शिमला, 6 सितंबर (The News Air)
हिमाचल प्रदेश के शिमला के ज्योरी इलाक़े के पास भूस्खलन के कारण NH-5 अवरुद्ध हो गया है। अभी तक कोई मानव या संपत्ति के नुक्सान की सूचना नहीं है। ज़िला प्रशासन ने स्थिति का जायज़ा लेने के लिए एसडीएम रामपुर और एक पुलिस टीम को तैनात किया है। लैंड स्लाइड के वीडियो सामने आए हैं। कहा जा रहा है कि इस घटना में कुछ गाड़ियों को नुक्सान पहुंचा है। हाईवे प्राधिकरण की मशीनरी रोड को बहाल करने में लगी है। बता दें कि किन्नौर ज़िले में भूस्खलन की लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं। इससे पहले बटसेरी और निगुलसरी में भूस्खलन में कई लोग मारे गए थे।
लगातार टूट रहे पहाड़- इससे पहले नेशनल हाईवे-5 पर निगुलसरी के पास लैंड स्लाइड की घटना हुई थी। इसमें 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। यहां पत्थरों के नीचे शव दबे रह गए थे, जिन्हें कई दिनों बाद निकाला जा सका था। वहीं, लाहौल स्पीति की पट्टन घाटी में चंद्रभागा नदी पर भी भूस्खलन हो चुका है। इससे नदी का जलस्तर 20 गुना ज़्यादा बढ़ गया।
पर्यावरणविद जता चुके हैं चिंता- अगस्त में हिमाचल प्रदेश के किन्नौर ज़िले में भूस्खलन(Kinnaur landslide) ने पर्यावरणविदों (environmentalists) से लेकर सरकार तक को सोचने पर विवश कर दिया है। किन्नौर हादसे में कई लोगों की मौत हो गई थी। आख़िर पहाड़ क्यों दरक रहे हैं? इस पर लोकल न्यूज़ वेबसाइट himachalabhiabhi.com ने एक आंकड़ा दिया है। इसके अनुसार अंधाधुंध पेड़ों की कटाई और विकास के लिए पहाड़ों को काटना इन हादसों की वजह बनता जा रहा है। अकेले किन्नौर क्षेत्र में सतलुज नदी के बेसिन में 22 पनबिजली प्रोजेक्ट्स का निर्माण हुआ है। इसके अलावा सड़कों को चौड़ा करने के लिए भी पहाड़ खोखले किए गए। पिछले 8 साल में हिमाचल प्रदेश में 428 लोगों की इस हादसे में जान जा चुकी है।
7 से 9 सितंबर तक भारी बारिश का Alert- इस बीच भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने देश के कई राज्यों में 7-9 सितंबर तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें हिमाचल प्रदेश सहित उत्तराखंड, उत्तरी पंजाब, जम्मू-कश्मीर, राजस्था, दक्षिण भारत के तीन राज्य शामिल हैं। उत्तरी कोंकण, महाराष्ट्र और गुजरात के अलावा तेलंगाना में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। दक्षिण ओडीशा, तटीय आंध्र प्रदेश, विदर्भ और दक्षिण छत्तीसगढ़ में भी भारी बारिश का अलर्ट है।