Sarabjit Kaur Pakistan Jatha Conversion Nikah : श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर पाकिस्तान गए 1900 सिख श्रद्धालुओं के जत्थे में से एक 48 वर्षीय महिला के वापस न लौटने से हड़कंप मच गया है। कपूरथला की रहने वाली सर्बजीत कौर ने कथित तौर पर इस्लाम कबूल कर लिया है और अपना नाम बदलकर ‘नूर हुसैन’ रख लिया है। उसने शेखूपुरा के एक पाकिस्तानी नागरिक से निकाह कर लिया है।
गुरुपर्व मनाने के लिए 4 नवंबर को पाकिस्तान गए 1900 से अधिक सिख श्रद्धालुओं का जत्था भारत वापस लौट आया है। जब अटारी बॉर्डर पर अधिकारियों ने गिनती की, तो पाया कि जत्थे में शामिल एक महिला कम है।
जांच करने पर पता चला कि कपूरथला की रहने वाली 48 वर्षीय सर्बजीत कौर जत्थे से गायब है। वह ननकाना साहिब पहुंचने के अगले ही दिन से लापता हो गई थीं।
‘नूर हुसैन’ बन किया निकाह
अब जो कहानी सामने आई है, वह प्यार, धर्म परिवर्तन और सीमा पार के रिश्तों की है। खबर है कि सर्बजीत कौर ने पाकिस्तान के शेखूपुरा के पास दास गांव के रहने वाले नाजर हुसैन नाम के शख्स से निकाह (शादी) कर लिया है।
निकाह करने के लिए सर्बजीत कौर ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया है और अपना नया नाम ‘नूर हुसैन’ रख लिया है। सोशल मीडिया पर उसके निकाहनामे की तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं।
2 साल से संपर्क में, करतारपुर कॉरिडोर पर हुई थी मुलाकात
यह कोई अचानक हुआ घटनाक्रम नहीं है। जांच में पता चला है कि सर्बजीत कौर पिछले दो साल से नाजर हुसैन के संपर्क में थी। दोनों की बातचीत सोशल मीडिया के जरिए शुरू हुई थी।
इतना ही नहीं, यह भी जानकारी सामने आई है कि जत्थे में जाने से पहले वह करतारपुर कॉरिडोर के रास्ते भी नाजर हुसैन से मुलाकात करके आई थी। उसने इस बार गुरुपर्व के जत्थे को पाकिस्तान पहुंचने के एक सुनियोजित तरीके के तौर पर इस्तेमाल किया।
पति से तलाक, पुराना क्रिमिनल रिकॉर्ड
इस मामले के सामने आने के बाद सर्बजीत कौर की पृष्ठभूमि भी सवालों के घेरे में है। उसका पति पिछले 25 साल से इंग्लैंड में रहता है। उसके बेटों ने बताया है कि उनके माता-पिता का पहले ही तलाक हो चुका है और सर्बजीत अपने दोनों बच्चों से अलग रह रही थी।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सर्बजीत कौर का पुराना क्रिमिनल रिकॉर्ड भी रहा है। 2014 में कपूरथला और 2015 में बठिंडा में उसके खिलाफ ब्लैकमेलिंग और अन्य संगीन धाराओं के तहत केस दर्ज हो चुके हैं, हालांकि बताया जा रहा है कि वह इन मामलों से बरी हो गई थी।
जानें पूरा मामला
यह पहली बार नहीं है जब जत्थे के साथ गई कोई महिला इस तरह पाकिस्तान में रुक गई हो। 4-5 साल पहले भी होशियारपुर की एक महिला ने ऐसा ही किया था। इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर ला दिया है।
अब भारतीय एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि सर्बजीत को पासपोर्ट और पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (PCC) कैसे मिला? एजेंसियां इस मामले में किसी जासूसी एंगल की भी जांच कर रही हैं। इस बीच, SGPC और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (PSGPC) भी महिला का पता लगाकर उसे भारत वापस भेजने का प्रयास कर रही हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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गुरुपर्व जत्थे के साथ पाकिस्तान गई कपूरथला की 48 वर्षीय सर्बजीत कौर वापस नहीं लौटी।
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महिला ने इस्लाम कबूल कर अपना नाम ‘नूर हुसैन’ रख लिया और पाकिस्तानी नागरिक नाजर हुसैन से निकाह कर लिया।
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वह 2 साल से नाजर के संपर्क में थी और पहले करतारपुर कॉरिडोर पर भी उससे मिल चुकी थी।
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सर्बजीत का पति से तलाक हो चुका है और 2014-15 में उस पर ब्लैकमेलिंग के केस भी दर्ज थे।






