Ricin Poison : गुजरात एटीएस ने हाल ही में आईएसआईएस (ISIS) से जुड़े एक बड़े आतंकी प्लॉट को नाकाम किया है। हैरान करने वाली बात यह है कि आतंकी ‘रिसिन’ (Ricin) नामक एक बेहद खतरनाक बायो-केमिकल जहर का इस्तेमाल करने की साजिश रच रहे थे। यह जहर अरंडी (Castor) के बीजों से बनता है, जो आसानी से मिल जाते हैं। इसकी एक चावल के दाने जितनी मात्रा भी किसी इंसान की जान लेने के लिए काफी है।
क्या है रिसिन और यह कितना खतरनाक है?
रिसिन एक प्राकृतिक प्रोटीन है जो अरंडी के पौधे (Ricinus communis) के बीजों में पाया जाता है। यह सफेद पाउडर जैसा, गंधरहित और स्वादहीन होता है। इसे खाने, सांस लेने या इंजेक्शन के जरिए शरीर में पहुंचाया जा सकता है।
यह दुनिया के सबसे घातक जहरों में से एक है। यह शरीर की कोशिकाओं को अंदर से नष्ट कर देता है और इसका कोई एंटीडोट (तोड़) मौजूद नहीं है। सिर्फ लक्षणों का इलाज किया जा सकता है।
- खाने से: एक वयस्क के लिए 5-20 अरंडी के बीज चबाना जानलेवा हो सकता है।
- सांस/इंजेक्शन से: सिर्फ 0.5 मिलीग्राम (चावल के दाने के बराबर) मात्रा ही फेफड़ों या खून में जाकर मौत का कारण बन सकती है।
कचरे से बनता है यह जहर
अरंडी के बीजों से तेल निकालने के बाद जो कचरा बचता है, जिसे ‘कैस्टर केक’ कहते हैं, वही रिसिन का मुख्य स्रोत होता है। यह कचरा आसानी से मिल जाता है, इसलिए आतंकी इसे हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की फिराक में रहते हैं। गुजरात केस में आरोपी डॉक्टर ने भी इसी से जहर बनाने की कोशिश की थी।
लक्षण और बचाव
रिसिन के संपर्क में आने के 4-6 घंटे बाद पेट दर्द, उल्टी, दस्त (खून के साथ) और डिहाइड्रेशन जैसे लक्षण शुरू होते हैं। अगर डोज ज्यादा हो, तो 36-72 घंटे में मल्टी-ऑर्गन फेलियर से मौत हो सकती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर इसके संपर्क में आने का शक हो, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
मुख्य बातें (Key Points):
- गुजरात में ISIS आतंकियों के पास से ‘रिसिन’ जहर बनाने की सामग्री मिली है।
- रिसिन अरंडी के बीजों के कचरे से बनता है और बेहद जहरीला होता है।
- सांस या इंजेक्शन के जरिए इसकी चावल के दाने जितनी मात्रा भी जानलेवा है।
- इसका कोई एंटीडोट नहीं है, सिर्फ लक्षणों का इलाज संभव है।






