The News Air (चंडीगढ़)- पंजाब में ‘सुपर CM’ की तरह काम कर रहे प्रदेश कांग्रेस चीफ़ नवजोत सिद्धू ने CM चरणजीत चन्नी की सरकार को नया टास्क दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को हर महीने ख़ज़ाने की स्थिति को सार्वजनिक करना चाहिए। भलाई स्कीमों पर जो फ़ंड लगा रहे हैं, वह कमाई हे या क़र्ज़ा, यह पंजाब को बताना चाहिए। सिद्धू ने ट्विटर हैशटेग PunjabBeyond2022 और HaqiqatPunjabDi के ज़रिए चन्नी सरकार पर निशाना भी साधा है।
सिद्धू की यह मांग इसलिए अहम है क्योंकि पंजाब चुनाव नज़दीक देख चन्नी सरकार धड़ाधड़ राहत दे रही है। बिजली बिल माफ़ी, उसके रेट घटाने से लेकर पेट्रोल-डीजल सस्ता कर दिया गया। पंजाब में अक्सर ख़ज़ाना ख़ाली होने की बात रहती है। ऐसे में अगर चन्नी सरकार इसे सार्वजनिक करेगी तो उनकी ख़ुद की ही पोल खुल सकती है।
पंजाब का आधे से ज़्यादा ख़र्च क़र्ज़ से चल रहा
सिद्धू ने ट्वीट कर कहा कि आज पंजाब देश का सबसे क़र्ज़दार राज्य है। पंजाब पर जीडीपी का 50% क़र्ज़ है। आधे से ज़्यादा ख़र्च महंगे क़र्ज़ से चल रहा है। पंजाब को उन असल मुद्दों से न भटकने दिया जाए, जिनका हर पंजाबी और पार्टी वर्कर को समर्थन करना चाहिए।
वित्तीय जवाबदेही और पारदर्शिता का मतलब समझाया
वित्तीय जवाबदेही और पारदर्शिता पंजाब मॉडल के स्तंभ हैं। जवाबदेही का मतलब यह बताना है कि हर योजना पर लगने वाला फ़ंड कहां से आ रहा है?। क्या वह कमाई है या फिर क़र्ज़ा। पारदर्शिता का मतलब राज्य के वित्तीय हालात को हर महीने सार्वजनिक करना है।
क़र्ज़ लेना हल नहीं
सिद्धू ने आगे ट्वीट में लिखा कि क़र्ज़ लेना कोई हल नहीं है। टैक्स की कमाई क़र्ज़ निपटाने पर नहीं लगनी चाहिए। बल्कि विकास के तौर पर लोगों को वापस मिलना चाहिए। ऐसा पहली बार नहीं है कि सिद्धू ने ख़ज़ाने को लेकर निशाना साधा हो। पहले भी चन्नी सरकार के राहत की घोषणा के वक़्त सिद्धू ने ख़ज़ाने की स्थिति को लेकर सवाल उठाए थे। सिद्धू ने यहां तक कहा था कि अगर पंजाब की हालत न सुधरी तो यहां गृह युद्ध जैसे हालात बन सकते हैं।
सोनिया गांधी की नसीहत भी नहीं मान रहे
नवजोत सिद्धू इस अंदाज़ में काम कर रहे हैं कि वो पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की बात तक नहीं मान रहे। उन्होंने नेताओं को कहा था कि वे सार्वजनिक बयानबाज़ी से बचें। इसके बावज़ूद सिद्धू ट्वीट के ज़रिए अपनी ही सरकार से बात कर रहे हैं। पहले भी सिद्धू ने सोनिया को इस्तीफ़ा भेजकर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था।
सिद्धू की मनमानी के आगे हाईकमान और CM का ‘सरेंडर’
सिद्धू की मनमानी के आगे कांग्रेस हाईकमान और CM चरणजीत चन्नी सरेंडर कर चुके हैं। सिद्धू की ज़िद पर न चाहते हुए भी सीएम चन्नी को एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल को हटाना पड़ा। अब उनकी पसंद से लगे डीजीपी इक़बाल प्रीत सहोता को भी हटाने का फ़ैसला हो चुका है। वहीं, ज़िद पूरी होने के बावज़ूद सिद्धू कांग्रेस भवन नहीं जा रहे। न ही संगठन बनाया और न ही प्रचार कर रहे। ऐसे में सिद्धू भी अब कांग्रेस को कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरह चलाने लगे हैं।