The News Air- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने वित्त वर्ष 2023 के लिए महंगाई (Inflation) के अपने अनुमान को 4.7 फीसदी से बढ़ाकर 5.7 फीसदी कर दिया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की इस वित्त वर्ष के लिए हुई पहली बैठक के बाद यह जानकारी दी। शक्तिकांत दास ने RBI को वित्त वर्ष 2023 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई 5.7 फीसदी रहने का अनुमान है।
RBI गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में CPI महंगाई के 6.3 फीसदी रहने का अनुमान है, दूसरी तिमाही में इसके 5 फीसदी रहने का अनुमान है, तीसरी तिमाही में इसके 5.4 फीसदी रहने का अनुमान है और चौथी तिमाही में यह 5.1 फीसदी पर रह सकता है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि रूस-यूक्रेन जंग से कच्चे तेल की कीमतों में आई उछाल से मंहगाई बढ़ सकती है। ग्लोबल स्तर पर कच्चे तेल के दाम अभी भी ऊंचे स्तर पर बने हुए हैं। इसके अलावा निकट भविष्य में एडिबल ऑयल की कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी रह सकती हैं।
RBI ने कहा कि ग्लोबल लेवल पर महंगाई के अनुमानों में फेरबदल किया गया है और ग्लोबल उत्पादन पर बड़ा असर पड़ने का जोखिम पैदा कर दिया है। शक्तिकांत दास ने कहा कि भू-राजनीतिक तनावों के बीच, लागत पर दबाव बढ़ने और सप्लाई चेन में बाधाओं के बने रहने की उम्मीद है।
रेपो रेट में नहीं हुआ बदलाव
RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने एकबार फिर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। RBI ने कहा कि रेपो रेट पहले की तरह 4% पर बरकरार रहेगा। वहीं रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर बना हुआ है। यह लगातार 11वीं बैठक है जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
GDP का अनुमान घटाया
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 में GDP ग्रोथ का अनुमान घटाकर 7.2% रहने का अनुमान जताया है। RBI के गवर्नर पहले RBI ने इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 में ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। RBI ने कहा कि भारत की ग्रोथ पर कोरोना की महामारी का असर पड़ा है। हालांकि, अब इकोनॉमी में रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं। वित्त वर्ष 2021-22 की दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5.4 फीसदी रही। सितंबर तिमाही में ग्रोथ रेट 8.5 फीसदी थी।