Sarabjit Kaur Pakistan Cross-Border Love : इश्क न रंग देखता है, न जात, न धर्म… और शायद सरहद भी नहीं। लेकिन जब यह इश्क सरहद पार का हो, तो यह दो मुल्कों के बीच सनसनीखेज खबर बन जाता है। कपूरथला की 48 वर्षीय सरबजीत कौर की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जो इस समय विवादों में घिरी हुई हैं।
सरबजीत, जो दो बच्चों की मां और तलाकशुदा हैं, 4 नवंबर को 1932 सिख श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ श्री ननकाना साहिब के दर्शन के लिए पाकिस्तान रवाना हुई थीं। यह जत्था गुरु नानक देव जी का 556वां प्रकाश पर्व मनाकर भारत लौट आया, लेकिन सरबजीत कौर वहीं रह गईं।
‘जत्थे के साथ गईं, फेसबुक दोस्त से किया निकाह’
खबरों के मुताबिक, सरबजीत पाकिस्तान पहुंचने के अगले ही दिन अपने एक फेसबुक दोस्त के साथ फरार हो गईं।
उन्होंने कथित तौर पर शेखूपुरा की एक मस्जिद में इस्लाम कबूल किया, अपना नाम ‘नूर हुसैन’ रखा और नासिर हुसैन नाम के शख्स से निकाह कर लिया।
‘निकाह कराने वाले वकील का शर्मनाक बयान’
इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब निकाह कराने वाले एक पाकिस्तानी वकील का शर्मनाक बयान सामने आया। वकील ने कहा कि उसे इस बात की खुशी नहीं है कि उसने एक पंजाबी महिला का निकाह कराया, बल्कि उसे इस बात की खुशी है कि उसने एक ‘सिखनी को मुसलमान’ बना दिया।
यह बयान पाकिस्तान में रहने वाले सिख, हिंदू और ईसाई जैसे अल्पसंख्यक समुदायों की उस खौफनाक सच्चाई को बयां करता है, जो वे कथित तौर पर दबाव में जी रहे हैं।
‘आपराधिक रिकॉर्ड के बावजूद कैसे मिला वीजा?’
इस मामले में कई गंभीर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि सरबजीत का आपराधिक रिकॉर्ड है। इसके बावजूद यह एक पहेली है कि उसे जालंधर से पासपोर्ट कैसे मिल गया।
इतना ही नहीं, उसे वीजा दिलाने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की एक महिला सदस्य ने सिफारिश की थी। वाघा बॉर्डर पर तैनात इमीग्रेशन अधिकारियों ने भी कथित तौर पर उसका अधूरा फॉर्म स्वीकार कर लिया, जिसमें धर्म और नागरिकता का कॉलम खाली छोड़ा गया था।
‘बच्चों की ममता को भी छोड़ा पीछे’
सरबजीत के इस कदम से सबसे ज्यादा सदमे में उनके जवान बेटे और ससुराल वाले हैं, जो खुद को ठगा हुआ और शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं। सरबजीत ने अपने दिल के टुकड़ों को पीछे छोड़कर सरहद पार नया घर बसा लिया।
‘सरबजीत अकेली नहीं, पहले किरण बाला भी…’
हालांकि, यह ऐसा पहला मामला नहीं है। 2018 में होशियारपुर की किरण बाला भी बैसाखी मनाने जत्थे के साथ पाकिस्तान गई थीं।
उन्होंने भी अपने बच्चों को छोड़कर इस्लाम कबूल किया और ‘आमना बीबी’ बनकर लाहौर में मोहम्मद आजम से निकाह कर लिया। उनके ससुर ने ‘लव जिहाद’ का शक जताया था, लेकिन यह मामला अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनने के बावजूद पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई नहीं की।
‘सीमा हैदर की कहानी क्यों है बिलकुल अलग?’
इन मामलों के ठीक उलट, पाकिस्तान की सीमा हैदर की कहानी है। चार बच्चों की मां सीमा, PUBG खेलते हुए भारत के सचिन मीणा के प्यार में पड़ गईं।
सीमा 2023 में पाकिस्तान से दुबई और नेपाल के रास्ते भारत पहुंचीं, लेकिन वह किरण बाला या सरबजीत की तरह अपने बच्चे पीछे छोड़कर नहीं आईं, बल्कि उन्हें अपने साथ लाईं। उन्होंने ममता को नहीं त्यागा। सीमा अब खुद को ‘भारत की बहू’ बताती हैं और उन्होंने भारतीय नागरिकता की मांग की है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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कपूरथला की 48 वर्षीय सरबजीत कौर ननकाना साहिब जत्थे के साथ जाकर पाकिस्तान में बस गईं।
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उन्होंने कथित तौर पर इस्लाम कबूल कर ‘नूर हुसैन’ नाम रखा और फेसबुक दोस्त से निकाह कर लिया।
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सरबजीत का आपराधिक रिकॉर्ड होने के बावजूद उसे वीजा और पासपोर्ट मिलने पर सवाल उठ रहे हैं।
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यह मामला 2018 में किरण बाला जैसा है, लेकिन सीमा हैदर के केस से अलग है, जो अपने बच्चे साथ लाई थीं।






