नई दिल्ली,11 जुलाई (The News Air):सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एक दिलचस्प वाकया सामने आया। चीफ जस्टिस की बेंच ने ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) के लिए कट-ऑफ स्कोर कम करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। इसमें जनरल कैटिगरी के लिए 45 और SC/ST के लिए 40 कटऑफ है। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता से कहा, अगर कोई इतना स्कोर नहीं कर सकता तो वह कैसा वकील होगा? आप इसे घटाने की बात कह रहे हैं। ‘पढ़ो भाई, ऐसे कैसे वकील बनोगे?’ कट-ऑफ कम करने से बार में भर्ती होने वाले वकीलों की क्षमता पर असर पड़ेगा।
क्या होता है AIBE एग्जाम?
बता दें कि ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा आयोजित एक परीक्षा है, जिसे लॉ ग्रेजुएट्स को भारत में वकालत करने के लिए अनिवार्य रूप से पास करना होता है। यह परीक्षा उन लॉ ग्रेजुएट के लिए है जो भारतीय अदालतों में प्रैक्टिस करना चाहते हैं। AIBE का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वकील के रूप में प्रैक्टिस करने वाले व्यक्ति में न्यूनतम कानूनी ज्ञान और विधिक कौशल हो। इस परीक्षा को पास करने के बाद, लॉ ग्रेजुएट को ‘प्रैक्टिस सर्टिफिकेट’ दिया जाता है, जो उन्हें भारतीय अदालतों में वकालत करने की अनुमति देता है।








