सॉफ्टवेयर कंपनी Wipro में ज्वाइनिंग का इंतजार कर रहे फ्रेशर्स की सैलरी को लगभग आधा घटाने के कंपनी के फैसले को लेकर नाराजगी बढ़ रही है। IT सेक्टर की एंप्लॉयीज यूनियन NITES ने विप्रो से इस फैसले पर दोबारा विचार करने की मांग की है। विप्रो के इस कदम से इकोनॉमिक चुनौतियों और टेक कंपनियों के लिए डिमांड की स्थिति का बड़ा संकेत मिल रहा है।
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक विप्रो ने फ्रेशर्स को 6.5 लाख रुपये प्रति वर्ष के पैकेज का ऑफर दिया था। कंपनी ने ज्वाइनिंग से पहले फ्रेशर्स से पूछा है कि क्या वे 3.5 लाख रुपये प्रति वर्ष का ऑफर स्वीकार करेंगे। NITES ने कंपनी के इस फैसले की निंदा करते हुए इसे ‘अन्यायपूर्ण’ और ‘निष्पक्षता और पारदर्शिता के सिद्धांतों के खिलाफ बताया है।’ NITES की मांग है कि कंपनी का मैनेजमेंट इस फैसले पर दोबारा विचार करे और दोनों पक्षों के फायदे वाले किसी समाधान तक पहुंचने के लिए यूनियन के साथ बातचीत में शामिल हो।
हाल ही में विप्रो ने Velocity ट्रेनिंग प्रोग्राम को पूरा करने वाले कैंडिडेट्स को बताया था, “हमारी इंडस्ट्री में अन्यों की तरह हम ग्लोबल इकोनॉमी और कस्टमर्स की जरूरतों का आकलन करते रहते हैं जिसका असर हमारी हायरिंग की योजना पर पड़ता है। आपके लिए ज्वाइनिंग के अवसरों को खोजने की हमारी कोशिश के साथ हम आपकी प्रतिबद्धता और संयम की प्रशंसा करते हैं।” इसके साथ ही कंपनी ने कहा था, “हमारे पास रिक्रूटमेंट के लिए 3.5 लाख रुपये प्रति वर्ष के कंपनसेशन के साथ प्रोजेक्ट इंजीनियर की पोजिशंस उपलब्ध हैं। हम Velocity ट्रेनिंग प्रोग्राम को पूरा करने वाले बैच को इन पोजिशंस का ऑफर देना चाहेंगे।”
इस बारे में संपर्क किए जाने पर, विप्रो ने ईमेल से दिए उत्तर में बताया, “मैक्रो एनवायरमेंट में बदलाव के नतीजे में हमारी बिजनेस की जरूरतों के अनुसार, हमें अपनी रिक्रूटमेंट की योजनाओं में एडजस्टमेंट करना पड़ा है। यह ऑफर कैंडिडेट्स को उनका करियर शुरू करने, अपनी एक्सपर्टाइज मजबूत करने और नए स्किल्स को सीखने का एक तुरंत अवसर दे रहा है।” कंपनी के इस फैसले की NITES ने कड़ी निंदा करते हुए ज्वाइनिंग का इंतजार कर रहे कैंडिडेट्स के पैकेज को 6.5 लाख रुपये प्रति वर्ष से घटाकर 3.5 लाख रुपये प्रति वर्ष करने को ‘अनैतिक’ करार दिया है।