- पंजाबियों को अब किस पर भरोसा करना चाहिए क्योंकि पंजाब के मुख्यमंत्री और “सुपर सीएम” के समान नागरिक संहिता पर अलग-अलग विचार हैं? : विपक्ष के नेता
चंडीगढ़, 5 जुलाई (The News Air) पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा और पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर अलग रुख अपनाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधते हुए बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण मांगा कि क्या आप पंजाब के नेतृत्व से उस समय सलाह ली गई थी जब दिल्ली में बैठे उसके आकाओं ने समान नागरिक संहिता पर भाजपा को सैद्धांतिक समर्थन दिया था।
उन्होंने कहा, ‘पंजाब के मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में पंजाबियों को किस पर भरोसा करना चाहिए क्यूंकि पंजाब के मुख्या मंत्री और ‘सुपर सीएम’ के समान नागरिक संहिता पर अलग-अलग विचार हैं। ऐसा लगता है कि पंजाब के सीएम ने पंजाब के लोगों की यूसीसी विरोधी भावनाओं को देखते हुए यह यू-टर्न लिया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप बाजवा और राजा वडिंग ने कहा कि उन्होंने और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पहले ही बता दिया था कि समान नागरिक संहिता को लागू करने की तैयारी से देश के सौहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण ताने-बाने को भारी नुकसान होगा, जहां अल्पसंख्यकों, जनजातियों और बहुसंख्यक समुदाय के कुछ वर्गों को नुकसान पहुंचाया जाएगा।
बाजवा ने एक खबर का हवाला देते हुए कहा कि अब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यूसीसी पर आप के रुख से खुद को अलग कर लिया है। इस उदाहरण से पता चलता है कि जब आप के शीर्ष नेतृत्व ने यूसीसी पर अपनी रणनीति तैयार की और तत्कालीन राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने आप को सैद्धांतिक समर्थन देने की घोषणा की तो आप की पंजाब इकाई को ध्यान में नहीं रखा गया.
उन्होंने कहा, ‘इससे यह भी पता चलता है कि आप का शीर्ष नेतृत्व पंजाब के लिए बिल्कुल भी सम्मान नहीं रखता है, जो एक सिख बहुल राज्य है और उसने 2022 के विधानसभा चुनावों में आप को बड़ा जनादेश दिया. इससे यह भी पता चलता है कि ‘आप’ में आंतरिक लोकतंत्र नहीं था और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल शायद अपने बेहद करीबी सहयोगियों से सलाह मशविरा करने के बाद तानाशाही के साथ बड़े फैसले लेते हैं। मुख्यमंत्री मान निश्चित रूप से एक रबर स्टैंप हैं और आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार को रिमोट कंट्रोल से चलने के लिए दिल्ली में बैठा उसका शीर्ष नेतृत्व चला रहा है।
बाजवा ने एक बयान में दोहराया कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण में कथित ‘प्रशासनिक और वित्तीय’ अनियमितताओं का विशेष ऑडिट कराने का फैसला किया है। इसके अलावा कथित शराब घोटाले की जांच भी चल रही थी। ऐसा लगता है कि आप की मंशा यूसीसी पर भाजपा का समर्थन कर केजरीवाल को बचाने की थी।
उन्होंने कहा, ‘यह सच है कि हिंदुओं, सिखों, मुसलमान और इसे समुदाय के विवाह, जन्म और मृत्यु पर किए जाने वाले रीति-रिवाजों में अंतर है. इसी तरह, कुछ अलग-अलग जातियां और जनजातियां विभिन्न अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों का पालन करती हैं। 2024 के आम चुनावों से पहले, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार बहुसंख्यक समुदाय के वोटों को मजबूत करने के लिए सांप्रदायिक राजनीति कर रही है।






