नई दिल्ली, 27 सितम्बर (The News Air) आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश में चल रहे आई लव मोहम्मद और आई लव महादेव के विवाद के पीछे भाजपा की गहरी साजिश बताया है। उन्होंने देशवासियों से भाजपा के इस नफरती एजेंड में न फंसने की अपील करते हुए कहा कि बेरोजगारी, किसानी, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत देश के असल मुद्दे को दबाने के लिए धर्म के नाम पर झगड़े का खेल चल रहा है। इस साज़िश में भाजपा की नफरती सरकार और तथाकथित धर्मगुरु शामिल हैं। अगर हम इन साजिशों से सावधान नही हुए तो हिस्से में सिर्फ बर्बादी आएगी।
संजय सिंह ने कहा कि जब भी देश के लोग बेरोजगारी-किसानी, शिक्षा-स्वास्थ्य पर सरकार से सवाल पूछते हैं, तभी भाजपा देश के अंदर कोई न कोई नया विवाद खड़ा कर देती है, ताकि असल मुद्दे दब जाएं। आज उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पेपर लीक को लेकर युवा आवाज उठा रहे हैं और लद्दाख के लोग पूर्ण राज्य की मांग कर रहे हैं। इसीलिए भाजपा उत्तर प्रदेश में धर्म के नाम पर माहौल बिगाड़ कर इन ज्वलंत मुद्दों से देश का ध्यान भटकाना चाहती है।
शनिवार को संजय सिंह ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि हमारे देश में जब भी आम आदमी और नौजवानों अपनी जिंदगी से जुड़ा कोई मुद्दा सत्ता तक पहुंचने की कोशिश करता है, ठीक उसी समय कोई नया विवाद खड़ा कर दिया जाता है। यह सब बहुत सुनियोजित तरीके से और एक गहरी साजिश के तहत होता है। ऐसे कई उदाहरण मिल जाएंगे। पिछले कई सालों से हम देख रहे हैं कि धर्म अब आस्था का प्रतीक या भगवान के प्रति श्रद्धा जताने का जरिया नहीं रह गया, वह लड़ाई और विवाद के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
संजय सिंह ने कहा कि भाजपा की नफरती सरकार धर्म का इस्तेमाल हर त्योहार से पहले शुरू कर देती है। ईद से 10 दिन पहले और 10 दिन बाद तक झगड़ा चलाने की कोशिश की जाती है। इसी तरह बकरीद, होली, दीपावली सहित अन्य त्योहारों में भी इनके लोग झगड़ा चलाने का प्रयास करते हैं। नवरात्र के दौरान मांस की दुकानें बंद करने का विवाद खड़ा किया जाता है। ऐसे ही कांवड़ यात्रा की शुरूआत में देश के अंदर ऐसा माहौल बनाया जाता है कि विवाद खड़ा करना ही है। हमें यह सवाल खुद से करना होगा कि क्या यह धर्म हमारी आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है? भगवान के प्रति हमारी भावनाओं को जताने का प्रतीक है या बस झगड़े और विवाद का प्रतीक है?
