Punjab Cabinet Meeting SC Advocates Ordinance को लेकर आज चंडीगढ़ (Chandigarh) में एक बड़ी बैठक होने जा रही है। इस बैठक में पंजाब (Punjab) सरकार अनुसूचित जाति (SC – Scheduled Caste) समुदाय के वकीलों को एडवोकेट जनरल (AG – Advocate General) ऑफिस में नियुक्ति देने के लिए एक विशेष ऑर्डिनेंस लाने पर विचार कर सकती है। यह बैठक दोपहर 2:30 बजे मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के सरकारी निवास पर होगी।
बैठक में राज्य के सभी कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे। बैठक को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में गहमागहमी बनी हुई है क्योंकि इसमें कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। खासकर SC वर्ग के वकीलों को AG ऑफिस में विशेष छूट या आरक्षण देने का प्रस्ताव इस बैठक का मुख्य विषय हो सकता है।
सरकार की तैयारी ऑर्डिनेंस लाने की ओर
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार पंजाब सरकार एक ऐसा ऑर्डिनेंस लाने पर विचार कर रही है जिससे AG ऑफिस में SC वर्ग के योग्य वकीलों की नियुक्ति में कुछ नियमों में लचीलापन प्रदान किया जा सके। सरकार का उद्देश्य सामाजिक न्याय को सुदृढ़ करना और वंचित वर्ग को न्यायिक तंत्र में उचित प्रतिनिधित्व देना है।
संभावित छूट के बिंदु
जानकारी के मुताबिक, सरकार चयन प्रक्रिया में शैक्षणिक योग्यता (educational qualification), अनुभव (experience), और इंटरव्यू प्रक्रिया (interview process) में विशेष छूट देने की संभावना पर विचार कर रही है। इससे SC समुदाय के अधिक वकील लॉ ऑफिसर (Law Officer) के पद पर चयनित हो सकेंगे और राज्य के कानूनी ढांचे में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सकेगी।
समाज के लिए अहम संकेत
यदि यह प्रस्ताव पारित होता है तो यह सामाजिक समावेश और प्रतिनिधित्व की दिशा में पंजाब सरकार का एक ऐतिहासिक कदम होगा। यह न सिर्फ SC वकीलों को मुख्यधारा में लाएगा, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में विविधता और समरसता को भी मजबूती देगा।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
यह कदम अंबेडकर जयंती (Ambedkar Jayanti) के निकट लिए जाने के कारण विशेष महत्व रखता है। इसे एक प्रतीकात्मक और नीतिगत निर्णय के रूप में देखा जा रहा है, जिससे यह संकेत मिले कि पंजाब सरकार वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा को लेकर गंभीर है। इससे सरकार की सामाजिक प्रतिबद्धता और न्यायिक क्षेत्र में संवेदनशीलता भी उजागर होती है।
इस बैठक के परिणाम पर पूरे राज्य की निगाहें टिकी हुई हैं और यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो यह निस्संदेह SC समुदाय के लिए एक प्रेरक और सशक्तिकरण का प्रतीक बन जाएगा।