Shashi Tharoor Congress पार्टी की लकीर से हटकर चलने और अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर संसद में हलचल मचा दी है। उन्होंने लोकसभा में एक ऐसा निजी विधेयक (प्राइवेट मेंबर बिल) पेश किया है, जिसकी गूंज पूरे देश में सुनाई दे रही है। थरूर ने वैवाहिक बलात्कार (Marital Rape) को अपराध घोषित करने की मांग करते हुए साफ शब्दों में कहा, “शादी में ‘न’ का मतलब ‘न’ ही होता है।”
वैवाहिक बलात्कार पर थरूर का दो टूक
केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) में संशोधन के लिए यह निजी विधेयक पेश किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि शादी के बाद भी किसी महिला के शरीर पर सिर्फ और सिर्फ उसकी ही मर्जी चलनी चाहिए, और कानून को इस हकीकत को मान्यता देनी होगी।
थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी बात रखते हुए कहा, “भारत को अपने संवैधानिक मूल्यों को कायम रखना चाहिए। ‘न’ का मतलब ‘न’ है, यह सिर्फ ‘हाँ’ होने की ओर बढ़ना चाहिए। हर महिला को वैवाहिक संबंध के दायरे में भी शारीरिक स्वायत्तता (Bodily Autonomy) और गरिमा का मौलिक अधिकार मिलना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि अब जबरदस्ती का कोई समय नहीं रहा है और इस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। जैसे ही थरूर ने यह बिल पेश किया, संसद में सरगर्मियां तेज हो गईं, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे।
दो अन्य महत्वपूर्ण बिल भी पेश किए
वैवाहिक बलात्कार के अलावा, शशि थरूर ने दो और अहम निजी विधेयक पेश किए हैं।
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राज्यों के पुनर्गठन के लिए स्थायी आयोग: यह बिल भविष्य में नए राज्य बनाने या मौजूदा राज्यों की सीमाएं बदलने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए है। थरूर का मानना है कि ऐसे फैसले डेटा, जनगणना, आर्थिक व्यवहार्यता, राष्ट्रीय एकता और लोगों के अधिकारों पर आधारित होने चाहिए, न कि केवल राजनीतिक लाभ पर।
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राइट टू डिस्कनेक्ट (Right to Disconnect): यह बिल काम करने वाले लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा है। थरूर ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि भारत की 51% आबादी हफ्ते में 49 घंटे से ज्यादा काम करती है, और 78% लोग ‘बर्न आउट’ (अत्यधिक थकान) का शिकार हैं।
उन्होंने कहा, “हमें काम के घंटे सीमित करने के लिए ‘राइट टू डिस्कनेक्ट’ को कानूनी मान्यता देने पर काम करना चाहिए, ताकि काम करने का तरीका बदल सके और लोगों की सेहत सुधर सके।”
क्या होता है निजी विधेयक?
आपको बता दें कि निजी विधेयक (Private Member’s Bill) वह बिल होता है जिसे संसद का कोई ऐसा सदस्य पेश करता है जो मंत्री नहीं होता। हालांकि, ऐसे बिलों का पास होना बहुत दुर्लभ होता है, लेकिन ये महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस शुरू करने और सरकार का ध्यान खींचने का एक जरिया होते हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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बड़ा कदम: शशि थरूर ने वैवाहिक बलात्कार को अपराध बनाने के लिए बिल पेश किया।
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स्पष्ट संदेश: थरूर ने कहा, “शादी में ‘न’ का मतलब ‘न’ है, महिला की शारीरिक स्वायत्तता सर्वोपरि है।”
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अन्य बिल: राज्यों के पुनर्गठन आयोग और ‘राइट टू डिस्कनेक्ट’ पर भी बिल पेश किए।
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कार्य संस्कृति पर चिंता: भारत में लोग हफ्ते में 49 घंटे से ज्यादा काम कर रहे हैं, 78% ‘बर्न आउट’ का शिकार हैं।






