प्रधानमंत्री वेंटिलेटर की आपूर्ति करने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के तथा पूरे खरीद प्रक्रिया की जांच के आदेश दें
एस.जी.पी.सी को कोविड-19 वैक्सीन आयात करने की अनुमति देने का प्रधानमंत्री से आग्रह किया
चंडीगढ़,12 मई
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि वह पीएम केयर फंड के तत्वाधान में खराब वेंटिलेटरों की खरीद की जांच के आदेश दें, जिसके बाद फंड के तहत गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कालेज फरीदकोट को मिले 80 वेंटिलेटरों में से 71 खराब पाए गए हैं की जांच के आदेश दें।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में अकाली दल अध्यक्ष ने कहा, ’मुझे विश्वास है कि आप मुझसे सहमत होंगे कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल के समय में दोषपूर्ण और घटिया गुणवत्ता वाले वेंटिलेटर की आपूर्ति करना एक आपराधिक कृत्य है। इसके लिए जिम्मेदार कंपनी पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए और कानून के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री से कहा कि खरीद की प्रक्रिया की जांच के आदेश करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है । उन्होने कहा‘ यह पता लगाना जरूरी है कि क्या खराब वेंटिलेटर जानबूझकर खरीदे गए थे, क्योंकि इस पूरे मामले से बड़े घोटाले की बू आती है। कोविड रोगियों के जीवन को खतरे में डालने के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, चाहे वे कितने भी बड़े क्यों न हों।’
बादल ने प्रधानमंत्री से यह भी अनुरोध किया कि पीएम केयर फंड के तहत होने वाली सभी खरीद केंद्र सरकार के आदेशों के लिए की गई चयन की उसी प्रक्रिया के तहत होनी चाहिए। ‘ प्रधानमंत्री केयर फंड के तहत खरीदे गए सभी चिकित्सा उपकरण अंतरराष्ट्रीय मानक के होने चाहिए और वैश्विक टैंडर के बाद खरीदे जाने चािहए। सभी चिकित्सा खरीद के लिए कड़े गुणवत्ता मानक निर्धारित किए जाने चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रोगी के जीवन को किसी भी परिस्थिति में जोखिम में नही डाला जाए।
प्रधानमंत्री से इस मुददे की व्याख्या करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि खराब वेंटिलेटरों से पंजाब में जनहानि हुई है और इसके अलावा कोविड महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में रूकावट आई है। ‘ आपको जानकर हैरानी होगी कि पीएम केयर फंड के तत्वाधान में फरीदकोट स्थित गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कालेज को मिले 80 वेंटिलेटर में से 71 खराब और इस्तेमाल के अयोग्य पाए गए हैं। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने कहा है कि वेंटिलेटर काफी घटिया क्वालिटी के थे। मेडिकल काॅलेज के अधिकारियों ने वेंटिलेटर का इस्तेमाल करने की कोशिश की है , लेकिन शुरू होने के कुछ ही घंटो के भीतर कई खामियां आ गई। आप समझेंगे की ऐसी स्थिति में अस्पताल वेंटिलेटर का उपयोग करने का जोखिम नही उठा रहा है, और राज्य सरकार से उनकी मरम्मत करने के लिए कहा है ताकि गंभीर रूप से बीमार रोगियों की जरूरतों को तत्काल आधार पर पूरा किया जा सके।
प्रधामंत्री से सरदार बादल ने यह भी अनुरोध किया कि वे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देश दें कि वह एक प्रतिष्ठित कंपनी से 80 वेंटिलेटर जोकि टेस्ट किए गए हों को तुरंत फरीदकोट अस्पताल में भेज दें ताकि वहां की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हों। उन्होने कहा कि राजस्थान सरकार को भी इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें पीएम केयर फंड के तहत प्राप्त एक हजार विषम वेंटिलेटर में तकनीकी खराबी आ गई है। सरदार बादल ने कहा कि इस समस्या की भयावहता को ध्यान में रखते हुए उन्होेने आशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री इस अति महत्वपूर्ण मुददें पर ध्यान देंगे और जल्द से जल्द कार्रवाई करेंगे।
प्रधानमंत्री से एक अन्य अनुरोध में सरदार बादल ने इस बात की तरफ ध्यान दिलाया कि शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने केंद्र सरकार के प्रयासों को पूरा करने के लिए कोविड-19 महामारी की वैक्सीन के आयात की अनुमति के लिए आवेदन किया था। उन्होने केंद्र सरकार से इस मानवीय कार्य के लिए एस.जी.पी.सी को अनुमति देने का अनुरोध किया ।