एमसीडी में एल्डरमैन के मनोनयन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ‘‘आप’’ सम्मान पूर्वक असहमत- संजय सिंह

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संजय

नई दिल्ली, 05 अगस्त (The News Air): सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली नगर निगम में एल्डरमैन मनोनित करने का एकाधिकार एलजी को देने के फैसले पर आम आदमी पार्टी ने सम्मान पूर्वक असहमति जताई है। सोमवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं सांसद संजय सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार को बाइपास करके सारे अधिकार एलजी को दिए जा रहे हैं, ताकि वो अपने डंडे से दिल्ली को चलाएं। इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जजों की टिप्पणी आज के फ़ैसले के विपरीत थी। यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। देश के अन्य राज्यों में भी राज्यपाल एल्डरमैन का मनोनयन करते हैं, लेकिन वो चुनी हुई सरकार की अनुशंसा पर ही करते हैं। दिल्ली में भी एक चुनी हुई सरकार है, तो फिर दिल्ली में ऐसा क्यों नहीं है?

एल्डरमैन की नियुक्ति पर आए कोर्ट के फैसले पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि यह भारत के लोकतंत्र के लिए एक बहुत बड़ा झटका है। एक चुनी हुई सरकार को बाइपास करके सारे अधिकार एलजी को दिए जा रहे हैं कि वो अपने डंडे से दिल्ली को चलाएं। यह लोकतंत्र और भारत के संविधान के लिए सही नहीं है। इसलिए मैं पूरे आदर से सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से असहमति व्यक्त करता हूं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और लोकतंत्र के खिलाफ है।

संजय सिंह ने कहा कि सुनवाई के दौरान कोर्ट में चीफ जस्टिस और बाकी जजों ने जो टिप्पणियां थीं और आज का यह फैसला उसके बिल्कुल विपरीत है। अन्य राज्यों में भी राज्यपाल ही एल्डरमैन के नामों पर मुहर लगाते हैं, लेकिन वो सरकार की अनुशंसा पर ऐसा करते हैं। दूसरे राज्यों में भी मनोनीत सभासद और पार्षद होते हैं, लेकिन चुनी हुई सरकार उनके नाम भेजती है और उसके बाद राज्यपाल उस पर मुहर लगाते हैं। दिल्ली में ऐसा क्यों नहीं है? क्या यहां चुनी हुई सरकार नहीं है? यह फैसला दिल्ली के लोगों और लोकतंत्र की भावना के विपरीत है। आम आदमी पार्टी आगामी स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में जीतेगी।

पीएम मोदी अब वक्फ बोर्ड की जमीन भी अपने दोस्तों को देना चाहते हैं- संजय सिंह

संजय सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड की संपत्ति से जुड़े कानून पर कहा कि पहले हमें देखना होगा कि केंद्र की भाजपा सरकार इस कानून में क्या-क्या चीजें लाने जा रही है। वह इस देश में सबकी संपत्ति जब्त करके अपने दोस्तों को देना चाहते हैं। इन्होंने अयोध्या में सेना की जमीन कब्जा करके अपने दोस्त अडाणी को दे दी। अब ये वक्फ बोर्ड की जमीन भी क्या कब्जा करके अपने दोस्तों को देना चाहते हैं? मोदी जी ने अपने दोस्त को पोर्ट, एयरपोर्ट, रेल, सेल सब दे दिया। ये पूरा हिन्दुस्तान एक आदमी को देना चाहते हैं। अब वक्फ की संपत्ति की भी औने-पौने दाम में बेचने की डील हुई होगी। इसलिए ये इस कानून को ला रहे हैं। मोदी जी को बताना चाहिए कि उन्होंने कितना इलेक्टोरल बॉन्ड लिया है।

भाजपा क्रीमीलेयर के जरिए संसद व विधानसभाओं में दलितों का नेतृत्व खत्म करना चाहती है- संजय सिंह

क्रीमिलेयर पर संजय सिंह ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 341 और 342 के तहत दलितों और आदिवासियों को आरक्षण का अधिकार दिया गया है। अनुच्छेद 341 में आरक्षण का आधार शुद्ध रूप से जातीय भेदभाव है, न कि आर्थिक। इसमें क्रीमीलेयर का सवाल कहां से उठता है। ऐसे तो भाजपा या किसी अन्य पार्टी का सांसद अगर एक बार एससी के आरक्षित सीट से सांसद बन जाए तो वो क्रीमीलेयर हो जाएगा, इसके बाद वो दोबारा उस सीट से चुनाव नहीं लड़ सकता है। भाजपा इस तरह संसद और विधानसभाओं से दलितों और आदिवासियों के नेतृत्व को खत्म करना चाहती है। एक बार में किसी नेता का नेतृत्व उभर कर नहीं आता है। लेकिन इस परिभाषा के हिसाब से वो क्रीमीलेयर में चले जाएंगे और फिर दोबारा उस सीट से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसलिए चिराग पासवान से लेकर भाजपा के तमाम अनुसूचित जाति और जनजाति के नेताओं के मन में भी ये सवाल उठ रहा है क्योंकि वो दोबारा अपनी सीट से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

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