खन्ना (The News Air) पंजाब के लुधियाना जिले की डाइंग इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिली है। विधायक गुरप्रीत सिंह गोगी ने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आदेशों को वापस कराया। गोगी ने इन आदेशों को विभाग का तुगलकी फरमान करार दिया। वहीं इस मसले पर संयुक्त समाधान के लिए प्रदेश के पर्यावरण मंत्री पंजाब गुरमीत सिंह मीत हेयर से फोन पर बात भी की गई।
विधायक के साथ 5 घंटे बैठक हुई
इस मुद्दे को लेकर गुरुवार को महानगर की डाइंग इंडस्ट्री मालिकों और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों की एक बैठक विधायक गुरप्रीत सिंह गोगी से हुई। यह बैठक करीब 5 घंटे चली। इसमें सभी पहलुओं पर चर्चा हुई। इंडस्ट्री मालिकों ने प्रदूषण बोर्ड के आदेशों से हो रहे करोड़ों रुपए के नुकसान का हवाला दिया। प्रदूषण बोर्ड अधिकारियों ने इंडस्ट्री से होने वाले प्रदूषण और बुड्ढा नाला की ताजा स्थिति को विधायक के समक्ष रखा।
बुड्ढा नाले के कारण लिया गया फैसला
बता दें कि डाइंग इंडस्ट्री को बंद करने का फैसला इसलिए किया गया था कि डाइंग इंडस्ट्री के CETP का पानी साफ करने के बाद बुड्ढे नाले में छोड़ा जाता है, जबकि यूनिटों का पानी सीवरेज के जरिए STP तक पहुंचने के बाद बुड्ढा नाले में जाता है। बुड्ढा नाले के ओवरफ्लो होने की समस्या से निपटने के लिए डाइंग यूनिटों को बंद करने का फैसला किया गया था। दूसरी तरफ सरकार की पॉलिसी के अनुसार न चलने वाली 54 यूनिटों को तुरंत बंद करने के नोटिस भी निकाले गए।
टेक्सटाइल इंडस्ट्री रीढ़ की हड्डी
इंडस्ट्री मालिकों ने कहा कि वर्ष 2019 में सरकार की नीति के अनुसार कुछ यूनिट CETP पर शिफ्ट हो गईं। जो यूनिट शिफ्ट नहीं हुई, उनका अलग से प्रपोजल बनाया गया। जो कुछ कारणों के चलते मंजूर नहीं हुआ था। मंजूरी न होने कारण प्रदूषण बोर्ड ने 54 यूनिटों को बंद करने के नोटिस जारी किए थे। इन सभी ने सरकार के आदेशों मुताबिक अपने यूनिट अपग्रेड किए। बहुत जल्द इस पर दोबारा विचार होगा और अच्छी प्रपोजल सरकार को दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि लुधियाना की टेक्सटाइल इंडस्ट्री सरकार की रीढ़ की हड्डी है। 50 फीसदी महानगर इसी इंडस्ट्री के सहारे चल रहा है। अगर आज 54 यूनिटों को बंद कराने के नोटिस निकाले जा सकते हैं तो कल अन्य यूनिट भी बंद कराए जा सकते हैं।
किसी कीमत पर इंडस्ट्री बंद नहीं होगी
विधायक गोगी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इंडस्ट्री किसी कीमत पर बंद नहीं होगी, क्योंकि इंडस्ट्री सरकार की रीढ़ की हड्डी है। इससे GST, वैट समेत अन्य टैक्सों से रेवेन्यू होता है। CM खुद इंडस्ट्री को प्रमोट कर रहे हैं। यह गलतफहमी थी, जिसे बैठक में दूर किया गया। विभाग ने इन पर तुगलकी फरमान थोपा था, उसे तुरंत वापस लिया गया। गोगी ने बताया कि वर्ष 2019 में जो पॉलिसी थी, उसके तहत 54 यूनिटों को नोटिस निकाले गए थे। बैठक में प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों की हाजिरी में पर्यावरण मंत्री मीत हेयर से बात करके इंडस्ट्री वालों को राहत दिलाई गई।






