Rohini Acharya Facebook Post: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य, जो अपने पिता को किडनी दान करने के लिए देश भर में सराही गई थीं, एक बार फिर चर्चा में हैं। हाल ही में अपने परिवार से नाराजगी के चलते बिहार छोड़ने वाली रोहिणी ने गुरुवार को एक फेसबुक पोस्ट के जरिए अपने दिल की बात कही है। उन्होंने बिहार की नीतीश कुमार सरकार द्वारा स्कूली छात्राओं और महिलाओं को दी जा रही आर्थिक मदद की तारीफ तो की है, लेकिन इसे महिलाओं के समग्र विकास के लिए नाकाफी बताया है।
‘सिर्फ पैसे और साइकिल से नहीं होगा सशक्तिकरण’
रोहिणी आचार्य ने अपने पोस्ट में लिखा कि लड़कियों को 10,000 रुपये देना या साइकिलें बांटना भले ही एक नेक इरादे से किया गया काम हो, लेकिन यह भारत में महिलाओं के सशक्तिकरण में बाधा बनने वाले गहरे व्यवस्थागत मुद्दों को हल करने के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार और समाज का पहला दायित्व होना चाहिए कि वे बेटियों के समान अधिकारों की रक्षा के लिए सामाजिक और पारिवारिक उदासीनता को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाएं।
‘पितृसत्तात्मक मानसिकता’ पर प्रहार
रोहिणी ने बिहार में गहरी जड़ें जमा चुकी पितृसत्तात्मक मानसिकता पर भी प्रहार किया। उन्होंने लिखा कि इस मानसिकता के कारण सामाजिक और राजनीतिक दोनों ही क्षेत्रों में व्यापक बदलाव की जरूरत है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब वे खुद अपने परिवार से नाराज चल रही हैं और उनकी बातों को उनकी निजी पीड़ा से जोड़कर देखा जा रहा है।
‘मायका एक सुरक्षित स्थान होना चाहिए’
अपने पोस्ट के सबसे भावुक हिस्से में रोहिणी ने ‘मायके’ का जिक्र किया। उन्होंने लिखा, “प्रत्येक बेटी को इस आश्वासन के साथ बड़े होने का अधिकार है और उसका मायका एक ऐसा सुरक्षित स्थान है जहां वह बिना किसी डर, अपराधबोध, शर्म या कोई स्पष्टीकरण दिए बिना लौट सकती है।” उन्होंने कहा कि इस उपाय को लागू करना केवल एक प्रशासनिक दायित्व नहीं है, बल्कि यह अनगिनत महिलाओं को भविष्य में होने वाले शोषण और उत्पीड़न से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
जानें पूरा मामला
रोहिणी आचार्य पिछले कुछ समय से अपने परिवार से खफा चल रही हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी नाराजगी खुलकर सामने आई थी, जब उन्होंने संजय यादव का नाम लेकर तेजस्वी यादव और परिवार के अन्य सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि उन्हें ‘चप्पल तक दिखाया गया’ और उनकी बेइज्जती हुई। इसके बाद वे रोते हुए पटना एयरपोर्ट से विदेश चली गई थीं। रोहिणी 2024 के लोकसभा चुनाव में सारण सीट से आरजेडी की उम्मीदवार थीं, लेकिन उन्हें राजीव प्रताप रूडी के सामने हार का सामना करना पड़ा था।
मुख्य बातें (Key Points)
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रोहिणी आचार्य ने नीतीश सरकार की महिला योजनाओं की तारीफ की, लेकिन उन्हें अपर्याप्त बताया।
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उन्होंने ‘मायके’ को बेटियों के लिए एक सुरक्षित और बिना शर्त लौटने की जगह बनाने की वकालत की।
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रोहिणी ने बिहार में व्याप्त पितृसत्तात्मक मानसिकता पर सवाल उठाए।
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उनकी इस पोस्ट को परिवार से उनकी हालिया नाराजगी और निजी दर्द से जोड़कर देखा जा रहा है।






