चंडीगढ़, 25 मईः
शिरोमणी अकाली दल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा है कि पंजाब में कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए तेजी से वैक्सीनेशन की जरूरत है, और उन्होने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अगले छह महीनों में पूरे राज्य में टीकाकरण करने के लिए वैक्सीन खरीदने के लिए 1000 करोड़ रूपये का विशेष आवंटन करने का अनुरोध किया। उन्होने उन सभी परिवारों को 6000 रूपये की मासिक पेंशन देने की अपील की, जिनके परिवारों ने रोजी रोटी कमाने वाला खो दिया है। उन्होने छह महीने की अवधि के लिए समाज के सभी वर्गों के लिए बिजली और पानी के बिल माफ करने की भी अपील की है।
अकाली दल अध्यक्ष ने पूर्व कांग्रेस सचिव सुरजीत सिंह तथा स्वतंत्र एसजीपीसी सदस्य तुग्गलवाल का पूरी टीम के साथ स्वागत करने के बाद प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होने यह भी घोषणा की कि श्री तुग्गलवाल को शिरोमणी अकाली दल में प्रतिष्ठित पद दिया जाएगा।
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को वैक्सीन के लिए अकेले केंद्र पर निर्भर नही रहना चाहिए , बल्कि शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तर्ज पर उन्हे राज्य के फंडों इस्तेमाल करने चाहिए, जिसने एक सप्ताह के भीतर ही कोवैक्सीन डोज खरीदी है। उन्होने कहा कि मुंबई जैसे निगम ने भी एक ही बार में पूरे शहर को वैक्सीन लगाने के लिए 600 करोड़ रूपये की वैक्सीन खरीदी थी। ‘ अगर जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री को डोज की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए राज्य मंत्रिमंडल की आपात मीटिंग बुलानी चाहिए।
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि पंजाब कोविड महामारी से पूरी तरह से लड़ने में सक्षम है यदि मुख्यमंत्री और राज्य के सभी मंत्री इसकी अगुवाई करें। ‘अफसोस की बात है कि यह भावना अब तक लुप्त है यही कारण है कि पंजाब में केवल तीन महीनों में अकेले 4000 मौंते देखी गई हैं’। सरदार बादल ने केंद्र सरकार से वैक्सीन पर जीएसटी न लगाने का भी अनुरोध करते हुए कहा कि वैक्सीन की बिक्री से पैसा कमाने की कोशिश नही करनी चाहिए । उन्होने कोविड के इलाज के लिए जरूरी वेंटिलेटर और जीवन रक्षक दवाओं से जीएसटी हटाने की अपील की’। सरदार बादल ने केंद्र सरकार से वैक्सीन पर जीएसटी न लगाने का भी अनुरोध करते हुए कहा कि उन्हे वैक्सीन की बिक्री पर पैसा कमाने की कोशिश नही करनी चाहिए। उन्होने कोविड के इलाज के लिए जरूरी वेंटिलेटर और जीवन रक्षक दवाओं से जीएसटी हटाने का भी अनुरोध किया ।
कल किसान आंदोलन की छह महीने की अवधि पूरी होने पर सरदार बादल ने कहा कि उन्होने तीनों खेती कानूनों को निरस्त करने की मांग के साथ साथ विरोध करने वाले किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों ने काले झंडे लहराने का आग्रह किया। उन्होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसानों के प्रति कठोर रवैया न अपनाने की अपील करते हुए उनके साथ आगे बातचीत करने के लिए शर्तें न रखकर उनसे सीधे बातचीत करने का आग्रह किया ।
सरदार बादल ने पंजाब सरकार से यह भी अनुरोध किया कि किसान आंदोलन के सभी 400 शहीदों को पर्याप्त मुआवजा देने के साथ सरकारी नौकरी भी दी जाए। उन्होने कहा कि अभी केवल 189 किसानों को 5 लाख रूपये का मुआवजा दिया गया है और किसी भी प्रभावित परिवार को सरकारी नौकरी की पेशकश नही की गई है।