सुप्रीम कोर्ट (SC) ने मंगलवार को दिल्ली सरकार (Delhi Government) की 2023 अध्यादेश के एक प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि रिटायर्ड जस्टिस उमेश कुमार (Umesh Kumar) को नए दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (DERC) के अध्यक्ष के रूप में तब तक शपथ नहीं दिलाई जाएगी, जब तक कि अदालत मामले की अगली सुनवाई नहीं कर लेती।
अध्यादेश प्रावधान राष्ट्रपति को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के जरिए दिल्ली में आयोग और बोर्ड गठित करने का अधिकार देता है। मामले पर अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।
इससे पहले, सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे अपने पत्र में निर्देश दिया था कि कुमार को मंगलवार सुबह 10 बजे तक दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी पद की शपथ नहीं दिला सकतीं।
आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने जस्टिस कुमार की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
केजरीवाल को लिखे अपने पत्र में उपराज्यपाल ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश कुमार शपथ समारोह के लिए मंगलवार सुबह 10 बजे तक ही उपलब्ध थे।
उपराज्यपाल ने निर्देश दिया कि या तो बिजली मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंस या वीडियो कॉल के जरिए कुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे या मुख्यमंत्री या उनका कोई मंत्री औपचारिकताएं पूरी करेगा या मुख्य सचिव को ये काम करने के लिए कहा जा सकता है।
हालांकि, दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी के ‘खराब स्वास्थ्य’ के कारण शपथ कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था। इसके के बाद उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री को DERC के नामित अध्यक्ष उमेश कुमार का शपथ ग्रहण वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पूरा करने को कहा था।
कुमार को 21 जून को DERC का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
सर्विस के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश के बाद, DERC अध्यक्ष की नियुक्ति दिल्ली सरकार और एलजी कार्यालय के बीच टकराव का नया कारण है। आम आदमी पार्टी ने इस अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।