स्टॉक मार्केट के प्रमुख सूचकांकों Sensex और Nifty के नए ऑल-टाइम हाई पर पहुंच जाने के बाद इनवेस्टर्स को महंगी वैल्यूएशंस की चिंता सता रही है। ऐसे में ICICI Securities की एक सलाह सही लगती है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के एनालिस्ट्स का कहना है कि मौजूदा माहौल में इनवेस्टर्स को माइक्रोकैप शेयरों में निवेश करने पर विचार करना चाहिए, जिनकी वैल्यूएशंस अपेक्षाकृत कम है। कुछ दूसरे एक्सपर्ट्स का कहना है कि माइक्रोकैप शेयरों में निवेश करने में सावधानी बरतनी होगी। उन्हें अपने पोर्टफोलियो के 5 फीसदी से ज्यादा इन शेयरों में इनवेस्ट नहीं करना चाहिए।
ICICI Securities ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, “बुल मार्केट के मौहाल में रिस्क स्प्रेड को देखते हुए माइक्रोकैप की वैल्यूएशंस कम दिख रही है।” ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि मार्केट कैप पर आधारित रैंकिंग में 501 से 1000 रैंक वाली कंपनियों को माइक्रोकैप माना जा सकता है। उसने कहा है कि पिछले ट्रेंड को देखने से पता चलता है कि अगर बुल मार्केट जारी रहता है तो माइक्रोकैप शेयरों में तेजी आ सकती है।
जहां तक मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की बात है तो लार्जकैप के मुकाबले इनका अर्निंग यील्ड स्प्रेड मार्जिनल है। हालांकि, बुल मार्केट में इनकी वैल्यूएशंस पीक पर नहीं पहुंची है। माइक्रोकैप में ऐसे करीप 80 शेयर हैं जिनका रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE) 10 फीसदी से ज्यादा है। इनकी अर्निंग यील्ड सरकारी बॉन्ड यील्ड से 10 फीसदी ज्यादा है। इसका मतलब है कि सस्ती वैल्यूएशंस वाली माइक्रोकैप शेयरों की तलाश के अच्छे नतीजे मिल सकते हैं।
व्यापक इंडस्ट्रियल सेक्टर और डिस्क्रेशनरी कंजम्प्शन में Nifty Microcap 250 इंडेक्स का वेटेज 68 फीसदी है, जो काफी ज्यादा है। इन कंपनियों को देश में बढ़ती डिमांड के माहौल का फायदा मिल सकता है। इसकी वजह यह है कि कोरोना की महामारी के बाद जीडीपी में आ रही रिकवरी में ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन (GFCF) और हायर-एंड डिस्क्रेशनरी कंजम्प्शन का बड़ा हाथ है।
ICICI Securites ने कुछ टॉप माइक्रोकैप कंपनियों शेयरों के बारे में बताया है। इनमें Wonderla Holidays, Somany Ceramics, Greenpanel, Sansera Engineering, ISGEC, Fusion Micro Finance, Repco Home Finance, Nazara Tech, Tatva Chintan, Astra Microwave, Kewal Kiran और Gokaldas Exports शामिल हैं। हालांकि, निवेशकों को आंख मूंद कर इन शेयरों में निवेश नहीं करना चाहिए। उन्हें इन शेयरों में निवेश करने में किसी तरह की जल्दबाजी भी नहीं करनी चाहिए।
दिग्गज इनवेस्टर और Elyments Platforms के चेयरमैन अजय बग्गा ने कहा कि रिटेल इनवेस्टर्स को माइक्रोकैप शेयरों से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “ऐसे शेयरों में मैनिपुलेशन की गुंजाइश ज्यादा होती है और इंस्टीट्यूशनल कवरेज ओनरशिप कम होती है। ऐसे शेयरों में पोर्टफोलियो के 5 फीसदी से ज्यादा हिस्से के निवेश की सलाह नहीं दी जा सकती। क्वालिटी शेयरों में निवेश कर इंडिया की ग्रोथ स्टोरी का फायदा उठाया जा सकता है। ”






