नई दिल्ली (The News Air): देश में किस कदर बेरोजगारी (unemployment) है इसके कई उदाहरण मिलते रहते हैं। बड़ी बड़ी डिग्रियां (degrees) लेकर लोग चपरासी की भी नौकरी करने के लिए तैयार हैं। अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बेरोजगारी का ऐसा ही उदाहरण एक बार फिर सामने आया है जो काफी हैरान कर देने वाला है। कर्मचारी चयन आयोग की बड़ी भर्ती परीक्षाओं में से एक मल्टी टास्किंग स्टाफ (MTS नॉन-टेक्निकल) और हवलदार( सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एवं सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स) 2022 के लिए लगभग 55,21,917 अभ्यार्थियों ने ऑनलाइन फॉर्म भरे हैं। इनमें से 19,04,139 आवेदक प्रयागराज के SSC मध्य क्षेत्र दफ्तर के अधीन आने वाले उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं।
बता दें कि भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता हाई स्कूल है। लेकिन बेरोजगारी का आलम देखिए, नौकरी पाने के लिए बीटेक, एमटेक, एमबीए, बीबीए, एमसीए, बीसीए, बीएड, एलएलबी, एमएससी जैसी डिग्री रखने वाले अभ्यार्थी भी आवेदन कर रहे हैं। इससे साफ कहा जा सकता है कि देश में बेरोजगारी किस कदर है। जानकारी के अनुसार इसके लिए करीब 55 लाख आवेदन आ चुके हैं।
उत्तर प्रदेश में युवाओं की बेरोजगारी का आलम क्या है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां सरकारी नौकरी पाने के लिए बीटेक, एमटेक और एमबीए वाले पढ़े-लिखे लोगों ने चपरासी ,चौकीदार, जमादार, माली और गेटकीपर बनने के लिए आवेदन किया है। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में विभागों एवं कार्यालय में चपरासी, चौकीदार, जमादार, माली, गेटकीपर बनने के लिए देशभर के लगभग 55 लाख से अधिक बेरोजगार लाइन में खड़े हैं। इनमे सबसे ज्यादा यूपी और बिहार के हैं।