Sheikh Hasina Death Sentence 5 Charges : बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ के मामले में मौत की सजा सुनाई गई है। ढाका स्थित विशेष अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने हसीना को सभी पांचों मामलों में दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा का ऐलान किया।
यह फैसला बांग्लादेश की राजनीति में एक भूचाल लेकर आया है, जिसे लेकर ढाका समेत कई शहरों में तनाव का माहौल है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने इस फैसले के खिलाफ बंद का भी ऐलान किया है।
अभियोजन पक्ष ने शेख हसीना को जुलाई 2024 में हुए छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा का “मास्टरमाइंड” बताते हुए मौत की सजा की मांग की थी। आरोप है कि उनके नेतृत्व में हुई सुरक्षा कार्रवाई में 1400 लोग मारे गए थे।
वहीं, शेख हसीना और उनकी पार्टी का दावा है कि ये मुकदमे “राजनीतिक प्रतिशोध” के चलते दर्ज किए गए हैं।
‘जानें वो 5 आरोप, जो बने सजा का आधार’
पहला आरोप: हत्या और मानवता के खिलाफ अपराध अभियोजन पक्ष ने शेख हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुजमान खान कमाल और पूर्व आईजीपी चौधरी अब्दुल्ला अल मामून पर हत्या, हत्या के प्रयास, यातना और अन्य अमानवीय कृत्यों का आरोप लगाया। यह भी आरोप लगा कि हसीना ने आवामी लीग और सशस्त्र बलों द्वारा नागरिकों के खिलाफ किए गए इन अपराधों को बढ़ावा दिया, भड़काया और उन्हें रोकने में विफल रहीं।
दूसरा आरोप: हेलीकॉप्टर-ड्रोन से हमले का आदेश शेख हसीना पर छात्र प्रदर्शनकारियों का “सफाया” करने के लिए हेलीकॉप्टरों, ड्रोनों और घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश देने का गंभीर आरोप है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, तत्कालीन गृह मंत्री और पुलिस महानिरीक्षक ने इन आदेशों को लागू करने में हसीना की मदद की।
तीसरा आरोप: भड़काऊ बयानबाजी और हत्या हसीना और अन्य पर रंगपुर स्थित बेगम रौकिया विश्वविद्यालय के पास एक प्रदर्शनकारी छात्र अबू सईद की हत्या का आरोप है। आरोप है कि शेख हसीना ने भड़काऊ बयानबाजी की और प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश दिया, जिसे गृह मंत्री और आईजीपी ने लागू करवाया।
चौथा आरोप: निहत्थे प्रदर्शनकारियों की हत्या अभियुक्तों पर 5 अगस्त को ढाका में चंखर पुल पर छह निहत्थे प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप था। अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि यह हत्याएं अभियुक्तों के आदेश, उकसावे, मिलीभगत और साजिश के तहत की गईं, जो मानवता के खिलाफ एक गंभीर अपराध है।
पांचवां आरोप: जिंदा जला देने का आरोप पांचवें आरोप के मुताबिक, अभियुक्तों पर 5 अगस्त को ही असूलिया में छह छात्र प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप है। इनमें से पांच को बाद में जला दिया गया, जबकि छठे छात्र को कथित तौर पर “जीवित रहते हुए” आग लगा दी गई थी।
शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं और इस फैसले के बाद उनकी आगे की राह बेहद मुश्किल नजर आ रही है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ के 5 मामलों में मौत की सजा सुनाई गई है।
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उन पर जुलाई 2024 के छात्र आंदोलन को कुचलने के लिए ‘मास्टरमाइंड’ होने का आरोप है।
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आरोपों में हेलीकॉप्टर-ड्रोन से हमले का आदेश देना, हत्या के लिए उकसाना और निहत्थे छात्रों को जिंदा जलाना शामिल है।
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शेख हसीना ने इन मुकदमों को “राजनीतिक प्रतिशोध” बताया है; वह फिलहाल भारत में हैं।






