Supreme Court Reservation Policy: भारत के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए पहली बार अपनी प्रशासनिक भर्तियों में अनुसूचित जाति (Scheduled Caste – SC) और अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe – ST) के लिए आरक्षण लागू कर दिया है। यह फैसला सामाजिक न्याय और समान अवसर की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही है। 24 जून को जारी एक आधिकारिक सर्कुलर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में हर साल होने वाली करीब 200 पदों की भर्ती में अब 15 प्रतिशत SC और 7.5 प्रतिशत ST आरक्षण लागू रहेगा। इसका अर्थ है कि 30 पद SC वर्ग और 15 पद ST वर्ग के लिए आरक्षित रहेंगे।
इस सर्कुलर में सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न पदों पर आरक्षण के विस्तृत आंकड़े भी साझा किए हैं। सीनियर पर्सनल असिस्टेंट (Senior Personal Assistant) के 94 पदों में से 14 पद SC और 6 पद ST कोटे के तहत भरे जाएंगे, जबकि बाकी 74 पद अनारक्षित रहेंगे। इसी तरह, असिस्टेंट लाइब्रेरियन (Assistant Librarian) के 20 पदों में से 3 पद SC और 1 पद ST वर्ग के उम्मीदवारों के लिए होंगे।
सबसे ज्यादा पद जूनियर कोर्ट असिस्टेंट (Junior Court Assistant) के हैं, जहां कुल 437 पदों में से 65 पद SC और 32 पद ST कोटे के तहत आरक्षित रहेंगे। शेष 340 पद सामान्य वर्ग के लिए होंगे। इसके अलावा, जूनियर कोर्ट अटेंडेंट (Junior Court Attendant) के 600 पदों, चेंबर अटेंडेंट (Chamber Attendant) के पदों और जूनियर कोर्ट असिस्टेंट (Technical) के 20 पदों में भी आरक्षण लागू किया गया है।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब लंबे समय से यह मांग की जा रही थी कि देश की सबसे बड़ी अदालत की प्रशासनिक भर्तियों में भी आरक्षण नीति (Reservation Policy) लागू की जाए। सर्कुलर में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि यदि कहीं आरक्षण का पालन नहीं होता है, तो संबंधित शिकायत रजिस्ट्रार (Registrar) को दर्ज कराई जाए।
यह निर्णय सामाजिक न्याय (Social Justice) और संवैधानिक समानता (Constitutional Equality) की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इससे न केवल SC-ST वर्ग को न्यायपालिका में प्रतिनिधित्व मिलेगा, बल्कि समान अवसर की भावना को भी मजबूती मिलेगी।