टिप्पणी पर विवाद के बाद 44 पूर्व जजों ने समर्थन में पत्र लिखा।

  • Defense: पूर्व जजों ने आलोचना को न्यायपालिका को बदनाम करने वाला “प्रेरित अभियान” बताया।

  • Concern: अवैध प्रवासियों के पास आधार और राशन कार्ड मिलने पर जताई चिंता, सुरक्षा के लिए खतरा बताया।

  • Demand: पूरे मामले की SIT जांच की मांग की, ताकि पता चले कि घुसपैठियों की मदद कौन कर रहा है।

पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now

Related Posts

Numerology Hindi

Numerology 2026 Predictions: आपकी जन्म तारीख में छिपा है भविष्य का राज, जानिए अपना असली ‘मूलांक’

बुधवार, 10 दिसम्बर 2025
PM Modi Government Schemes

अगर ये रिपोर्ट सच है… तो बदल जाएगा देश का भविष्य! क्या है मोदी का ‘सबसे बड़ा फ्रॉड’?

बुधवार, 10 दिसम्बर 2025
Rahul Gandhi Amit Shah Debate

क्या सच में ‘वोट चोरी’ हुई? संसद में उठा सबसे बड़ा सवाल, शाह को घेरने उतरे राहुल गांधी।

बुधवार, 10 दिसम्बर 2025
11 December 2025 Horoscope

11 December 2025 Horoscope: इन 5 राशियों पर शनि का साया, जानें किसे मिलेगी बड़ी खुशखबरी

बुधवार, 10 दिसम्बर 2025
Pantone Color 2026

Pantone Color 2026: दुनिया को चाहिए ‘शांति’! यहाँ देखें इस साल का ट्रेंडिंग कलर।

बुधवार, 10 दिसम्बर 2025
Indian Spices Health Benefits

आपका किचन है सबसे बड़ी फार्मेसी! भारतीय मसालों के 5 जादुई फायदे, जो वैज्ञानिक भी मानते हैं।

बुधवार, 10 दिसम्बर 2025
0 0 votes
Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
The News Air

© 2025 THE NEWS AIR

The News Air

  • About
  • Privacy & Policy
  • Contact
  • Disclaimer & DMCA Policy

हमें फॉलो करें

No Result
View All Result
  • प्रमुख समाचार
    • राष्ट्रीय
    • पंजाब
    • अंतरराष्ट्रीय
    • सियासत
    • नौकरी
    • बिज़नेस
    • टेक्नोलॉजी
    • मनोरंजन
    • खेल
    • हेल्थ
    • लाइफस्टाइल
    • धर्म
    • स्पेशल स्टोरी
  • राज्य
    • चंडीगढ़
    • हरियाणा
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • महाराष्ट्र
    • पश्चिम बंगाल
    • उत्तर प्रदेश
    • बिहार
    • उत्तराखंड
    • मध्य प्रदेश
    • राजस्थान
  • काम की बातें

© 2025 THE NEWS AIR