Shashi Tharoor’s response to Congress criticism : कांग्रेस (Congress) सांसद और वरिष्ठ नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) इन दिनों अपनी ही पार्टी के निशाने पर हैं। कारण बना है उनका वह बयान जिसमें उन्होंने उरी (Uri), पुलवामा (Pulwama) और पहलगाम (Pahalgam) जैसे आतंकी हमलों के बाद केंद्र सरकार द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक्स (Surgical Strikes) की तारीफ की थी। इसके बाद पार्टी के नेता उदित राज (Udit Raj) समेत कई अन्य नेता थरूर पर भड़क गए और सोशल मीडिया पर उन्हें ‘धोखेबाज़’ तक कह डाला।
थरूर इस समय केंद्र सरकार द्वारा विदेशों में भेजे गए सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं और उन्होंने अमेरिका (USA), गुयाना (Guyana) और पनामा (Panama) जैसे देशों में भारत का पक्ष मजबूती से रखा है। वहां उन्होंने पाकिस्तान के आतंकवाद को भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उजागर किया। बावजूद इसके, उनकी ही पार्टी के कुछ नेता अब उन्हें निशाने पर ले रहे हैं।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शशि थरूर ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि लोग उनकी बातों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत कर रहे हैं और ट्रोल्स जैसी मानसिकता वाले आलोचक उन्हें निशाना बना रहे हैं। उन्होंने साफ कहा, “मेरे पास करने के लिए और भी बेहतर चीजें हैं। गुडनाइट।” उन्होंने बताया कि पनामा (Panama) में एक व्यस्त दिन के बाद वे अब कोलंबिया (Colombia) के लिए रवाना हो रहे हैं और उनके पास इन विवादों के लिए समय नहीं है।
थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका बयान केवल हालिया आतंकी हमलों और सेना की जवाबी कार्रवाई को लेकर था। उन्होंने लिखा कि पहले की सरकारों ने एलओसी (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (International Border) का सम्मान करते हुए संयम बरता था और यही उनका संदर्भ था। इसके बावजूद यदि कोई उनकी बातों को जानबूझकर तोड़-मरोड़कर पेश करता है तो वह स्वतंत्र है, लेकिन वे ऐसे विवादों में नहीं पड़ना चाहते।
इस पूरे विवाद के केंद्र में कांग्रेस नेता उदित राज (Udit Raj) हैं, जिन्होंने थरूर पर सीधा हमला करते हुए उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का ‘सुपर प्रवक्ता’ कह दिया था। उन्होंने तो यहां तक कहा कि थरूर को विदेश मंत्री बना देना चाहिए, इससे पहले कि वह भारत लौटें। इतना ही नहीं, केरल (Kerala) कांग्रेस यूनिट के कुछ नेता भी थरूर के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।
थरूर ने इस पूरे मामले में संयमित लेकिन सटीक जवाब देते हुए यह जता दिया है कि उनकी प्राथमिकता देश की विदेशों में छवि को मजबूत करना है, न कि आंतरिक राजनीति की खींचतान में उलझना।






