Shri Akal Takht Dhandrianwale Apology विवाद पर बुधवार को अमृतसर (Amritsar) स्थित श्री अकाल तख्त साहिब (Sri Akal Takht Sahib) ने एक बड़ा फैसला सुनाया। प्रमुख सिख उपदेशक रणजीत सिंह ढंडरियांवाले (Ranjit Singh Dhandrianwale) को माफी दे दी गई है। उन्होंने सिख सिद्धांतों और परंपराओं को लेकर दिए गए विवादित बयानों के लिए सर्वोच्च सिख धार्मिक पीठ के समक्ष उपस्थित होकर माफी मांगी। इसके बाद उनके प्रवचनों पर लगा प्रतिबंध भी हटा दिया गया।
यह महत्वपूर्ण बैठक तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज (Giani Kuldeep Singh Gurgaj) की अध्यक्षता में संपन्न हुई। ढंडरियांवाले ने तख्त सचिवालय में आयोजित इस बैठक में लिखित रूप से अपनी माफी प्रस्तुत की। सिख धर्मगुरुओं ने उनकी माफी को गंभीरता से लेते हुए इस पर चर्चा की और सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया।
बैठक के बाद सिख धर्मगुरुओं ने यह भी स्पष्ट किया कि समुदाय को दिए गए ढंडरियांवाले के समागमों के बहिष्कार के आदेश को वापस लिया जाता है। इस दौरान ढंडरियांवाले हाथ जोड़कर खड़े रहे और उन्होंने बिना किसी शर्त के इस निर्णय को स्वीकार किया। यह घटना सिख समुदाय में एक बड़े विवाद के शांत होने का संकेत देती है।
यह पूरा विवाद 24 अगस्त 2020 से शुरू हुआ था, जब तत्कालीन सिख धर्मगुरुओं ने रणजीत सिंह ढंडरियांवाले के प्रवचनों को आपत्तिजनक मानते हुए समुदाय से उनका बहिष्कार करने का आदेश दिया था। तब यह निर्देश दिया गया था कि जब तक वे सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तब तक उनके समागमों में भाग नहीं लिया जाए। मालवा (Malwa) क्षेत्र में ढंडरियांवाले के बड़ी संख्या में अनुयायी हैं, और उनकी गतिविधियों को लेकर समाज में गहरी चर्चा होती रही है।
अब जब श्री अकाल तख्त (Sri Akal Takht) द्वारा उन्हें माफ कर दिया गया है, यह सिख समुदाय में एक नए सामंजस्य और धार्मिक अनुशासन की ओर संकेत करता है। यह निर्णय न केवल धार्मिक मर्यादाओं की रक्षा करता है, बल्कि समुदाय में शांति और सहमति की भावना को भी मजबूती देता है।