संजय सिंह की जमानत से दिल्ली शराब घोटाले के अन्य आरोपियों के लिए राहत की राहें खुलेंगी?

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Sanjay Singh Bail,संजय सिंह की जमानत से दिल्ली शराब घोटाले के अन्य आरोपियों के लिए राहत की राहें खुलेंगी? - will sanjay singh bail open doors for relief for other accused like arvind kejriwal and manish sisodia in the delhi liquor scam

नई दिल्ली, 3 अप्रैल (The News Air): सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता संजय सिंह को जमानत दी तो यह कानूनी सवाल उठ गया कि क्या दिल्ली शराब घोटाले के बाकी आरोपियों को भी इसका लाभ मिल सकेगा? हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि यह मामला नजीर नहीं बनेगा। तो क्या अन्य आरोपियों को इस फैसले का लाभ नहीं मिलेगा? वैसे कानूनी जानकारों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस ऑर्डर के बाद बाकी आरोपियों की ओर से भी जमानत की गुहार लगाई जा सकती है, लेकिन ईडी के रुख पर काफी कुछ निर्भर करेगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लोअर कोर्ट ने संजय सिंह की जमानत की शर्तें तय की हैं जिसके तहत उन्हें जेल से निकलने के बाद मुकदमे के बारे में कोई बयान नहीं देने को कहा गया है। हालांकि, उन्हें पार्टी का कामकाज करने की पूरी छूट दी गई है।

जेल में बंद आप के दूसरे नेताओं के लिए कितनी उम्मीद?

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट विकास सिंह बताते हैं कि राइट टु साइलेंस भी मौलिक अधिकार है। किसी भी आरोपी को उसके चुप रहने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता और कोई जांच एजेंसी यह नहीं कह सकती कि आरोपी चुप रहकर उसे सहयोग नहीं कर रहा है। सहयोग का मतलब यह नहीं है कि आरोपी गुनाह कबूल कर ले। तेलंगाना हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि चुप रहना भी मौलिक अधिकार है। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट खुद अपने एक अन्य फैसले में कह चुका है कि ईडी के समन के बावजूद उसे सहयोग न करना गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता। साथ ही, रिमांड के वक्त यह देखना जरूरी है कि गिरफ्तारी वैलिड है या नहीं।

 

मौजूदा मामले में संजय सिंह छह महीने से जेल में थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संजय सिंह के पास से रिकवरी नहीं है। ईडी से सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया था कि क्या संजय सिंह को हिरासत में रखने की आवश्यकता है? संजय सिंह छह महीने से जेल में हैं। ईडी ने जब कहा कि उन्हें जमानत दिए जाने से आपत्ति नहीं है, तब सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है। आबकारी नीति मामले में आप नेताओं की गिरफ्तारी हुई है और पहले नेता को जमानत मिली है। ऐसे में अब आनेवाले दिनों में बाकी आरोपियों के लिए एक राह जरूर बनी है, ताकि वे जमानत की अर्जी दाखिल कर सकें।

‘केस की मेरिट पर फैसला’

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट एमएल लाहौटी बताते हैं कि अगर किसी आरोपी को दूसरे आरोपी से आमना-सामना न करना हो तो ऐसे आरोपी को जमानत मिलना मुश्किल होता है। हालांकि, अगर पूछताछ हो चुकी हो और आगे जांच के दौरान पूछताछ की जरूरत न हो तो उस आधार पर बाकी आरोपी भी जमानत की मांग कर सकते हैं। तब उस विशेष केस में ईडी का क्या रुख रहता है, यह भी अहम है क्योंकि मौजूदा मामले में ईडी ने सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर खुद कहा कि जमानत दिए जाने पर उसे आपत्ति नहीं है। ऐसे में बाकी मामलों में जब जमानत पर सुनवाई होगी, तब ईडी का रुख भी देखना होगा कि ईडी को कोई आपत्ति है या नहीं? या वह मेरिट पर जमानत का विरोध कर रही है। अगर मेरिट पर जमानत का ईडी विरोध करती है तो फिर उस केस विशेष में अदालत केस की मेरिट पर जमानत का फैसला देगी।

‘ट्रायल में होने वाली देरी के आधार पर भी’

सीनियर क्रिमिनल लॉयर रमेश गुप्ता का कहना है कि संजय सिंह को जमानत देने का ईडी ने विरोध नहीं किया है। अब बाकी मामले में ईडी का रुख क्या होता है, यह भी देखना होगा। हालांकि अन्य आरोपियों की ओर से जमानत की अर्जी दाखिल किए जाने का रास्ता जरूर खुलेगा। वैसे भी, सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान कहा था कि ट्रायल में अगर देरी हो तो आरोपी जमानत की अर्जी दाखिल कर सकता है। अभी हाल ही में 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पीएमएल की धारा 45 के संवैधानिक अधिकार को नहीं छीन सकता और यह सिसोदिया के केस में साफ किया जा चुका है। अगर ट्रायल में देरी हो रही है तो कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के अधिकार पर कोई रोक नहीं है।

अदालत ने कहा था कि यहां अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और आजादी के अधिकार का मसला है। ऐसे में ट्रायल में देरी के आधार पर जमानत देने में कोई बाधा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग केस के ट्रायल में अगर देरी हो तो जमानत दिए जाने पर रोक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने मनी लॉन्ड्रिंग केस से संबंधित एक मामले में सुनवाई के दौरान कहा था कि पीएमएलए एक्ट की धारा 45 ऐसे मामले में जमानत दिए जाने पर रोक नहीं लगाती है, जिसमें ट्रायल में देरी हो।

संजय सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट में ईडी ने कहा है कि उन्हें जमानत दिए जाने पर आपत्ति नहीं है। अब ऐसे में बाकी मामले में यह सवाल उठेगा कि क्या अन्य मामले में भी आरोपी को हिरासत में रखना जरूरी है? तब ईडी का जवाब देखना दिलचस्प होगा। हालांकि ट्रायल में होने वाली देरी के आधार पर भी जमानत अर्जी दाखिल की जा सकती है। गौरतलब है कि इस मामले में आप नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन, बीआरएस नेता के. कविता आदि जेल में हैं।

 

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