Land Pooling Protest Punjab : पंजाब (Punjab) में लैंड पूलिंग (Land Pooling) पॉलिसी को लेकर शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal – SAD) ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने 1 सितंबर से रोजाना मोहाली (Mohali) में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के निवास तक मार्च निकालने की योजना बनाई है। SAD ने चेतावनी दी है कि चाहे गिरफ्तारी हो या प्रशासनिक दबाव, वे पीछे नहीं हटेंगे।
शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal – SAD) ने पंजाब (Punjab) की लैंड पूलिंग पॉलिसी (Land Pooling Policy) को किसानों के खिलाफ बताते हुए विरोध की रणनीति को और तेज़ कर दिया है। इसी उद्देश्य से आज पार्टी की कोर कमेटी, वर्किंग कमेटी, जिला अध्यक्षों और हलका इंचार्जों की एक संयुक्त बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि पार्टी 1 सितंबर से आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार के खिलाफ मोहाली (Mohali) में धरना-प्रदर्शन शुरू करेगी।
यह विरोध प्रदर्शन हर दिन गुरुद्वारा अंब साहिब (Gurdwara Amb Sahib) से शुरू होकर उस स्थान तक जाएगा जहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) मोहाली में ‘शीश महल’ बनाकर रह रहे हैं। SAD ने साफ किया है कि अगर उनके नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया, तब भी विरोध जारी रहेगा। इस दौरान बिक्रम मजीठिया (Bikram Majithia) पर की गई कार्रवाई की कड़ी निंदा भी हुई।
SAD अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने कहा कि अगर सरकार यह पॉलिसी वापस नहीं लेती, तो जब उनकी पार्टी सत्ता में आएगी, तब पहली ही कैबिनेट बैठक में इसे रद्द कर दिया जाएगा – ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने पहले SYL की ज़मीन किसानों को लौटा दी थी। इससे पहले पार्टी ने 18 नए महासचिवों की नियुक्ति की थी, जो आंदोलन की कमान संभालेंगे।
बैठक में जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब (Sri Akal Takht Sahib) द्वारा दिए गए एकता के संदेश पर भी चर्चा हुई। सुखबीर बादल ने कहा, “हम तख्त से आए हर आदेश को पहले भी मानते आए हैं और आगे भी मानते रहेंगे। आज धर्म, पंजाब और किसानों की ज़मीन पर हमले हो रहे हैं – इसलिए हमें एकजुट होना है।”
बादल ने सभी पुराने सहयोगियों से पार्टी में लौटने की अपील की। उन्होंने कहा, “जो साथी नाराज़ होकर चले गए, मैं हाथ जोड़कर उनसे माफी मांगता हूं। आइए साथ चलें, यह पार्टी आपकी है।”
बिक्रम मजीठिया (Bikram Majithia) पर झूठे केस बनाए जाने को लेकर भी SAD ने विरोध जताया। उनका कहना है कि पिछले पांच वर्षों में कई एसआईटी (SIT) गठित हुईं, पर आज तक कोई चालान पेश नहीं हुआ। अब माझा (Majha) क्षेत्र के कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाकर बयान दिलवाने की कोशिश हो रही है। यह पूरा मामला SAD पंजाब के गवर्नर (Governor) के सामने रखेगा।
सुखबीर बादल ने केजरीवाल, मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) और सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) पर आरोप लगाया कि इन्होंने मिलकर एक ‘लैंड ग्रैबिंग पॉलिसी’ बनाई है। दिल्ली (Delhi) के बिल्डरों के साथ मिलकर पंजाब की ज़मीन पर सौदे किए गए हैं, जिनकी कुल डील 30 हजार करोड़ रुपए की बताई जा रही है।
SAD का आरोप है कि अब पंजाब पुलिस के कमिश्नर (Commissioner), एसएसपी (SSP) और डिप्टी कमिश्नर (DC) किसानों और कारोबारियों पर दबाव बनाकर ज़मीन देने को मजबूर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे इस संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगे।
अकाली दल ने इस आंदोलन की शुरुआत लुधियाना (Ludhiana) से की थी, जब वहां विधानसभा उपचुनाव हुआ था। वहां से शुरू हुई रैलियों का विस्तार अब मोहाली और प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों तक पहुंच चुका है। पार्टी ने ऐलान किया है कि जब तक यह पॉलिसी वापस नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।






