श्रीनगर (Srinagar), 11 जनवरी (The News Air): केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Dr. Jitendra Singh) ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की 150वीं वर्षगांठ (150th Anniversary) पर श्रीनगर मौसम विज्ञान केंद्र को ‘शताब्दी केंद्र’ (Centennial Centre) का दर्जा दिए जाने की घोषणा की। इसके साथ ही जम्मू (Jammu) में एक नया ‘क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र’ (Regional Meteorological Centre) स्थापित किया जाएगा।
यह ऐतिहासिक घोषणा मिशन मौसम (Mission Mausam) और मौसम संबंधी सेवाओं में भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
‘मिशन मौसम’: 2,000 करोड़ की महत्वाकांक्षी योजना : डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि मोदी सरकार 3.0 ने अपने पहले 100 दिनों में ₹2,000 करोड़ का ‘मिशन मौसम’ (Mission Mausam) लॉन्च किया। इसका उद्देश्य:
- भारत को “मौसम के लिए तैयार” (Weather-Ready) और “जलवायु के प्रति स्मार्ट” (Climate-Smart) बनाना।
- चक्रवात (Cyclones), बाढ़ (Floods), हिमस्खलन (Avalanches) जैसे प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करना।
- नागरिकों और हितधारकों को एक्शन योग्य जलवायु अंतर्दृष्टि (Actionable Climate Insights) प्रदान करना।
श्रीनगर और जम्मू के लिए विशेष योजनाएं
श्रीनगर को मिला ‘शताब्दी केंद्र’ का दर्जा:
- यह केंद्र, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization) द्वारा मान्यता प्राप्त है।
- यह मौसम पूर्वानुमान, आपदा तैयारी और जलवायु अनुकूलन में मदद करेगा।
जम्मू क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र:
- यह केंद्र जम्मू और कश्मीर की भौगोलिक और जलवायु चुनौतियों का समाधान करेगा।
- महत्वपूर्ण घटनाओं जैसे अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) और वैष्णो देवी यात्रा (Vaishno Devi Yatra) के लिए सटीक मौसम पूर्वानुमान प्रदान करेगा।
IMD: 150 वर्षों की यात्रा और आधुनिक उपलब्धियां
- स्वचालित मौसम स्टेशन (AWS) की संख्या दोगुनी हुई।
- श्रीनगर, मनिहाल (Manihal), लेह (Leh) में उन्नत X-बैंड रडार की स्थापना।
- IMD के सटीक पूर्वानुमान में 40% से अधिक सुधार।
- किसानों, विमानन, रक्षा कर्मियों और नागरिकों के लिए वास्तविक समय पर मौसम अपडेट।
‘मौसम सेवाओं में ग्लोबल लीडर बनने का लक्ष्य’- डॉ. सिंह ने जोर देकर कहा कि: “हम 2047 तक भारत को मौसम विज्ञान और आपदा तैयारियों के लिए वैश्विक केंद्र (Global Hub) के रूप में स्थापित करेंगे।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में IMD ने:
- तीन S (Speed, Scale, Skill) का मंत्र अपनाया।
- पारदर्शिता, समान प्रतिस्पर्धा, और टेक्नोलॉजी के माध्यम से सटीकता बढ़ाई।
शिक्षा और अनुसंधान में नए आयाम:
- श्रीनगर मौसम केंद्र जम्मू विश्वविद्यालय (University of Jammu), शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय (SKUAST) और इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IUST, Awantipora) के साथ समझौते करेगा।
- यह सहयोग अनुसंधान, नवाचार और मौसम विशेषज्ञों की नई पीढ़ी तैयार करेगा।
IMD की सेवाएं: किसानों से लेकर रक्षा तक
- कृषि सलाह (Agricultural Advisory): किसानों के लिए महत्वपूर्ण मौसम अपडेट।
- वास्तविक समय अलर्ट: SMS और WhatsApp के माध्यम से लाखों लोगों तक सूचना।
- जीवन को सरल बनाना: विवाह जैसे व्यक्तिगत आयोजनों के लिए भी पूर्वानुमानों पर भरोसा।
भारत का भविष्य ‘मिशन मौसम’ के साथ सुरक्षित : IMD की 150वीं वर्षगांठ और ‘मिशन मौसम’ का शुभारंभ भारत के लिए स्वर्णिम अवसर है। श्रीनगर और जम्मू जैसे क्षेत्रों में नए केंद्रों की स्थापना से:
- मौसम सेवाओं में सुधार होगा।
- आपदा प्रबंधन मजबूत होगा।
- भारत, जलवायु कार्रवाई और मौसम विज्ञान में विश्व का नेतृत्व करेगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसे ‘सुरक्षित और सतत भविष्य’ (Secure and Sustainable Future) की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। IMD की इस शानदार यात्रा का समापन 15 जनवरी 2025 को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में भव्य आयोजन के साथ होगा।