Russia Ukraine War Update: यूरोप की धरती से एक ऐसी दहाड़ सुनाई दी है जिसने Washington से लेकर Moscow तक हलचल मचा दी है। यूक्रेन के President वोलोदिमीर जेलेंस्की ने साफ शब्दों में दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं को चुनौती देते हुए कह दिया है कि वे अपनी मातृभूमि का एक इंच भी हिस्सा किसी को नहीं देंगे, चाहे दबाव कितना भी बड़ा क्यों न हो।
रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण War के बीच कूटनीतिक पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। यूक्रेन के President जेलेंस्की इस वक्त Europe के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने ब्रिटेन के Prime Minister कीर स्टार्मर, फ्रांस के President इमैनुएल मैक्रों और जर्मनी के Chancellor फ्रेडरिक मर्ज के साथ मैराथन बैठकें कीं। इन मुलाकातों के बाद जेलेंस्की ने जो तेवर दिखाए, उसने अमेरिका की शांति कोशिशों पर पानी फेर दिया है। जेलेंस्की ने लंदन में एक Press Conference के दौरान दो टूक कहा कि रूस उनसे क्षेत्र छोड़ने की मांग कर रहा है, लेकिन वे किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे। उनका कहना है कि उनके पास यूक्रेन की जमीन छोड़ने का कोई कानूनी या नैतिक अधिकार नहीं है।
Trump का शांति प्रस्ताव और जेलेंस्की की ‘ना’
यह पूरा विवाद अमेरिका के उस Peace Proposal को लेकर गहराया है, जिसे लेकर Donald Trump पिछले एक साल से कोशिशें कर रहे थे। खबरों के मुताबिक, अमेरिका ने 21 नवंबर को 28 पॉइंट्स का एक शांति प्लान पेश किया था। इस प्लान की शर्तें बेहद सख्त थीं- यूक्रेन को अपना लगभग 20% हिस्सा (खासकर डोनबास का इलाका) रूस को देना होगा, अपनी Army की संख्या अधिकतम 6 लाख तक सीमित करनी होगी और NATO में शामिल होने का सपना छोड़ना होगा। इसके बदले में रूस पर लगे सभी प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे और जब्त संपत्ति वापस कर दी जाएगी। जेलेंस्की ने इसी प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है।
Trump हुए नाराज, बेटे ने बताया यूक्रेन को भ्रष्ट
जेलेंस्की के इस रुख से Former US President डोनाल्ड ट्रंप खासे नाराज हैं। उन्होंने दावा किया कि जेलेंस्की ने अमेरिका के Peace Proposal को ठीक से पढ़ा तक नहीं है। ट्रंप ने कहा कि पहले लग रहा था कि शांति समझौता महज 10 मीटर दूर है, लेकिन अब निराशा हाथ लगी है। वहीं, इस आग में घी डालने का काम ट्रंप के बेटे, ट्रंप जूनियर ने किया है। दोहा फोरम में बोलते हुए उन्होंने विवादित बयान दिया कि यूक्रेन रूस से भी ज्यादा भ्रष्ट है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूक्रेन के अमीर लोग देश छोड़कर भाग चुके हैं और केवल गरीबों को लड़ने के लिए छोड़ दिया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यही हाल रहा तो अमेरिका इस War से अपने हाथ खींच सकता है।
यूरोप का साथ, लेकिन राह मुश्किल
इस पूरे घटनाक्रम में Europe ने खुलकर यूक्रेन का साथ देने की बात कही है। ब्रिटेन के PM कीर स्टार्मर ने जेलेंस्की को भरोसा दिलाया है कि भले ही अमेरिका दबाव बनाए, लेकिन Europe उनके साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि Ceasefire तभी होगा जब वह न्यायसंगत और स्थाई हो। यूरोपीय नेताओं का आरोप है कि अमेरिका जानबूझकर यूक्रेन पर दबाव बना रहा है जो यूरोप के हितों के खिलाफ है।
जानें पूरा मामला
यह तनातनी अमेरिका और यूक्रेन के अधिकारियों के बीच लगातार तीन दिनों तक चली बैठकों के बेनतीजा रहने के बाद सामने आई है। अमेरिका चाहता है कि युद्ध जल्द खत्म हो, इसके लिए वह यूक्रेन को कुछ समझौते करने के लिए मजबूर कर रहा है। वहीं, जेलेंस्की का तर्क है कि क्षेत्रीय विवाद जटिल हैं और वे संप्रभुता से समझौता नहीं कर सकते। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर अमेरिका ने फंडिंग और हथियारों की सप्लाई रोक दी, तो क्या Europe अकेले दम पर यूक्रेन को इस युद्ध में बनाए रख पाएगा?
मुख्य बातें (Key Points)
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जेलेंस्की ने Trump और Putin को चेतावनी देते हुए 1 इंच जमीन देने से भी इनकार किया।
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अमेरिका के Peace Proposal में यूक्रेन को 20% हिस्सा छोड़ने और NATO से दूर रहने की शर्त थी।
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ट्रंप जूनियर ने यूक्रेन को रूस से ज्यादा भ्रष्ट बताया और मदद रोकने की धमकी दी।
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ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने अमेरिका के दबाव के बावजूद यूक्रेन के साथ खड़े रहने का वादा किया।






