मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेस (Motilal Oswal Financial Services) के को- फाउंडर और ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर रामदेव अग्रवाल (Raamdeo Agrawal) ने CNBC TV18 को दिए गए अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि कमोडिटी की बढ़ती कीमतें कंपनियों के मार्जिन पर अपना असर डाल रही हैं । उन्होने यह भी कहा कि हालांकि कमोडिटी की कीमतों में कुछ स्थिरता आई है लेकिन अभी भी यह काफी ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं।
उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि एक- दो सेक्टरों को छोड़ दे तो हर सेक्टर में मार्जिन पर दबाव देखने को मिला है। आगामी अप्रैल-जून तिमाही में मार्जिन में यह गिरावट ज्यादा बड़ी और व्यापक होगी।
उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी का यह असर अप्रैल -जून तिमाही में ज्यादा व्यापक और बड़े रूप में सामने आएगा लेकिन यह समय ही बताएगा कि कंपनियां लोअर मार्जिन के साथ अपनी आय में होने वाली ग्रोथ पर इसके असर से कैसे निपटेंगी। उन्होंने इस बातचीत में यह भी कहा कि तमाम मेटल उत्पादक कंपनियों के लिए कनवर्जन मार्जिन पर दबाव नजर आ रहा है।
हाल ही में हुए HDFC और HDFC Bank के मेगा मर्जर पर बात करते हुए रामदेव अग्रवाल ने कहा कि इससे मर्जर के बाद अस्तित्व में आने वाली कंपनी के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में बेहतर सुधार देखने को मिलेगा। ऐसा होने का अनुमान पहले से ही किया जा रहा था। यह काम पहले ही हो जाना चाहिए था। HDFC और HDFC Bank का मर्जर लंबी अवधि के नजरिए से फायदेमंद होगा।
इस बातचीत में रामदेव अग्रवाल ने नए युग की टेक्नोलॉजी आधारित Nykaa और Zomato जैसी डिजिटल कंपनियों पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा दूसरी कैटेगरी के विपरीत डिजिटल सेगमेंट के मार्केट लीडर ज्यादा तेजी से उभर कर सामने आते हैं। डिजिटल बिजनेस की सबसे अच्छी बात यह है कि हर कैटेगरी में हर 2-3 साल की समय अवधि में आपको 2-3 मार्केट लीडर देखने को मिल जाते हैं। 100 कंपनियों में से 75 कंपनियां गायब हो जाती है और 2-3 साल में 2-3 नए मार्केट लीडर उभर कर आते हैं।
उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि अगले 5-7 साल में भारत में डिजिटल सेगमेंट की बहुत बड़ी कंपनियां उभरकर सामने आएंगी। रामदेव अग्रवाल का मानना है कि कम प्रतिस्पर्धा के साथ भारत में टेक बूम का दौर चल रहा है।