Silver Price Outlook: अगर आप चांदी में निवेश करने की सोच रहे हैं या आपके घर में चांदी के जेवर हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। वैश्विक बाजार में चांदी की कीमतें आसमान छूने के लिए तैयार हैं, और इसके पीछे की वजह है चीन में पैदा हुआ एक बड़ा संकट। चीन में चांदी का भंडार पिछले एक दशक में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है, जिसने अंतरराष्ट्रीय बाजार में खलबली मचा दी है।
इस संकट को कम करने के लिए हाल ही में भारी मात्रा में चांदी चीन से लंदन भेजी गई है, ताकि कीमतों को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से रोका जा सके।
चीन में चांदी का ‘सूखा’ और इसका असर
शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज से जुड़े गोदामों में चांदी का स्टॉक 2015 के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया है। वहीं, शंघाई गोल्ड एक्सचेंज का कारोबार भी 9 साल से ज्यादा समय में सबसे कम स्तर पर पहुंच चुका है। यह भारी गिरावट अक्टूबर महीने में चीन से कीमती धातुओं के निर्यात के 660 टन से ज्यादा हो जाने के बाद आई है, जो कि अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।
HDFC सिक्योरिटीज में कमोडिटी हेड, अनुज गुप्ता का कहना है कि यह खबर चांदी की कीमतों के लिए बेहद सकारात्मक है। शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज में पिछले 9 सालों में इन्वेंटरी कम होने का सीधा मतलब है कि मांग बढ़ रही है, लेकिन बाजार में आपूर्ति की कमी है।
2026 के लिए बड़ा टारगेट: ₹2,85,000 प्रति किलो?
चांदी के लिए यह साल काफी उथल-पुथल भरा रहा है, जिसमें इसकी कीमतें 80% तक बढ़कर कई नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई हैं। यह उछाल सोने के दामों में आई तेजी के साथ ही देखा गया है।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले साल, यानी 2026 में चांदी की कीमतें 80 से 100 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं। अगर ऐसा होता है, तो इसका मतलब है कि चांदी की कीमतें 34,000 डॉलर प्रति किलोग्राम के स्तर तक जा सकती हैं, जो भारतीय रुपये में लगभग ₹2,85,000 प्रति किलोग्राम (वर्तमान विनिमय दर के अनुसार) के आसपास हो सकता है।
ट्रंप की ‘टैरिफ’ नीति और ‘बैकवर्डेशन’ का पैटर्न
बाजार में यह चर्चा भी गर्म है कि अमेरिका में ट्रंप प्रशासन इस मेटल पर टैरिफ लगा सकता है। टीडी सिक्योरिटीज के कमोडिटी रणनीतिकार, डेनियल गाली ने चेताया है कि अगर चांदी पर टैरिफ लगाया जाता है, तो इससे अमेरिका पहुंचने वाली चांदी की सप्लाई बाधित हो सकती है।
चीन में चांदी की तंगी को दर्शाते हुए शंघाई में चांदी की मौजूदा कीमतें भविष्य की तारीख वाले अनुबंधों से ऊपर पहुंच गई हैं। इस पैटर्न को बाजार की भाषा में ‘बैकवर्डेशन’ (Backwardation) कहा जाता है, जो साफ तौर पर बाजार में अल्पावधि (short-term) के दबाव का संकेत देता है। जिनूरई फ्यूचर्स के विश्लेषकों के अनुसार, कम इन्वेंटरी और आपूर्ति की चुनौतियों को देखते हुए बाजार में चिंताएं बनी हुई हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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चीन में चांदी का भंडार एक दशक में सबसे कम स्तर पर पहुंचा।
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शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज में स्टॉक 2015 के बाद सबसे निचले स्तर पर।
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अक्टूबर में चीन से चांदी का निर्यात रिकॉर्ड 660 टन से ज्यादा हुआ।
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विशेषज्ञों का अनुमान: 2026 में चांदी 80-100 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है।
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बाजार में मांग ज्यादा और आपूर्ति कम होने से कीमतों में और तेजी के आसार हैं।






