Ludhiana By-Election Candidate SAD : पंजाब (Punjab) के लुधियाना (Ludhiana) में होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal – SAD) ने अपने उम्मीदवार के तौर पर एडवोकेट परोपकार सिंह घुम्मन (Advocate Parupkar Singh Ghuman) को मैदान में उतारा है। घुम्मन लंबे समय से अकाली दल में सक्रिय हैं और उन्हें कानून के क्षेत्र में भी व्यापक अनुभव प्राप्त है। वे पूर्व अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल (Additional Attorney General) पंजाब (Punjab) रह चुके हैं और जिला लुधियाना बार संघ (District Ludhiana Bar Association) के अध्यक्ष के पद पर भी सेवाएं दे चुके हैं।
पूर्व वाइस चेयरमैन बार काउंसिल पंजाब और हरियाणा (Bar Council Punjab and Haryana) के रूप में भी परोपकार सिंह घुम्मन अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इसके अलावा, वे शिरोमणि अकाली दल के कानूनी अध्यक्ष के पद पर भी रह चुके हैं। उनकी इस मजबूत पृष्ठभूमि को देखते हुए अकाली दल ने उन्हें आगामी उपचुनाव के लिए अपना प्रतिनिधि चुना है।
शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल (Maheshinder Singh Grewal) ने इस घोषणा की जानकारी देते हुए कहा कि एडवोकेट पीएस घुम्मन (Advocate PS Ghuman) एक पढ़े-लिखे और जमीनी नेता हैं, जो हमेशा लोगों के अधिकारों की लड़ाई में सबसे आगे रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि इस उपचुनाव में अकाली दल एकजुट होकर भारी बहुमत से जीत दर्ज करेगा। ग्रेवाल ने आगे बताया कि जल्द ही पार्टी के बड़े नेता लुधियाना में रैलियां और चुनावी प्रचार शुरू करेंगे।
उम्मीदवार परोपकार सिंह घुम्मन ने कहा कि हल्का पश्चमी (Halqa Paschimi) क्षेत्र विकास के मामले में काफी पिछड़ गया है। पिछले तीन वर्षों में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party – AAP) सरकार कोई विशेष काम नहीं कर पाई है। घुम्मन ने वादा किया कि वह विकास के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएंगे और आम आदमी पार्टी द्वारा पुलिस पर दबाव बनाकर की जा रही धक्केशाही को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे।
उन्होंने कहा कि अकाली दल (SAD) पूरी तरह से एकजुट होकर जनता की सेवा करेगा और विकास को प्राथमिकता देगा। परोपकार सिंह घुम्मन ने यह भी कहा कि यह उपचुनाव 2027 के विधानसभा चुनावों के रुझानों का भी संकेत देगा कि पंजाब की जनता किस पार्टी पर दोबारा भरोसा जताना चाहती है।
कानून व्यवस्था (Law and Order) पर सवाल उठाते हुए घुम्मन ने कहा कि वर्तमान में शहर में अपराध और अव्यवस्था बढ़ चुकी है। लोग न्याय के लिए पुलिस थानों (Police Stations) के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि अकाली दल के शासनकाल में जनता को पुलिस थानों में सुनवाई मिलती थी और कारोबार भी बेहतर तरीके से चलते थे। आज स्थिति यह है कि व्यापारी वर्ग कारोबार के लिए अन्य राज्यों की ओर पलायन कर रहा है, जबकि राज्य सरकार इस पलायन को रोकने में विफल रही है।