चंडीगढ़, 17 अगस्त (The News Air)
राजनीतिक पार्टियां चुनाव के लिए अपनी कमर कस रही हैं। वहीं, यहां मौजूदा समय में सत्ता में बैठी कांग्रेस पार्टी भी अपना पूरा दमखम लगा रही है। पंजाब कांग्रेस के नए-नए अध्यक्ष बने नवजोत सिंह सिद्धू एक्शन में आ रखे हैं और दनादन प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं। सिद्धू जबसे अध्यक्ष बने हैं तबसे उनका लोगों के बीच जाना जारी है। इस बीच सिद्धू अपनी बयानबाज़ी से ख़ूब चर्चा में आ रहे हैं। सिद्धू लोगों के बीच मौजूद होकर विपक्ष पर तो तीखा हमला बोल ही रहे हैं, साथ ही वह इस दौरान अपनी यानि कैप्टन सरकार को भी घेर जाते हैं।
इधर, सिद्धू का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें वह पंजाब में कहीं पर एक जनसभा को सम्बोधित कर रहे हैं। वीडियो में आप देखेंगे कि सिद्धू पंजाब के तमाम मुद्दों को लेकर ताबड़तोड़ बरस रहे हैं। ख़ासकर यूथ मुद्दे को लेकर, सिद्धू कहते दिख रहे हैं कि अगर जनता उन्हें ताक़त देती है, आगे राज्य में कांग्रेस सरकार को लाती है तो वह छाती ठोंक कर कहते हैं, वह पंजाब में भ्रष्ट सिस्टम को बदलकर रख देंगे। जनसभा को सम्बोधित करते हुए सिद्धू सबसे ज़्यादा यूथ पर बात कर रहे हैं। सिद्धू का कहना हैं कि अब आगे पंजाब में यूथ के टैलेंट का इस्तेमाल होगा। उनके टैलेंट को तवज्जो दी जाएगी। सिद्धू ने कहा कि पंजाब में यूथ को नशे से दूर किया जायेगा। उन्हें मौक़ा दिया जाएगा ताकि वह विभिन्न क्षेत्रों में से किसी में अपने आप को प्रूव कर सकें। सिद्धू ने कहा कि नशा करने से लाख गुना आनंद कुछ कर गुज़रने में मिलता है। सिद्धू ने कहा कि वह युवाओं में नशे की लत को मिटाकर ही रहेंगे।
पंजाब के नक़्शे से क्या मिटाने को कहा? …..
सिद्धू ने कहा कि पंजाब में उनके होते हुए माफ़ियाओं और माफ़िया गिरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सिद्धू ने तेज़ अंदाज़ में कहा कि मैं पंजाब के नक़्शे से माफ़िया गिरी को मिटा कर रख दूंगा। बस इसके लिए पंजाब की जनता की ताक़त उन्हें चाहिए। सिद्धू ने कहा कि पंजाब की जनता को पंजाब में कांग्रेस सरकार बनानी है और ये सिद्धू वचन देता है कि पंजाब के सिस्टम को सिद्धू बदलेगा और आप लोगों की, हमारे यूथ की, कार्यकर्ताओं की सबकी तरक़्क़ी और ताक़त सुनिक्षित होगी।
इससे पहले सिद्धू ने किया था यह ट्वीट ….
अतीत ख़ुद जवाब है, उसपे सवाल नहीं होते, मिट्टी में डूबे बिना गुलाब नहीं होते, शिक्षा में यदि देश के प्रति प्रेम हो तो बात बनती है, यूँ ही पैदा नेहरू जी, गांधी जी और शहीद भगत सिंह जनाब नहीं होते, चिराग़ों की तरह ख़ुद को जलाना पड़ता है, यूँ ही मुट्ठियाँ बाँध लेने से इंक़लाब नहीं होते!