SC ने अखबार में छपी Ramdev की माफी को बताया अयोग्य, फिर से जारी करने का आदेश

0
छपी रामदेव

नई दिल्ली, 23 अप्रैल (The News Air):  पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन से जुड़े अवमानना के मामले की आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण कोर्ट में मौजूद रहे. जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने सुनवाई की. आज की सुनवाई में भी बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को राहत नहीं मिली. उन्हें 30 अप्रैल को फिर कोर्ट के सामने उपस्थित होना होगा.

सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पतंजलि ने अखबार में माफीनामा प्रकाशित कर माफी मांगी है. अखबार में सोमवार को माफीनामा का विज्ञापन दिया गया था. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आपने किस साइज में विज्ञापन दिया है. जस्टिस कोहली ने कहा कि आपने कुछ नहीं किया. जस्टिस कोहली ने कहा कि एक सप्ताह बाद कल क्यों किया गया. क्या माफी का आकार आपके सभी विज्ञापनों में समान है. वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि इसकी कीमत दस लाख है. सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से कहा कि अखबार में छपी आपकी माफी अयोग्य है. कोर्ट ने अतिरिक्त विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया.

बेंच ने केंद्र सरकार से भी पूछा सवाल

जस्टिस कोहली ने कहा कि आज सूचीबद्ध यह हस्तक्षेपकर्ता कौन है? ऐसा लगता है कि वह प्रस्तावित अवमाननाकर्ताओं का समर्थन करना चाहते हैं. वह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पर जुर्माना लगाना चाहते हैं. जस्टिस कोहली ने कहा कि हम बहुत उत्सुक हैं, इस एप्लिकेशन के समय को लेकर. हम जानना चाहते हैं कि यह व्यक्ति कौन है. हमें उसे अपने सामने रखना होगा.

बेंच ने रोहतगी से प्रकाशित माफीनामा दाखिल करने को कहा. जस्टिस कोहली ने केंद्र सरकार से कहा कि अब आप नियम 170 को वापस लेना चाहते हैं. यदि आपने ऐसा निर्णय लिया है, तो आखिर क्या हुआ? आप केवल उस कानून के तहत कार्य करना क्यों चुनते हैं, जिसे उत्तरदाताओं ने पिछड़ा हुआ कहा है? बेंच ने केंद्र से कहा कि आपने भ्रामक विज्ञापन के मामले में क्या कदम उठाया है. हमें बताएं.

कोर्ट ने एक हफ्ते का दिया था समय

इससे पहले 16 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई हुई थी. तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण अपनी गलती सुधारने को कदम उठाएं.

रामदेव ने कहा था कि मेरी मंशा कोर्ट का अनादर करने की नहीं थी. रामदेव ने कहा कि हमने किसी की आलोचना नहीं की. जस्टिस कोहली ने कहा कि हम माफी के बारे में सोचेंगे. अभी हमने माफी नहीं दी है. आप इतने भी नादान नहीं हैं कि आपको कुछ पता ना हो.

0 0 votes
Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments