Land Fraud Case Against Sadhu Singh Dharmasot:पंजाब (Punjab) के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत (Sadhu Singh Dharmasot) एक बार फिर कानूनी पचड़े में फंसते नजर आ रहे हैं। मोहाली (Mohali) की अदालत ने उन्हें और उनके बेटे हरप्रीत सिंह (Harpreet Singh) को 20 मई को पेश होने का नोटिस जारी किया है। मामला 60 लाख रुपए के प्लॉट को केवल 25 लाख रुपए में बेचने से जुड़ा है, जिसे धोखाधड़ी और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने की दृष्टि से देखा जा रहा है।
धोखाधड़ी का मामला और कोर्ट का रुख
मार्च 2023 में धर्मसोत के बेटे हरप्रीत सिंह समेत चार अन्य पर केस दर्ज किया गया था। आरोप है कि इन्होंने एक दिन पहले 60 लाख रुपए में प्लॉट खरीदा और अगले ही दिन 25 लाख रुपए में बेच दिया। इस कथित डील से सरकारी राजस्व को सीधा नुकसान हुआ, जिस पर विजिलेंस ब्यूरो (Vigilance Bureau) ने जांच शुरू की।
अदालत में चल रही सुनवाई के दौरान साधु सिंह धर्मसोत तो पेश हुए लेकिन हरप्रीत सिंह और गुरप्रीत सिंह कोर्ट में हाजिर नहीं हुए, जिसके चलते अदालत ने उन्हें समन जारी करते हुए 20 मई को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, फिर ईडी की गिरफ्त में आए धर्मसोत
पूर्व मंत्री धर्मसोत पहले से ही आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस जांच का सामना कर रहे थे। इसी जांच को आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) का मामला भी दर्ज किया था। उन्हें 16 जनवरी 2024 को ईडी ने गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उन्हें जमानत दी, जिसके बाद वह जेल से बाहर आए।
कैप्टन सरकार में मंत्री, AAP सरकार में गिरफ्तारी
2017 में जब कांग्रेस (Congress) की सरकार कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) के नेतृत्व में बनी थी, तब साधु सिंह धर्मसोत को वन मंत्री (Forest Minister) बनाया गया था। उनके पास सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट (Social Welfare Department) की जिम्मेदारी भी थी।
लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार आने के बाद उनके खिलाफ जांच तेज हुई। विजिलेंस जांच में वन विभाग में करोड़ों के घोटाले की बात सामने आई। इसके बाद 7 जून 2022 को धर्मसोत को गिरफ्तार किया गया। यही एफआईआर ईडी की जांच का आधार बनी और उन्हें एक बार फिर से गिरफ्तार किया गया था।
पंजाब के राजनीतिक गलियारों में यह मामला एक बार फिर गर्मा गया है। कोर्ट द्वारा जारी नोटिस और आगामी पेशी कांग्रेस नेता के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि प्लॉट डील की यह कथित धोखाधड़ी किस अंजाम तक पहुंचती है और इसमें कौन-कौन जवाबदेह ठहराया जाता है।






