केजरीवाल सरकार दिल्ली के विश्वविख्यात शिक्षा-स्वास्थ्य मॉडल को परेड में झांकी पर दिखाना चाहती थी, लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली- प्रियंका कक्कड़
भाजपा शासित असम, गुजरात, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश को लगातार मौका दिया जा रहा है, लेकिन दिल्ली-पंजाब को पिछले दो साल से नहीं मिल रहा – प्रियंका कक्कड़
अगर पीएम मोदी का दिल भी दिल्लीवालों की तरह बड़ा होता तो गणतंत्र दिवस पर दिल्ली भी अपना मॉडल देश के सामने रख पाती- प्रियंका कक्कड़
सीएम केजरीवाल ने देश के सामने पेश किया दिल्ली मॉडल, जहां सबसे कम महंगाई – सबसे अधिक आय, 24 घंटे मुफ्त बिजली, सबसे अधिक ईवी चार्जिंग स्टेशन और 1300 इलेक्ट्रिक बसें हैं- प्रियंका कक्कड़
केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य-शिक्षा मॉडल की केंद्र का नीति आयोग, पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी, मेलानिया ट्रंप और यूएन सेक्रेटरी जनरल भी कर चुके हैं तारीफ – प्रियंका कक्कड़
नई दिल्ली, 28 दिसंबर (The News Air) 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर परेड के दौरान दिल्ली और पंजाब सरकार की झांकी नहीं दिखाई देगी। आम आदमी पार्टी का कहना है कि मोदी सरकार ने दिल्ली और पंजाब के साथ फिर सौतेला व्यवहार करते हुए गणतंत्र दिवस पर परेड में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और पंजाब को अपनी झांकी लाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। “आप” की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस कर मामले की विस्तार से जानकर दी। उन्होंने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने देश के सामने दिल्ली मॉडल रखा है। दिल्ली के विश्विख्यात शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल को दिल्ली सरकार परेड में झांकी पर दिखाना चाहती थी, लेकिन अफसोस है कि मोदी सरकार ने पिछले साल की तरह इस बार भी अनुमति नहीं दी। वहीं, दूसरी तरफ, भाजपा शासित असम, गुजरात, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश को परेड में झांकी शामिल करने का लगातार मौका दिया जा रहा है। प्रियंका कक्कड़ ने अफसोस जताते हुए कहा कि काश, पीएम मोदी का दिल भी दिल्लीवालों की तरह बड़ा होता तो गणतंत्र दिवस पर दिल्ली भी अपना मॉडल देश के सामने रख पाती।
आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने देश के सामने दिल्ली मॉडल को रखा है। इस मॉडल के तहत दिल्ली में देश में सबसे कम महंगाई और सबसे अधिक प्रति व्यक्ति आय है। इस मॉडल में 200 यूनिट बिजली फ्री है और उसके ऊपर देश में सबसे कम दरों में बिजली उपलब्ध है। दिल्ली में इस मॉडल के तहत पिछले 10 साल में लगभग 30 फ्लाईओवर तैयार हो चुके हैं, जो अनुमानित लागत से काफी कम में तैयार हुए और इससे 557 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली मॉडल के तहत दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सबसे अधिक चार्जिंग प्वाइंट और स्टेशन बनाए गए हैं। यह एक बहुत बढ़िया इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी है, जिसके तहत देश में सबसे अधिक 17 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण हो चुका है। इस मॉडल के अंतर्गत दिल्ली में अब तक 1,300 इलेक्ट्रिक बस आ चुकी हैं। यह आंकड़ा देश में सबसे अधिक है।
“आप” प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने बताया कि स्वास्थ्य और शिक्षा मॉडल दिल्ली का गर्व है। दिल्ली की सरकार और लोग शिक्षा को बहुत अधिक महत्व देते हैं। शिक्षा ही सर्वश्रेष्ठ धन है। दिल्ली मॉडल के लिए केंद्र सरकार के थिंक टैंक यानी कि नीति आयोग का कहना है कि दिल्ली के सरकारी स्कूल देश के टॉप 10 में इसलिए हैं, क्योंकि यहां की शिक्षा में महत्वपूर्ण बदलाव देखा गया। दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों की ऐसी ही तारीफ देश के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी ने भी की थी। वहीं, जब अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप भारत आई थीं तो वो भी दिल्ली के सरकारी स्कूलों को देखने आई थीं।
प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि ऐसा ही हमारा स्वास्थ्य यानी कि हेल्थ मॉडल है, जिसकी हर जगह तारीफ सुनने को मिलती है। ये बात अलग है कि आजकल बीजेपी लगातार दिल्ली के स्वास्थ्य मॉडल पर हमला कर रही है. दिल्ली में बहुत से लोग बाहर के राज्यों से भी आते हैं, जिनमें अधिकांश यूपी के होते हैं और ये लोग अपने राज्य वापस जाकर दिल्ली के हेल्थ मॉडल की तारीफ करते हैं। ये बातें बीजेपी को हजम नहीं होती हैं। इसलिए वह लगातार दिल्ली के हेल्थ मॉडल पर हमलावर है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के हेल्थ मॉडल के बेहतरीन होने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि संयुक्त राष्ट्र के पूर्व अध्यक्ष बान की मून और महासचिव कोफी अन्नान ने इसकी तारीफ की थी, बल्कि बान की मून ने तो यहां तक कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी को भी यही मॉडल आगे लेकर जाना चाहिए। दिल्ली दिलवालों की है। यहां देश के विभिन्न राज्यों समेत विदेशों से भारी तादाद में लोग पढ़ाई, इलाज और नौकरी करने के लिए आते हैं। दिल्ली सबको अपनाती है। यही वजह है कि दिल्ली सरकार हेल्थ और एजुकेशन मॉडल को गणतंत्र दिवल की परेड में प्रदर्शित करना चाहती थी और ये दिखाना चाहती थी कि बीते कुछ सालों में दिल्ली में इन दोनों मॉडलों के जरिए कितना अधिक बदलाव देखने को मिला है, लेकिन बहुत अफसोस की बात है कि ये होने नहीं दिया गया।
“आप” की प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि दिल्ली और पंजाब की झांकियों को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने की अनुमति नहीं देना बीजेपी की गंदी राजनीति को दर्शाता है। वहीं, बीजेपी शासित असम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड को गणतंत्र दिवस परेड में लगातार मौका दिया जा रहा है, लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी दिल्ली और पंजाब दोनों राज्यों को दरकिनार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि काश देश के प्रधानमंत्री का दिल भी दिल्लीवालों की तरह बड़ा होता तो वो दिल्ली को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का मौका देते। दिल्ली देश की राजधानी है और हमारे लिए यहां का हेल्थ और एजुकेशन मॉडल गर्व की बात है, अगर दिल्ली सरकार को भी मौका मिलता तो वो शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल को गणतंत्र दिवस की परेड में देश के सामने प्रदर्शित कर पाती।