The News Air: चेन्नई की नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल इकाई श्रीराम ग्रुप (Shriram Group) ने श्रीराम प्रॉपर्टीज में मौजूद अपनी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। मामले से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि श्रीराम ग्रुप यह हिस्सेदारी श्रीराम प्रॉपर्टीज के CEO एम मुरली को बचेगा। सूत्रों के मुताबिक, डील से जुड़े विषयों पर दोनों कंपनियों के बीच बातचीत चल रही है। कीमतों और अन्य शर्तों को लेकर बातचीत जारी है और डील का ऐलान एक महीने के भीतर हो सकता है।
श्रीराम प्रॉपर्टीज में, श्रीराम ग्रुप की 27.78 हिस्सेदारी है। श्रीराम ग्रुप ने यह निवेश ज्वाइंट होल्डिंग कंपनी श्रीराम प्रॉपर्टीज होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के जरिये किया है। श्रीराम प्रॉपर्टीज एक रेजिडेंशियल रियल एस्टेट डिवेलपमेंट कंपनी है, जिसका फोकस मिड हाउसिंग मार्केट और अफोर्बेडबल हाउसिंग (सस्ते घरों) पर है।
श्रीराम ग्रुप द्वारा हिस्सेदारी बेचने से श्रीराम प्रॉपर्टीज की प्रमोटर होल्डिंग में किसी तरह का बड़ा बदलाव नहीं होगा, क्योंकि मुरली प्रमोटर ग्रुप का हिस्सा हैं। लिहाजा, शेयरहोल्डर्स के लिए ओपन ऑफर लाने की जरूरत नहीं है।इस बारे में पूछे जाने पर श्रीराम ग्रुप के प्रवक्ता ने कुछ भी टिप्पणी करने से मना कर दिया।
फाइनेंशियल सर्विसेज पर फोकस का इरादा
श्रीराम ग्रुप द्वारा श्रीराम प्रॉपर्टीज की हिस्सेदारी बेचने के फैसले से किसी को हैरानी नहीं चाहिए, क्योंकि कंपनी ने अब फाइनेंशियल सर्विसेज पर फोकस करने का फैसला किया है। श्रीराम ग्रुप में बड़े पैमाने पर हुई रीस्ट्रक्चरिंग के बाद यह देश की सबसे बड़ी नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) बन गई है। 31 दिसंबर 2022 को श्रीराम एसेट्स का कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट ( AMU) 177,498.17 करोड़ रुपये था। श्रीराम ग्रुप ने हाल में रामबल लिमिटेड (Rambal Ltd) में मौजूद अपनी हिस्सेदारी भी बेची है। यह कंपनी ऑटो कंपोनेंट के बिजनेस में है।
सूत्रों ने बताया कि श्रीराम प्रॉपर्टीज एक खास अवधि के लिए ‘श्रीराम’ नाम का इस्तेमाल करती रहेगी। कंपनी ने साल 2000 में ऑपरेशन शुरू किया था और उसके बाद से चेन्नई, कोयंबटूर और विशाखापत्तनम में अपना विस्तार किया है। श्रीराम प्रॉपर्टीज कोलकाता में भी काम रही है।