Sheikh Hasina Statement: Bangladesh की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने सबसे बुरे दौर में साथ देने के लिए भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। मौत की सजा और बेटे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बीच, हसीना ने पहली बार खुलकर बात की है कि कैसे संकट के काले बादलों के बीच भारत ने उनका हाथ थामा।
मुश्किल वक्त में भारत बना सहारा
India में शरण लेकर रह रहीं शेख हसीना ने एक इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि वह निजी रिश्तों पर ज्यादा नहीं बोलेंगी, लेकिन मुश्किल वक्त में भारत के लोगों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका पूरा साथ दिया है। उन्होंने कहा कि वह पीएम मोदी के समर्थन की कद्र करती हैं। हसीना ने भारत को एक अहम पड़ोसी बताते हुए कहा कि दोनों देशों के रिश्ते बहुत पुराने हैं और संकट की इस घड़ी में मिली शरण के लिए वह व्यक्तिगत और कूटनीतिक रूप से भारत की आभारी हैं।
बेटे के वारंट पर साधी चुप्पी तोड़ी
Bangladesh की इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने 4 दिसंबर को शेख हसीना के बेटे साजीव वाजेद जॉय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उन पर आरोप है कि जुलाई में हुए छात्र आंदोलन के दौरान उन्होंने इंटरनेट बंद करवाने में भूमिका निभाई थी, ताकि मानवता के खिलाफ हुए अपराधों को छिपाया जा सके। यह वारंट पूर्व आईटी मंत्री जुनैद अहमद पलक के साथ जारी हुआ था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हसीना और उनके बेटे ने इस ट्रायल को ‘कंगारू कोर्ट’ बताकर पूरी तरह खारिज कर दिया है।
अमेरिका की भूमिका पर क्या बोलीं हसीना?
America का बांग्लादेश संकट में हाथ होने की अफवाहों पर भी शेख हसीना ने विराम लगा दिया है। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी सरकार गिराने में अमेरिका का हाथ था, तो उन्होंने साफ कहा कि अमेरिका ने खुद ऐसी किसी भी भूमिका से इनकार किया है और इसके कोई सार्वजनिक सबूत नहीं हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि बिना सबूत के ऐसे आरोप लगाने से देश की स्थिरता बिगड़ सकती है और राष्ट्रीय एकता टूट सकती है।
आम आदमी पर असर
Political अस्थिरता और पड़ोसी देशों के रिश्तों में कड़वाहट का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है। अगर बांग्लादेश में हालात नहीं सुधरते हैं, तो यह क्षेत्र की शांति और व्यापारिक रिश्तों के लिए चिंता का विषय बन सकता है, जिसका असर आम नागरिक की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर भी दिखेगा।
‘जानें पूरा मामला’
July महीने में बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसके चलते शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत भागना पड़ा था। इसके बाद बांग्लादेश की एक विशेष अदालत ने उनकी गैर-हाजिरी में उन्हें मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मौत की सजा सुना दी। मुसीबत यहीं नहीं रुकी, उनके और उनके बेटे समेत कई सहयोगियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किए गए हैं। इसी उथल-पुथल के बीच हसीना ने भारत के समर्थन को रेखांकित किया है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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शेख हसीना ने संकट में साथ देने के लिए पीएम मोदी और भारत का शुक्रिया अदा किया।
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बेटे साजीव वाजेद जॉय के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को खारिज किया।
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बांग्लादेश संकट में अमेरिका की भूमिका होने के आरोपों को बेबुनियाद बताया।
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जुलाई हिंसा के बाद हसीना को मौत की सजा सुनाई गई है और वह भारत में निर्वासित हैं।






