Delhi Kanwar Yatra Funding Policy — सावन माह में होने वाली पवित्र कांवड़ यात्रा को लेकर दिल्ली (Delhi) की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार ने दो बड़े फैसले लिए हैं। ये फैसले न सिर्फ कांवड़ियों (Kanwariyas) की सुविधा बढ़ाएंगे, बल्कि पहले से चल रहे भ्रष्टाचार को भी रोकने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माने जा रहे हैं। कैबिनेट बैठक में लिए गए इन निर्णयों के अनुसार अब कांवड़ शिविरों को सीधे सरकार द्वारा फंड दिया जाएगा और साथ ही 1200 यूनिट तक की मुफ्त बिजली (Free Electricity) भी मुहैया कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया कि अब कोई टेंडर, कोई ठेकेदार या बिचौलिया नहीं होगा। कांवड़ यात्रा के लिए काम करने वाली रजिस्टर्ड समितियों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के तहत फंड मिलेगा। ये राशि ₹50,000 से लेकर ₹10 लाख तक की होगी, जो शिविर के साइज और यात्रा की अवधि पर निर्भर करेगी। सरकार ने इसके लिए चार श्रेणियां तय की हैं। कुल फंड का 50% पहले और 50% यात्रा पूरी होने के बाद भुगतान किया जाएगा।
गुप्ता ने बताया कि पिछली सरकारों में टेंडर प्रणाली के चलते भारी भ्रष्टाचार होता था। टेंडर कुछ ही लोग उठाते थे और फिर मनमर्जी से कैंप्स बांटे जाते थे। उन्होंने कहा कि कई बार तो अंतिम दिन तक टेंट नहीं लगते थे और बिजली या पानी की व्यवस्था भी नहीं होती थी। इससे न सिर्फ शिवभक्तों को परेशानी होती थी बल्कि समितियों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता था। नई प्रणाली में समितियों को अब डीएम (DM) ऑफिस में आवेदन करना होगा, जहां से 72 घंटे में सभी जरूरी NOC मिल जाएगी।
सरकार का दूसरा अहम फैसला शिविरों को मुफ्त बिजली देने को लेकर है। दिल्ली सरकार 1200 यूनिट तक की बिजली खपत का पूरा खर्च खुद वहन करेगी। मुख्यमंत्री के अनुसार, पिछले वर्षों के डेटा से पता चला है कि बड़े से बड़े कांवड़ शिविर में 1000 यूनिट से अधिक बिजली खपत नहीं होती, ऐसे में 1200 यूनिट की सीमा पूरी तरह से पर्याप्त है।
वित्तीय पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि तीन महीने के भीतर सभी भुगतान निपटा दिए जाएं। पहले के वर्षों में भुगतान तीन से चार साल तक पेंडिंग रहते थे, जिससे समितियों को भारी असुविधा होती थी। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि जो संस्थाएं अब तक पंजीकृत नहीं हैं, वे 30 जुलाई तक पंजीकरण करा सकती हैं ताकि उन्हें भी योजना का लाभ मिल सके।
दिल्ली सरकार के इन दो फैसलों से जहां कांवड़ यात्रा में भाग लेने वाले भक्तों को सीधी सुविधा मिलेगी, वहीं इसके जरिए शासन-प्रशासन में पारदर्शिता लाने का प्रयास भी स्पष्ट रूप से नजर आता है। आने वाले समय में यह व्यवस्था अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल बन सकती है।