Overseas Education Cost: डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर होते रुपए ने भारतीय छात्रों और उनके परिवारों की कमर तोड़ दी है। विदेश में पढ़ाई का सपना अब एक आर्थिक दुस्वप्न (Nightmare) बनता जा रहा है, जहां फीस और रहने का खर्च पूरा करने के लिए माता-पिता को अपनी जमीन और गहने तक बेचने पड़ रहे हैं।
डॉलर के मुकाबले रुपए की कमजोरी ने विदेश में पढ़ाई करने गए बच्चों का खर्च काफी बढ़ा दिया है। College Fees में सालाना करीब 7 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जिससे Parents के सामने खर्चा पूरा करने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
‘जमीन बेचकर भरी बेटे की फीस’
नोएडा में रहने वाले और पेशे से किसान बृज कुमार का दर्द इसी कहानी को बयां करता है। उन्होंने पिछले साल फरवरी में अपने बेटे जतिन का दाखिला MBA Course के लिए Canada की एक University में करवाया था। जतिन की पहले साल की फीस उन्होंने अपनी जमीन बेचकर पूरी की थी। लेकिन अब दूसरे साल में मुश्किलें और बढ़ गई हैं। पढ़ाई के साथ-साथ रहने और खाने-पीने का खर्च, जो पहले 1.5 लाख रुपए था, अब बढ़कर पौने दो लाख रुपए प्रति महीने तक पहुंच गया है।
‘गोल्ड लोन और प्रॉपर्टी बेचने की नौबत’
बृज कुमार बताते हैं कि बेटे का कोर्स पूरा करवाने के लिए उन्होंने Gold Loan भी लिया है। किसान होने के नाते खेती-बाड़ी से जो भी आमदनी होती है, उसे जैसे-तैसे बेटे को भेज रहे हैं। हालात इतने खराब हो गए कि बेटे की GIC (Guaranteed Investment Certificate) और College Fees भरने के लिए उन्हें अपनी एक Property तक बेचनी पड़ी। पूरे परिवार को बच्चे के Survival के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाना पड़ा है।
‘डेढ़ लाख की जगह अब पौने दो लाख का खर्च’
यही हाल ग्रेटर नोएडा के धनकौर में रहने वाले रामवीर तिवारी का भी है। उनका बेटा आकाश M.Tech की पढ़ाई के लिए पिछले साल अगस्त में America के New Jersey स्थित एक University में गया था। रामवीर बताते हैं कि Dollar का रेट बढ़ने से हमारा पैसा कमजोर हो गया है, जिससे उन पर आर्थिक बोझ (Load) ज्यादा पड़ रहा है। पहले वे बेटे को 1.5 लाख रुपए भेजते थे, लेकिन अब उन्हें पौने दो लाख रुपए भेजने पड़ रहे हैं। उनका बेटा वहां अपना खर्चा चलाने के लिए इधर-उधर का थोड़ा बहुत काम भी करता है।
‘महज 3 महीने में 2 लाख बढ़ गई फीस’
Overseas Education और Immigration Consultants के मुताबिक, सिर्फ America ही नहीं, बल्कि Canada, Australia और European Countries में पढ़ने का खर्च पिछले एक साल में 7 से 10% तक बढ़ गया है। पिछले 15 साल से कंसल्टेंसी दे रहे संचित गुप्ता बताते हैं कि Education Loan लेकर बच्चों को पढ़ाने वाले Parents अब खुद को कर्ज के दलदल में फंसा महसूस कर रहे हैं। Currency इतनी Deflate हो गई है कि Australia के लिए ट्राई कर रहे एक Student की Tuition Fees, जो पहले 18 लाख रुपए सालाना थी, महज 3 महीने में बढ़कर 20 लाख रुपए से ज्यादा हो गई है। इससे Parents का पूरा बजट ही बिगड़ गया है।
‘जानें पूरा मामला’
विशेषज्ञों (Experts) के मुताबिक, छात्र पहले से ही Visa नियमों में सख्ती के कारण परेशान थे, लेकिन अब Visa Fees और Flight का किराया बढ़ने से उन पर चौतरफा मार पड़ी है। डॉलर के मुकाबले गिरता रुपया Parents के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है। इसके अलावा, भारत के दूसरे देशों के साथ बनते-बिगड़ते रिश्तों का भी इस पर बुरा असर पड़ रहा है। यही वजह है कि कई Parents को बैंकों में Additional Collateral जमा करना पड़ रहा है या अपने रोजमर्रा के खर्चों में कटौती करके पैसे विदेश भेजने पड़ रहे हैं, ताकि उनके बच्चे वहां आसानी से Survive कर सकें।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने से विदेशी College Fees में 7-10% की बढ़ोतरी हुई है।
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Canada और USA में पढ़ने वाले छात्रों का महीने का खर्च 1.5 लाख से बढ़कर 1.75 लाख रुपए हो गया है।
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अभिभावक फीस भरन के लिए जमीन, Property बेचने और Gold Loan लेने को मजबूर हैं।
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महज 3 महीने के अंदर कुछ कोर्सेज की फीस में 2 लाख रुपए सालाना तक का इजाफा देखा गया है।






