Supreme Court Action on Voter List Revision (SIR) : Supreme Court ने देश भर में चल रहे मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्य में बाधा डालने और बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) को धमकाने की घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाया है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने साफ कर दिया है कि चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अगर राज्य सरकारें अपने अधिकारियों को सुरक्षा नहीं दे सकतीं, तो कोर्ट कड़े कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा।
Supreme Court से आज एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां कोर्ट अब पूरी तरह से एक्शन मोड में है। मामला मतदाता सूची के पुनरीक्षण यानी एसआईआर (SIR) से जुड़ा है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और साथ ही पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और असम समेत कई राज्यों से जवाब तलब किया है।
बीएलओ को धमकाने पर कोर्ट सख्त
Court ने इस बात को बेहद गंभीरता से लिया है कि कई राज्यों में बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को डराया-धमकाया जा रहा है और एसआईआर के काम में जानबूझकर रोड़े अटकाए जा रहे हैं। सुनवाई के दौरान जजों ने चुनाव आयोग से भी सवाल किया कि क्या राज्य सरकारें इस काम में सहयोग कर रही हैं या नहीं? कोर्ट का रवैया एकदम स्पष्ट है—अगर हालात बिगड़ते हैं और स्थानीय प्रशासन स्थिति नहीं संभाल पाता, तो पुलिस या केंद्रीय बलों को तैनात करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचेगा।
‘अराजकता नहीं फैलने देंगे’
Hearing के दौरान जब चुनाव आयोग ने दलील दी कि उनके पास संवैधानिक शक्तियां हैं और वे अधिकारियों को धमकाने की घटनाओं से निपटने में सक्षम हैं, तो सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की। कोर्ट ने दो टूक कहा कि अगर आपके पास शक्तियां हैं, तो उनका इस्तेमाल कीजिए और हालात से निपटिए, वरना यह स्थिति अराजकता (anarchy) की ओर ले जाएगी। कोर्ट की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब देश के अलग-अलग हिस्सों से बीएलओ के साथ बदसलूकी की खबरें लगातार सामने आ रही हैं।
याचिकाओं की बाढ़ पर CJI नाराज
Chief Justice सूर्यकांत ने सुनवाई के दौरान एसआईआर को लेकर दायर हो रही अनगिनत याचिकाओं पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने वकीलों और याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर आप लोग इसी तरह एक के बाद एक याचिकाएं दाखिल करते रहेंगे, तो मुख्य मुद्दे पर सुनवाई कब होगी? सीजेआई ने सख्त लहजे में कहा कि कई राजनीतिक लोग यहां सिर्फ ‘सुर्खियां बटोरने’ आ रहे हैं। कोर्ट ने साफ कहा कि इतनी ज्यादा याचिकाएं दाखिल करने से मुख्य केस की सुनवाई प्रभावित हो रही है।
राज्यों के हिसाब से होगी सुनवाई
Supreme Court ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और तमिलनाडु से आई अलग-अलग याचिकाओं पर असंतोष जताया है। कोर्ट ने इसे मामले का ‘राजनीतीकरण’ करने की कोशिश बताया। व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अलग-अलग राज्यों की याचिकाओं को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा जाए। कोर्ट ने अब तीन अलग-अलग राज्यों से जुड़े एसआईआर मामलों को अगले हफ्ते तीन अलग-अलग तारीखों पर सुनने का फैसला किया है, ताकि मुख्य मुद्दे का समाधान निकल सके।
जानें पूरा मामला
देश भर में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूचियों को अपडेट करने का काम (SIR – Summary Intensive Revision) चल रहा है। इस प्रक्रिया में घर-घर जाकर वोटर्स का सत्यापन करने वाले बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) को कई जगहों पर रोकने और धमकाने की शिकायतें मिली थीं। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं, जिस पर कोर्ट ने अब कड़ा संज्ञान लिया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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Supreme Court ने बीएलओ की सुरक्षा और एसआईआर में बाधा डालने पर केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी किया।
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Election Commission को नसीहत दी कि अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करें, वरना अराजकता फैल जाएगी।
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CJI सूर्यकांत ने बेवजह याचिकाएं दाखिल करने वालों को फटकारा, कहा- सिर्फ सुर्खियां बटोरने न आएं।
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अगले हफ्ते राज्यों के हिसाब से अलग-अलग तारीखों पर होगी मामले की सुनवाई।






