नई दिल्ली (New Delhi), 17 जनवरी (The News Air): रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) में रूसी सेना (Russian Army) के लिए लड़ते हुए 12 भारतीय नागरिकों के शहीद होने की खबर सामने आई है। विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने इस बात की पुष्टि की है। इसके अलावा, 16 भारतीय नागरिक अब भी लापता हैं, जिन्हें लेकर भारत सरकार ने रूस से स्थिति साफ करने और उन्हें सुरक्षित वापस भेजने की मांग की है।
126 भारतीय रूस की सेना में शामिल, 96 लौटे घर : विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने जानकारी दी कि रूस की सेना में भारतीय नागरिकों की कुल संख्या 126 थी। इनमें से 96 लोगों को रूसी सशस्त्र बल (Russian Armed Forces) से मुक्त कर भारत वापस लाया जा चुका है। हालांकि, अब भी 18 भारतीय सेना में हैं, जिनमें से 16 का कोई पता नहीं चल पाया है। रूस ने इन्हें “लापता” (Missing) की श्रेणी में रखा है।
मंत्रालय का बयान : प्रवक्ता ने कहा, “हम रूस से उन 16 भारतीयों को खोजने और सुरक्षित वापस भेजने का आग्रह कर रहे हैं। जो भी भारतीय नागरिक रूसी सेना में शामिल हुए थे, उनमें से कई को वापस लाया जा चुका है, लेकिन अब भी यह स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।”
12 भारतीयों की युद्ध में शहादत : रणधीर जायसवाल ने बताया कि अब तक 12 भारतीय नागरिक, जो रूस की सेना में सेवा दे रहे थे, युद्ध के दौरान शहीद हो चुके हैं। सरकार उनके परिवारों के साथ संपर्क में है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
लापता भारतीयों को लेकर रूस की प्रतिक्रिया : रूस ने भारत को आश्वासन दिया है कि वह लापता भारतीय नागरिकों की तलाश में हर संभव प्रयास करेगा। यह पहली बार है जब रूस की सेना में भारतीय नागरिकों की सक्रिय भागीदारी और उनकी स्थिति पर इतनी विस्तृत जानकारी सामने आई है।
क्यों शामिल हुए भारतीय रूसी सेना में? : विशेषज्ञों के अनुसार, रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भागीदारी का मुख्य कारण वहां मिलने वाले आर्थिक लाभ और नौकरी की संभावनाएं हो सकती हैं। हालांकि, सरकार ने पहले भी नागरिकों को ऐसी परिस्थितियों में शामिल होने से बचने की सलाह दी थी।
भारत सरकार का रुख : भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। विदेश मंत्रालय ने रूस से आग्रह किया है कि बचे हुए भारतीयों को जल्द से जल्द रिहा कर भारत वापस भेजा जाए।
रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव : रूस-यूक्रेन युद्ध ने न केवल वैश्विक राजनीति को प्रभावित किया है, बल्कि कई देशों के नागरिकों की जान को भी खतरे में डाल दिया है। भारतीय नागरिकों का रूसी सेना में शामिल होना और उनकी स्थिति पर यह खबर हर भारतीय के लिए चिंता का विषय है।