संजय सिंह ने उत्तराखंड पेपर लीक का जिक्र करते हुए कहा कि वहां नौजवान पेपर लीक के खिलाफ लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि पेपर लीक से उनकी जिंदगी बर्बाद हो रही है। यह पेपर लीक का कांड अब नहीं चलेगा। इसी तरह उत्तर प्रदेश में सिपाही, दरोगा, लेखपाल और शिक्षक भर्ती के पेपर लीक हुए। यहां तक कि पीसीएस और जज की भर्ती के भी पेपर लीक हो गए। देश में एसएससी को लेकर बवाल हुआ, जिसमें पूरे देश के नौजवान सड़कों पर उतर आए। उधर, लद्दाख में लोग पूर्ण राज्य की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। वहां के प्रख्यात समाजसेवी सोनम वांगचुक को एनएसए के तहत गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया।
संजय सिंह ने कहा कि इन सबके बीच कुछ बौद्धिक आतंकवादी और भाजपा की नफरत फैलाने वाली केंद्र सरकार को लगा कि अगर यह सब चलता रहा तो उनका एजेंडा कैसे चलेगा? भाजपा को स्कूल, अस्पताल, शिक्षा, रोजगार या व्यापार कुछ देना नहीं है। उनका मकसद महंगाई, किसानी, बेरोजगारी, शिक्षा आदि के नाम पर लोगों को बर्बाद करना है। भाजपा यह भी चाहती है कि बच्चे नमक-रोटी खाने के लिए मजबूर हों, अस्पतालों में बेड पर कुत्ते बिठाए जाएं और टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन हों।
संजय सिंह ने फिर दोहराया कि भाजपा का इरादा सिर्फ और सिर्फ लोगों को बर्बाद करना है। इसलिए जब पेपर लीक, लद्दाख के पूर्ण राज्य, एसएससी का मुद्द उठा और नौजवान सड़क पर उतर आए, तब भाजपा को लगा कि यह सब कैसे चलेगा? कुछ और शुरू करना होगा। इसलिए उत्तर प्रदेश में धर्म के नाम पर माहौल बिगाड़ने का काम शुरू किया गया। यह योगी सरकार की गहरी साजिश का हिस्सा है। नफरत फैलाने वाले कुछ बौद्धिक आतंकवादी भी इस साजिश में शामिल हैं। वह अपने आका का नाम नहीं लेते, न यह कहते हैं कि भारत-पाकिस्तान का मैच मोदी क्यों करा रहे हैं? ये लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं। न रोजगार, शिक्षा-स्वास्थ्य और लोगों की जिंदगी में सुधार का मुद्दा ही उठाते हैं। ये लोग चाहते हैं कि देश के लोग नफरत में डूबे रहें। कुछ लोग भोले-भाले लोगों के दिमाग में नफरत का बीज बोते हैं और लोग उसी में फंसे रहते हैं।
संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश में शुरू हुए एक विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि “आई लव मोहम्मद, “आई लव महादेव, “आई लव गुरु नानक देव जी, “आई लव प्रभु यीशु” के नाम पर झगड़े इसलिए पैदा होते हैं, क्योंकि भाजपा को स्कूल, अस्पताल, सड़क, भ्रष्टाचार और महंगाई का मुद्दा दबाना है। इसलिए ये विवाद शुरू किए जाते हैं और देश के लोग इनमें फंस जाते हैं।
संजय सिंह ने कहा कि अब लोगों को तय करना है कि इन झगड़ों में फंसना है या नहीं। धर्म आस्था का प्रतीक हो सकता है, लेकिन अगर विभिन्न धर्मों से आने वाले कुछ अराजक तत्व समाज का माहौल बिगाड़ने की कोशिश करते हैं और भाजपा सरकार उनके साथ खड़ी होती है, तो समझ लीजिए कि यह लोगों की जिंदगी के असली मुद्दों को दबाने की साजिश है। इससे न शिक्षा, रोजगार, अस्पताल मिलेगा और न ही किसानी की समस्याओं का समाधान ही होगा, क्योंकि भाजपा अच्छे से जानती है कि लोग झगड़े, नफरत और हिंदू-मुसलमान के नाम पर वोट देते हैं। इसलिए भाजपा सोचती है कि हम लोगों के लिए काम क्यों करें या रोजगार क्यों दें?
संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री तो कह चुके हैं कि उत्तर प्रदेश के नौजवानों को गोबर से रोजगार देंगे। अगर लोग मानते हैं कि गोबर से रोजगार उनकी जिंदगी सुधार देगा, तो इन झगड़ों में शामिल रहें। लेकिन अगर लोग समझते हैं कि इन विवादों से कुछ हल नहीं होगा, तो अब इनको रोकने का वक्त है। हमें जिंदगी के असली मुद्दों को राजनीति, सामाजिक चेतना और संघर्ष का मुद्दा बनाकर सरकारों को सुनाना होगा और समाधान करना होगा। अगर ऐसा लगता है, तो आगे बढ़िए, आवाज उठाइए और इन झगड़ों से खुद को बचाइए।






