The News Air – (चंडीगढ़) पंजाब में सबको साथ लेकर चलने का दावा करने वाले चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार बदली-बदली नज़र आ रही है। मुख्यमंत्री की रैलियों में विरोध जताने पहुंच रहे बेरोज़गारों और कर्मचारियों को न केवल पीटा जा रहा है बल्कि उनके मुंह पर हाथ रख उनकी आवाज़ दबाने की भी कोशिश होती दिख रही है। हक़ मांगने वालों पर लाठियां भांजी जा रही हैं।
26 सितंबर को कैबिनेट गठन के बाद मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा था कि उनकी सरकार में हर बेरोज़गार, कर्मचारी को उसका हक़ मिलेगा। सूबे में दर्जा चार से लेकर ग्रेड वन के अफ़सर ख़ुश होंगे। 80 दिन बाद अब हालात बिल्कुल विपरीत दिख रहे हैं। पंजाब में हालात यह हैं कि बेरोज़गार अध्यापक, स्वास्थ्य कर्मी, पीआरटीसी कर्मचारी, सरकारी कार्यालयों के मुलाज़िम सभी हड़ताल पर हैं। सूबे के सरकारी कार्यालयों में काम बुरी तरह से प्रभावित है।
संगरूर : नारे लगा रहे बेरोज़गारों के मुंह पुलिस ने किए बंद
संगरूर के गांव फतेहगढ़ छन्ना देह कलां में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पहुंचे थे। यहां हो रही जनसभा में कैबिनेट मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और विजय इंद्र सिंगला भी मौजूद रहे। पुलिस को चकमा देकर पंडाल तक पहुंचे बेरोज़गार अध्यापकों ने सरकार और मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ जैसे ही नारेबाज़ी शुरू की सादी वर्दी में तैनात पुलिसवालों ने भी बेरोज़गारों का कपड़े से मुंह बंद कर उनकी आवाज़ दबाने का प्रयास किया।
इतना ही नहीं उन्हें घसीटकर पंडाल से बाहर कर दिया। इस दौरान बेरोज़गारों की पगड़ियां उतर गईं। पुलिस उनके मुंह बंद कर बस में डालकर थाने ले गई। जब सभी वीआईपी वहाँ से चले गए तो बेरोज़गारों को छोड़ा गया। इस पूरी घटना का वीडियो भी अब वायरल हो रहा है।
गुरुहरसहाय में वर्करों ने बेरोज़गार अध्यापकों को पीटा
हक़ मांग रहे मुलाज़िमों से मारपीट का सिलसिला गुरु हरसहाय से शुरू हुआ था। गुरुहरसहाय में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जैसे ही राणा गुरमीत सिंह के फार्म हाउस पर रैली करने पहुंचे तो कुछ बेरोज़गारों ने नारेबाज़ी की। इसके बाद वहाँ मौजूद कांग्रेसियों ने ही उन्हें पीटना शुरू कर दिया था। बाद में पटियाला, फिरोजपुर, मोगा में भी ऐसी ही कार्रवाई देखने को मिली थी और यह सिलसिला लगातार जारी है।
मानसा में DSP की दिखी थी बर्बरता
पंजाबी गायक से नेता बने सिद्धू मूसेवाला के समर्थन में मानसा में रैली में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जैसे ही संबोधन करने लगे तो तभी ETT अध्यापकों ने नारेबाज़ी शुरू कर दी। इसी दौरान वहाँ खड़े पुलिस मुलाज़िम एक्शन में आए और अध्यापकों को खदेड़ना शुरू कर दिया।
इसी दौरान वहाँ CM सिक्योरिटी में तैनात DSP गुरमीत सिंह तैश में आ गए और लाठी से बेरोज़गारों को पीटना शुरू कर दिया। वह सड़क पर भाग रहे ETT पास अध्यापकों को पीटने तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि अध्यापकों को बसों में बैठा लिया तो खिड़की में से भी उन पर लाठियां भाँजते रहे। अब इसे विरोधी अपनी ज़न सभाओं में मुद्दा बना रहे हैं।